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आििजम के लकण
डाकिरो की राय मे 700 मे से एक बचचा आििजम से पीिित होता है । बचचे के शुरआती 18 महीनो के वयवहार से
ही उसमे आििजम की पहचान हो जाती है । िनमन लकणो से आप बचचे मे आििजम पहचान सकते है ंै :
-बचचे से बात करते समय वह एकिक आपको दे िता रहता है , पलके नहीं झपकाता
-वह दस
ू रे बचचो से दरू रहता है या उनके पास जाने मे शरमाता है
-बचचे को आपके दारा कहे गए कुछ िास शबदो को समझने मे तकलीफ होती है
आििजम का सही कारण अभी भी पता नहीं है । कुछ वैजािनको की राय मे बचचो मे आििजम का कारण अनुवांिशक
गिबिी हो सकती है । हमारे मिसतषक मे करीब 10 िरब तंििका कोिशकाएं होती है िजनहे नयूरान कहा जाता है ।
पतयेक नयूरान के सैकिो अनय तंतु जुिे होते है जो शरीर के िविभनन भागो से सूचना मिसतषक को पहुंचाते है । इसी
से हमे कुछ भी होने का एहसास होता है । कभी-कभी बचचो मे इसी सूचना तंि मे कुछ गिबिी आ जाती है िजससे
उनके आपसी संवाद, भावनाओं और बोध [सेस] पर दषुपभाव पिता है ।
कया है इलाज
सीधे तौर पर आििजम का कोई इलाज नहीं है । डाकिर, थेरेिपसि और कुछ िास पिशकको की मदद से बचचो को
आििजम मे होने वाली काफी तकलीफो से उबारा जा सकता है । यिद कम उम मे ही िीक से इलाज शुर हो जाए तो
बचचे मे तेजी से सुधार आने लगता है ।