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िॉ.भहे श शभाा
कोई बी ऩदाथा ठोस, द्रव्म मा गैसीम तत्ि के तभश्रण से फना होता है । डकसी बी तत्ि भं अणु
(भॉतरटमूर) होते हं । इन अणुओॊ भं ऩयभाणु (एिभ) होते हं । मे ऩयभाणु डकसी बी ऩदाथा का अतत
सूक्ष्भ रूऩ होता है । इसभं उस ऩदाथा के सबी गुण ऩामे जाते हं । इन ऩयभाणुओॊ भं एक तनक्ित भात्रा
भं प्रोिोन , तमूट्रॉन औय इरेटट्रॉन होते हं ।
डकसी बी ऩदाथा के एिभ भं प्रोिोन औय तमूट्रॉतस की सॊख्मा फयाफय मा एक सुतनक्ित अनुऩात भं होने
ऩय इसे क्थथय एिभ कहते हं अथाात ् इनका थिरुऩ कबी फदरता नहीॊ है । रेडकन कुछ एिभ ऐसे होते हं
क्जनभं तमूट्रॉॊस की सॊख्मा प्रोिोतस से कहीॊ अतधक होती है , इतहं अक्थथय ऩयभाणु मा “अनथिे फर
एिभ” कहते हं । मे ऩदाथा क्थथयता प्राप्त कयने के तरए जफ तक िे क्थथय नहीॊ होते कुछ कण
(ऩाडिा कल्स) मा इरेटट्रोभैग्नेडिक डकयणं रगाताय तनकारते यहते हं । ऐसे एिम्स िारे ऩदाथा मा तत्िं को
ये डिमोएक्टिि ऩदाथा कहते हं औय इनकी विडकयणं (एतभशतस) को ये डिमोएक्टिवििी कहा जाता है । मे कण
औय डकयणं िाजा मा एनजीमुक्त होती है । एिभ के तमूक्टरमस से तनकरने के कायण इस ऊजाा (एनजी)
को तमूक्टरमय एनजी कहा जाता है । मे कण मा ऩाडिा कल्स – अल्पा मा फीिा डकयण (ये ) हो सकती है ।
अल्पा डकयणं घनात्भक ( ऩॉक्जडििरी) िाजाि होती हं औय फीिा डकयणं ऩोक्जडिि औय नेगेडिि दोनं
िाजाि हो सकती हं ।गाभा ये ज मा एटसये डकयणं डदिाई नहीॊ दे ती हं । डकततु इऩसे साभना (एटसऩोजय)
होने ऩय इनका दष्प्ु प्रबाि शयीय के वितबतन अॊगं ऩय ऩड़ता है । एटसऩोजय के होने के सभम तो कुछ
बी ऩता नहीॊ िरता , रेडकन कुछ सभम के फाद शयीय ऩय इनका दष्प्ु प्रबाि डदिाई दे ने रगता है ।
अतधक एटसऩोजय होने ऩय प्रबाि बी अतधक होता है ।
कोक्थभक ये , एटथट्रा िे येक्थट्रमर ये डिएशन , सोरय ये डिएशन औय ये िॉन के रूऩ भं कुछ विडकयणं िामुभॊिर
भं प्राकृ ततक रूऩ से विद्यभान य हती हं । भानि शयीय के तरमे इन विडकयणं की अतधकतभ सुयक्ऺत
सहनीम भात्रा 1 एभएसिी होती है । डकततु इससे अतधक एटसऩोजय भनुष्प्म द्वाया तनतभात मॊत्रं द्वाया ही
होता है । विडकयणं से एटसऩोजय दो तयह से हो सकता है । रम्फे सभम तक जैसे डकसी रैफ मा प्राॊि
भं काभ कयने िारे कभािारयमं भं विडकयणं से एटसऩोजय धीये धीये होता है मा डपय हार के जाऩान
की बूकॊऩ के फाद ये डिमोएक्टिि ऩदाथा के रयसाि जैसी दघ
ु ि
ा ना से मा डकसी कृ वत्रभ मा प्राकृ ततक आऩदा
मा दघ
ु ि
ा ना के कायण से अिानक अतधक भात्रा भं एटसऩोजय हो सकता है ।
डकसी तमूक्टरमय प्राॊि भं रयसाि मा विथपोि से मा डपय डकसी ये डिमो एक्टिि सोसा के िो जाने ऩय
विडकयण दघ
ु ि
ा ना हो सकती है । आभ तौय ऩय ये डिमो एक्टिि सोसा को रेि शील््स भं सुयक्ऺत यिा
जाता है , ताडक विडकयण के दष्प्ु प्रबाि को िामु भॊिर भं फ़ैरने से योका जा सके। शील्ि से फाहय तनकार
डदमे जाने ऩय इससे तनकरने िारी डकयणं शयीय भं प्रविष्ट होकय ऊविमं को ऺत कय सकती हं । इस
तयह के अिानक एटसऩोजय से कुछ तनम्नतरक्ित दष्प्ु प्रबाि हो सकते हं -
