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कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 23)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 23)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 23)
Ebook112 pages1 hour

कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 23)

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About this ebook

विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की तेईसवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

बहुत धन्यवाद

राजा शर्मा

Languageहिन्दी
PublisherRaja Sharma
Release dateJun 17, 2018
ISBN9780463577998
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 23)
Author

Raja Sharma

Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.

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    कथा सागर - Raja Sharma

    www.smashwords.com

    Copyright

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 23)

    राजा शर्मा

    Copyright@2018 राजा शर्मा Raja Sharma

    Smashwords Edition

    All rights reserved

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 23)

    Copyright

    दो शब्द

    मुखिया की दाढ़ी Mukhiya Ki Dadhi

    फ़ोन ठग Phone Thug

    उसके मरने के बाद Uske Marne Ke Baad

    87 साल की छात्रा 87 Saal Ki Chaatra

    मेरी मूंछें Meri Moochein

    दो बहनें Do Behanein

    टेलीविज़न के खेल Television Ke Khel

    राजमिस्त्री Raaj Mistri

    अंतिम दृश्य Antim Drishya

    और मेरा सम्मान Aur Mera Samman

    चिकित्सा विशेषज्ञ Chikitsa Visheshagya

    ये पहली बार हुआ...... Ye Pahli Baar Hua

    खच्चर के आंसू Khachhar Ke Ansu

    जाको राखे साइंया Jako Rakhey Sainyaa

    कटोरा मत फेंकिए Katora Mat Fenkiye

    खराब फ़ोन Kharaab Phone

    वो भी दिन थे Wo Bhi Din The

    कितना अच्छा झूठ Kitna Achha Jhooth

    हीन भावना Heen Bhavna

    अगर ऐसा होता तो....Agar Aisa Hota To

    किताबों का रक्षक Kitabon Ka Rakshak

    हीरो बनना Hero Bannaa

    धीरे धीरे बढ़ता प्रेम Dheere Dheere Badhta Prem

    वो अकेली औरत Wo Akeli Aurat

    कैसे चेहरा दिखाऊं Kaise Chehra Dikhaun

    दो शब्द

    विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

    इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की तेईसवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

    कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

    बहुत धन्यवाद

    राजा शर्मा

    मुखिया की दाढ़ी Mukhiya Ki Dadhi

    एक बार एक गाँव का मुखिया अपनी दाढ़ी को थोड़ा छोटा करवा रहा था. जब काम पूरा हो गया तो नाई ने कहा, हुज़ूर, आपकी दाढ़ी थोड़ी सफेद हो गयी है.

    मुखिया को इतना गुस्सा आया के उसने उस नाई को तीन दिन तक जेल में रखने का आदेश दे दिया.

    मुखिया ने वहां उपस्थित जेल के एक कर्मचारी से पूछा, "क्या तुमको मेरी दाढ़ी में सफेदी दिख रही है?

    उस कर्मचारी ने कहा, लगभग नहीं के बराबर.

    मुखिया को गुस्सा आ गया, लगभग नहीं का क्या मतलब है? उसने उस कर्मचारी को भी एक हफ्ते के लिए जेल भेज दिया.

    मुखिया ने एक और कर्मचारी से अपनी दाढ़ी के बारे में पूछा. उस कर्मचारी ने पहले के दो व्यक्तियों का परिणाम देख लिया था. उसने मुखिया से कहा, आपकी दाढ़ी तो बिलकुल काली है.

    मुखिया जोर से चिल्लाया, तुम झूठ बोल रहे हो! उसने सिपाहियों को आदेश दिया के उस व्यक्ति को दस कोड़े मारें और एक महीने के लिए जेल में बंद कर दें.

    अंत में मुखिया मुल्ला नसरुदीन से मिला और पूछा, तुम मुझको बताओ के मेरी दाढ़ी का रंग क्या है?

    मुल्ला नसरुदीन ने बहुत ही शांति पूर्वक ढंग से जवाब दिया, हुज़ूर, मैं उत्तर तो दे देता परन्तु मेरी आंखें रंग नहीं पहचान सकती. ये दोष मुझे जन्म से ही है.

    मित्रों,

    जब शासक बहुत ही क्रूर और निरंकुश हो तो उसके किसी भी प्रश्न का उत्तर बहुत ही सोच समझ कर देना चाहिए, क्योंकि आप नहीं जानते के कौन से उत्तर से नाखुश होकर वो आपको सजा दे दे.

    ऐसे क्रूर लोगों के सामने कुछ समय के लिए खुद भी मूर्ख बन जाना ही बुद्धिमता होती है.

    फ़ोन ठग Phone Thug

    चीन के एक ठग ने एक दिन अपने सेल फ़ोन से चीन के १८ मुख्य नेताओं को टेक्स्ट मैसेज भेजे. उसने लिखा था: तुमने सुना होगा के शंघाई के बहुत से न्यायाधीश वैश्याओं के पास गए थे.

    उस ठग को पूरा विश्वास था के उसके टेक्स्ट संदेशों के जवाब आएंगे. आठ नेताओं ने जवाब नहीं दिए. अब ठग ने मान लिया के वो आठ लोग तो उसके जाल में नहीं फंसे थे. उसने उन आठ नेताओं के फ़ोन नंबर अपने फ़ोन पर से हटा दिए.

    दस लोगों के जवाब आये, तुम कौन हो?

    ठग ने जवाब में लिखा, "तुमको ये चिंता नहीं करनी चाहिए के मैं कौन हूँ, परन्तु मेरे पास प्रमाण हैं के तुम वैश्याओं के पास गए थे.

    दस में से दो नेताओं जे जवाब दिया, तुम कौन हो? अगर तुम ऐसे ही मैसेज भेजते रहोगे तो मैं पुलिस को बता दूंगा.

    ठग को मालूम चल गया के उन दो नेताओं को मूर्ख बनाना आसान नहीं था. उसने उन दोनों नेताओं के नंबर भी अपने फोन पर से हटा दिए.

    अब बाकी रहे थे आठ नेता और सबने यही पूछा था, तुम कौन हो?

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