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कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 19)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 19)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 19)
Ebook108 pages58 minutes

कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 19)

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About this ebook

विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की उन्नीसवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

बहुत धन्यवाद

राजा शर्मा

Languageहिन्दी
PublisherRaja Sharma
Release dateJun 13, 2018
ISBN9780463806883
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 19)
Author

Raja Sharma

Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.

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    कथा सागर - Raja Sharma

    www.smashwords.com

    Copyright

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 19)

    राजा शर्मा

    Copyright@2018 राजा शर्मा Raja Sharma

    Smashwords Edition

    All rights reserved

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 19)

    Copyright

    दो शब्द

    मुझे गोद ले लो Mujhe God Le Lo

    महंगी कार की कब्र Mehangi Kaar Ki Kabr

    पत्नी को जवाब Patni Ko Jawaab

    कलाकार Kalakaar

    नया ज़माना Naya Jamaana

    जहरीली मछली Jahreeli Machli

    मृत्युदंड का कारण Mrityudand Ka Kaaran

    पत्नी को खुश रखना Patni Ko Khush Rakhna

    वही लो जो चाहिए Wahi Lo Jo Chahiye

    भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार Bhrashtachar Hi Bhrashtachar

    भाई भाई में फरक Bhai Bhai Mein Farak

    जीवित या मरी चिड़िया Jeevit Ya Mari Chidiya

    माँ के नियम Maa Ke Niyam

    पुरानी थाली Purani Thali

    व्यापार की कला Vyaapar Ki Kala

    कन्फ्यूशियस और बूढा किसान Confucius Aur Boodha Kisaan

    खेती करो अन्न पाओ Kheti Karo Ann Pao

    चिप्स बेचने वाला Chips Bechne Wala

    एक जोड़ी पदचिन्ह Ek Jodi Padchinha

    अच्छे काम व्यर्थ नहीं जाते Achhe Kaam Vyarth Nahi Jaatey

    आपसे एक घंटा पहले Aapse Ek Ghanta Pahley

    बहुमूल्य बातें Bahumoolya Batein

    दादाजी के साथ Dadaji Ke Sath

    भगवान् मेरे मेहमान Bhagwaan Mere Mehmaan

    दया और करुणा Daya Aur Karuna

    दो शब्द

    विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

    इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की उन्नीसवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

    कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

    बहुत धन्यवाद

    राजा शर्मा

    मुझे गोद ले लो Mujhe God Le Lo

    केरोलिन का जन्म एक अमीर परिवार में हुआ था. घर में १६ कमरे थे और बहुत से नौकर चाकर थे. उनके पास ५ कारें थी. उसके पिता और माता के साथ साथ वो और उसका भाई भी खूब परिश्रम करते थे.

    वो कभी कभी सोचती थी के उसके माता पिता सिर्फ अपने लिए ही काम करते थे. उसके पिताजी एक बहुत ही सफल वकील थे और माँ एक लोकप्रिय लेखिका थी.

    पैसा तो बहुत था पर वो कभी भी पैसे की तरफ ध्यान नहीं देते थे. माँ रोज सुबह ८ बजे से रात के ९ बजे तक काम करती थी और लिखती रहती थी.

    पिताजी तो बहुत कम ही घर पर दिखते थे क्योंकि वो हमेशा ही अपने ग्राहकों की कानूनी समस्याओं में उलझे रहते थे.

    वो १४ साल की थी और उसका बड़ा भाई १७ साल का था. किसी भी परेशानी के समय में उसका बड़ा भाई ही उसके साथ खड़ा रहता था और उसको सहारा देता था. वो बड़ा भाई उसको बहुत प्यार करता था.

    आज जब वो उस समय के बारे में सोचती है तो उसको अपने बड़े भाई की सबसे अधिक कमी महसूस होती है. वो हमेशा कहती है, काश मेरे पिताजी के इतने शत्रु ना होते! उनके शत्रुओं ने ही उनके घर को आग लगा दी थी.

    वो कहती है के वो अपनी माँ को जिम्मेदार ठहराती है क्योंकि उन्होंने ही पिता को इतने शत्रु होते हुए भी कुछ नहीं कहा था. उसके पिता जी अक्सर उसपर अपना गुस्सा निकलते थे.

    सोमवार की एक रात वो अपने कमरे में थी और संगीत सुनने के साथ साथ अपने स्कूल का काम भी कर रही थी. उसका बड़ा भाई गिटार बजा रहा था. उसकी माँ अपने दफ़्तरनुमा कमरे में थी और पिता जी हमेशा की तरह घर से बाहर ही थे.

    अचानक बाहर के दरवाजे पर हुई एक जोरदार दस्तक ने उसको डरा दिया. उसने खिड़की से बाहर देखा के पांच सूट पहने हुए पुरुष बाहर खड़े थे. वो तुरंत अपने कमरे से बाहर आयी और सीढ़ियों से नीचे अपने माँ के कमरे में गयी और उन लोगों के बारे में बताया.

    माँ ने गुस्से में कहा, मेरे काम में बाधा पहुंचाने के लिए तुम्हारा धन्यवाद.

    उसने कहा, माँ, माफ़ कर दीजिये, पर नीचे पांच लोग आये हैं.

    माँ के चेहरे का भी रंग उड़ गया और वो दौड़कर खिड़की की तरफ गयी. माँ ने केरोलिन की तरफ देखा और फिर दरवाजा खोलने के लिए गयी.

    उनमें से एक व्यक्ति ने उसकी माँ के बाल पकड़ लिए और बाकी चारों ने अपने अपने जेब

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