कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 18)
By Raja Sharma
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About this ebook
विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.
इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की अठारहवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.
कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.
बहुत धन्यवाद
राजा शर्मा
Raja Sharma
Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.
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कथा सागर - Raja Sharma
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Copyright
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 18)
राजा शर्मा
Copyright@2018 राजा शर्मा Raja Sharma
Smashwords Edition
All rights reserved
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 18)
Copyright
दो शब्द
बिना डोरी पतंग Bina Dori Patang
सोने के सिक्के Soney Ke Sau Sikkey
किसी और से शादी Kisi Aur Se Shaadi
फ़ोन नंबर Phone Number
बिना चोरों की दुनिया Bina Choron Ki Duniya
मैं भी मछली हूँ Main Bhi Machli Hoon
छोटा सा ऋण Chota Sa Rin
बुरे का अंत बुरा Bure Ka Ant Bura
माँ, बाप, बेटी Maan, Baap, Beti
चुम्बन Chumban
रास्ता बताने के पैसे Rasta Bataane Ke Paise
पूँछ हिलाइये, भौंकिये Poonch Hilaiye, Bhaunkiye
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दो शब्द
विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.
इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की अठारहवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.
कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.
बहुत धन्यवाद
राजा शर्मा
बिना डोरी पतंग Bina Dori Patang
एक दिन एक पिता और उसका बेटा एक पतंग मेले में गए. आकाश में हजारों रंग बिरंगी पतंगें देख कर बेटा बहुत ही खुश हुआ. उसने अपने पिता से कहा, मुझे भी एक पतंग और एक चरखी धागा ले दीजिये.
उसके पिता जी ने मेले की एक दुकान से बेटे के लिए एक सुन्दर सी पतंग और एक बड़ी चरखी धागे की खरीद दी. उसके बेटे ने वो पतंग आकाश में उड़ा दी. कुछ ही समय में उसकी पतंग नीले आकाश में बहुत ऊपर उड़ने लगी.
कुछ देर बाद बेटे ने पिता से कहा, पिताजी, ऐसा लगता है हमारी पतंग और ऊपर जा सकती है परन्तु ये डोरी उसको रोक रही है. क्या मैं इसकी डोरी तोड़ सकता हूँ ताकि ये और ऊपर जा सके?
पिता ने बेटे की ख़ुशी के लिए चरखी पर से पतंग की डोरी काट दी. पतंग बहुत तेजी से उनसे और ऊपर और दूर होने लगी. बेटा ये देख कर और भी खुश हो गया.
परन्तु कुछ ही देर में वो पतंग नीचे आने लगी और अंत में दूर एक घर की छत पर गिर गयी. बेटा तो ये देख कर बहुत ही चकित हो गया.
उसने अपने पिता से कहा, पिताजी, मैंने सोचा था के डोरी काट देने के बाद पतंग स्वतंत्र हो जाएगी और और ऊपर उड़ सकेगी, परन्तु वो तो उस घर के छत पर गिर गयी?
पिता ने अपने बेटे से कहना शुरू किया, "बेटे, जब हमारा जीवन उत्थान पर होता है और हम ऊपर जा रहे होते हैं, हम सोचते हैं के कुछ चीजें हमको ऊपर जाने से रोक रही हैं.
वास्तव में वो डोरी पतंग को ऊपर जाने से नहीं रोक रही थी, वो उस पतंग को ऊपर बने रहने में सहायता कर रही थी.
हवा तेज़ होते समय और हवा कम होते समय, वो डोरी ही उस पतंग को थामे हुए थी. जब हमने डोरी काट दी उस पतंग का वो सहारा भी अंत हो गया और वो समर्थन जो उसको डोरी से मिल रहा था नहीं रहा और वो