विडकयणं की इकाई की भातमता प्राप्त भाऩ अॊतयााष्ट्रीम विडकयण प्रणारी है )एसआई(। ( "ग्रे " जीिाम)
औय अिशोवित भात्रा के तरए साइििा (एसिी )उऩमोग कयता है । विडकयणं की भात्रा का रूऩाॊतयण
प्रकाय हं :
1 जीिाम= 100 ये ि
1 एभजीिाम = 100 एभये ि
1 = एसिी 100 ये भ
1 एभएसिी= 100 एभआयइएभ
अल्ऩ भात्रा भं एटसऩोजय (25-150 सीजीिाम ) भं सफसे ऩहरे त्ििा रार हो जाती है । डपय फुिाय ,
उक्ल्िमाॉ, कभजोयी हो सकती है । ऩैयं औय शयीय भं ऐॊठन ( िैम्ऩस) औय दथतं रग सकती हं । कयीफ 3
सप्ताह फाद ऩीतरमा हो सकता है औय फार बी झड़ने रग सक ते हं । प्राम् इतने अल्ऩ एटसऩोजय से
ऩुन् ऩूणा रुऩ से थिथथ हो जाने की सम्बािना अत्मतधक यहती है ।
थोिा अतधक एटसऩोजय 150 से 400 सीजीिाम होने ऩय ऊऩय तरि गमे रऺणं के अ ततरयक्त यक्त ऩय
बी प्रबाि ऩड़ने रगता है । क्जससे यक्ताल्ऩता, रार िकिे के तितह , भूॊह भं छारे, अत्मातधक थकािि,
उच्ि यक्तिाऩ , फार झड़ने रगते है औय सॊिभण (इतपेटशन) होने रगता है । 350 से अतधक
एटसऩोजय होने ऩय यक्तस्राि के कायण ऩीडित की भृत्मु बी हो सकती है ।
एटसऩोजय की भात्रा औय अतधक 400 से 800 सीजीिाम होने ऩय उऩयोक्त रऺणं के अ ततरयक्त आॊतं
बी सड़ने रगती हं , क्जस कायण दथत, शयीय भं जरीमाॊश की कभी ( डिहाइड्रे शन), बूि न रगना औय
यक्तस्राि हो सकता है । उल्िी भं यक्त बी आने रगता है ।
1000 सीजीिाम तक मा इससे अतधक एटसऩोजय होन ऩय सीधे भक्थतष्प्क ऩय दष्प्ु प्रबाि ऩड़ता है औय
ऩीडित को फेहोशी (कोभा), झिके आना ( कतिल्शॊन) औय भृत्मु बी हो सकती है । साॊस रुकने रगती
है , यक्तिाऩ भं कभी आने से ऩीडित शॉक भं िरा जाता है । ऐसी क्थथतत भं ऩीडित की भृत्मु तनक्ित
होती है ।
विडकयणं के विरॊवफत दष्प्ु प्रबाि भं स्त्री ऩुरुि दोनं भं प्रजनन की ऺभता भं कभी आ सकती है ।
प्रजनन ऺभता सभाप्त बी हो सकती है । त्ििा भं पाइब्रोतसस, सूिाऩन औय दाग ऩड़ सकते हं । आॉिं भं
भोततमावफतद का योग हो सकता है । प्राम् 6 भडहनं के फाद पेपिे तमुभोतनमा औय पाइब्रोतसस से
ग्रथत हो सकते हं । 2-3 सार के फाद गुदे ऩय सूजन (नेफ्राइडिस),उच्ियक्तिाऩ औय कई ििं के फाद
मकृ त (रीिय) भं सूजन (डहऩेिाईडिस) औय थॉमयामि हॉभोन की कभी हो सकती है । इसके अततरयक्त
कंसय , ल्मूकीतभमा औय जेनेडिक दोि (िे पेटट्स) होने की ऩूयी सम्बािनामं फढ़ जाती हं । इस प्रकाय से
विडकयण का दष्प्ु प्रबाि शयीय के प्रत्मेक अॊग ऩय होता है ।
डकसी बी विि के प्रततयोधक जैसा विडकयणं का कोई एॊिीिोि उऩिाय नहीॊ है । इसतरमे विडकयण के
दष्प्ु प्रबाि को योकने का कोई प्रततयोधक उऩाम नहीॊ है । औय अतधक विडकयण से फिामा जाने के तरमे
विडकयण से एटसऩोज्ि ऩीडित को य़थाशीघ्र विडकयण की जगह से हिाकय अथऩतार भं बती कया
डदमा जाना िाडहए।
ऩीडित व्मवक्त को राऺक्णक तिडकत्सा दी जाती है औय जीिन सहामक दिा जैसे अतत् तशया से द्रि
(आईिी फ्रूइि), वििातभन औय आिश्मकता ऩड़ने ऩय ऑटसीजन से उऩिाय डकमा जाता है । ।
विडकयण ऺेत्र से दयू यहं मा मथोतित दयू ी फनामे यिं। डकसी बी अऻात मा अनजान िथतु को न छुएॉ
क्जसे आऩ ऩहिान नहीॊ ऩा यहे हं। सॊदेह होने ऩय सम्फॊतधत अतधकायी को सूतित कयं ।