कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 23)
By Raja Sharma
()
About this ebook
विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.
इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की तेईसवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.
कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.
बहुत धन्यवाद
राजा शर्मा
Raja Sharma
Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.
Related to कथा सागर
Titles in the series (100)
पूरब और पश्चिम Rating: 5 out of 5 stars5/5काव्य सरिता: द्वितीय भाग Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 3) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsThe Journey Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsInspirational Stories in Hindi प्रेरणा कथाएं हिंदी में (Part One) Rating: 1 out of 5 stars1/5कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 8) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (1) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsओस की एक बूँद Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकाव्य सरिता: प्रथम भाग Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsआज की दुनिया: काव्य संग्रह Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (3) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsगरीब का नव वर्ष Rating: 1 out of 5 stars1/5Inspirational Stories in Hindi प्रेरणा कथाएं हिंदी में (Part Three) Rating: 5 out of 5 stars5/5प्रेरणा कथाएं: भाग एक Rating: 3 out of 5 stars3/5कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 1) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (5) Rating: 5 out of 5 stars5/5और गंगा बहती रही Aur Ganga Bahti Rahi Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (2) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsप्रेरणा कथाएं: भाग दो Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsएक भीगी साँझ Rating: 5 out of 5 stars5/5हाइकू (Haiku) Rating: 3 out of 5 stars3/5Inspirational Stories in Hindi प्रेरणा कथाएं हिंदी में (Part Two) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 13) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 2) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsजीवन के पहलू (Jeevan Ke Pahlu) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsइवान तुर्गनेव की महान कथायें Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (4) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsसाहित्य के फलक पर दमकते सितारे Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 6) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 10) Rating: 0 out of 5 stars0 ratings
Related ebooks
लू शुन की महान कथायें Rating: 1 out of 5 stars1/5कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 19) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsविलम्बित सत्य Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsAgyatvas Ka Humsafar (अज्ञातवास का हमसफ़र) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 9) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsलघुकथा मंजूषा 5 Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsअजीब कहानियाँ Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 39) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsलघुकथा मंजूषा 3 Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsPremchand Ki 41 Lokpriya Kahaniyan - (प्रेमचंद की 41 लोकप्रिय कहानियाँ) Rating: 5 out of 5 stars5/5कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 34) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsछोटे छोटे डर (भूतिया कहानियाँ) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 36) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 38) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 12) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsBhrst Kute Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 21) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 28) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsप्रेरणा कथाएं: भाग एक Rating: 3 out of 5 stars3/5कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 26) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsPratigya (Hindi) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकहानियाँ सबके लिए (भाग 8) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsरहस्य और रोमांच Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकहानियाँ सबके लिए (भाग 4) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 2) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsछोटी कहानियाँ बड़ों के लिए Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsSUPERHIT JOKES Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsअ हाउस फॉर मिस्टर बिस्वास (हिंदी सारांश) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 7) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsBalwa Rating: 0 out of 5 stars0 ratings
Reviews for कथा सागर
0 ratings0 reviews
Book preview
कथा सागर - Raja Sharma
www.smashwords.com
Copyright
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 23)
राजा शर्मा
Copyright@2018 राजा शर्मा Raja Sharma
Smashwords Edition
All rights reserved
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 23)
Copyright
दो शब्द
मुखिया की दाढ़ी Mukhiya Ki Dadhi
फ़ोन ठग Phone Thug
उसके मरने के बाद Uske Marne Ke Baad
87 साल की छात्रा 87 Saal Ki Chaatra
मेरी मूंछें Meri Moochein
दो बहनें Do Behanein
टेलीविज़न के खेल Television Ke Khel
राजमिस्त्री Raaj Mistri
अंतिम दृश्य Antim Drishya
और मेरा सम्मान Aur Mera Samman
चिकित्सा विशेषज्ञ Chikitsa Visheshagya
ये पहली बार हुआ...... Ye Pahli Baar Hua
खच्चर के आंसू Khachhar Ke Ansu
जाको राखे साइंया Jako Rakhey Sainyaa
कटोरा मत फेंकिए Katora Mat Fenkiye
खराब फ़ोन Kharaab Phone
वो भी दिन थे Wo Bhi Din The
कितना अच्छा झूठ Kitna Achha Jhooth
हीन भावना Heen Bhavna
अगर ऐसा होता तो....Agar Aisa Hota To
किताबों का रक्षक Kitabon Ka Rakshak
हीरो बनना Hero Bannaa
धीरे धीरे बढ़ता प्रेम Dheere Dheere Badhta Prem
वो अकेली औरत Wo Akeli Aurat
कैसे चेहरा दिखाऊं Kaise Chehra Dikhaun
दो शब्द
विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.
इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की तेईसवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.
कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.
बहुत धन्यवाद
राजा शर्मा
मुखिया की दाढ़ी Mukhiya Ki Dadhi
एक बार एक गाँव का मुखिया अपनी दाढ़ी को थोड़ा छोटा करवा रहा था. जब काम पूरा हो गया तो नाई ने कहा, हुज़ूर, आपकी दाढ़ी थोड़ी सफेद हो गयी है.
मुखिया को इतना गुस्सा आया के उसने उस नाई को तीन दिन तक जेल में रखने का आदेश दे दिया.
मुखिया ने वहां उपस्थित जेल के एक कर्मचारी से पूछा, "क्या तुमको मेरी दाढ़ी में सफेदी दिख रही है?
उस कर्मचारी ने कहा, लगभग नहीं के बराबर.
मुखिया को गुस्सा आ गया, लगभग नहीं का क्या मतलब है?
उसने उस कर्मचारी को भी एक हफ्ते के लिए जेल भेज दिया.
मुखिया ने एक और कर्मचारी से अपनी दाढ़ी के बारे में पूछा. उस कर्मचारी ने पहले के दो व्यक्तियों का परिणाम देख लिया था. उसने मुखिया से कहा, आपकी दाढ़ी तो बिलकुल काली है.
मुखिया जोर से चिल्लाया, तुम झूठ बोल रहे हो!
उसने सिपाहियों को आदेश दिया के उस व्यक्ति को दस कोड़े मारें और एक महीने के लिए जेल में बंद कर दें.
अंत में मुखिया मुल्ला नसरुदीन से मिला और पूछा, तुम मुझको बताओ के मेरी दाढ़ी का रंग क्या है?
मुल्ला नसरुदीन ने बहुत ही शांति पूर्वक ढंग से जवाब दिया, हुज़ूर, मैं उत्तर तो दे देता परन्तु मेरी आंखें रंग नहीं पहचान सकती. ये दोष मुझे जन्म से ही है.
मित्रों,
जब शासक बहुत ही क्रूर और निरंकुश हो तो उसके किसी भी प्रश्न का उत्तर बहुत ही सोच समझ कर देना चाहिए, क्योंकि आप नहीं जानते के कौन से उत्तर से नाखुश होकर वो आपको सजा दे दे.
ऐसे क्रूर लोगों के सामने कुछ समय के लिए खुद भी मूर्ख बन जाना ही बुद्धिमता होती है.
फ़ोन ठग Phone Thug
चीन के एक ठग ने एक दिन अपने सेल फ़ोन से चीन के १८ मुख्य नेताओं को टेक्स्ट मैसेज भेजे. उसने लिखा था: तुमने सुना होगा के शंघाई के बहुत से न्यायाधीश वैश्याओं के पास गए थे.
उस ठग को पूरा विश्वास था के उसके टेक्स्ट संदेशों के जवाब आएंगे. आठ नेताओं ने जवाब नहीं दिए. अब ठग ने मान लिया के वो आठ लोग तो उसके जाल में नहीं फंसे थे. उसने उन आठ नेताओं के फ़ोन नंबर अपने फ़ोन पर से हटा दिए.
दस लोगों के जवाब आये, तुम कौन हो?
ठग ने जवाब में लिखा, "तुमको ये चिंता नहीं करनी चाहिए के मैं कौन हूँ, परन्तु मेरे पास प्रमाण हैं के तुम वैश्याओं के पास गए थे.
दस में से दो नेताओं जे जवाब दिया, तुम कौन हो? अगर तुम ऐसे ही मैसेज भेजते रहोगे तो मैं पुलिस को बता दूंगा.
ठग को मालूम चल गया के उन दो नेताओं को मूर्ख बनाना आसान नहीं था. उसने उन दोनों नेताओं के नंबर भी अपने फोन पर से हटा दिए.
अब बाकी रहे थे आठ नेता और सबने यही पूछा था, तुम कौन हो?