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इल्ऱुममनाति और शैऺणिक षड्यॊत्र
भाग - 11
मभत्रो बायत भें 1947 के फाद अॊग्रे जी विषम स्कूरों भें इस तकक के साथ
आयम्ब ककमा गमा कक मूयोऩ का सभस्त विऻान अॊग्रे जी भें है इसमरमे
स्कूरों भें अॊ ग्रेजी आिश्मक है !
केिर 3 विषम !
3
तो क्मों अॊग्रे जी भॉध्मभ भें होने के कायण कऺा 9 से 12 की हय ककताफ
अॊग्रे जी भें ह है तो स्कुर भें कऺा 9 से 12 तक अॊ ग्रेजी सादहत्म की 3
मा 4 ककताफे ऩढ़ाई जाती है जजसभे शे क्सवऩमय के नाटक, व्मथक की
अॊग्रे जी किीतामे, टाल्सटाम की कहातनमाॊ आदद यहती है !
क्मा विदे शी रेख कों, विदे शी सादहत्म की तयप फार फुद्र्ध को आकवषक त
कयके,
बविष्म भें विदे शी प्रकाशकों की ककताफें बफकिाना उद्दे श्म है ?
जोकक ये रिे स्टे शनों के फुक स्टारों भें स्ऩष्ट ददखाई ऩड़ता है !
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इल्ऱुममनाति और शैऺणिक षड्यॊत्र
भाग-12
क्मों ?
क्मा मे अिश्मक है ?
ऩयभाणु सॊस् थान, ये रिे , विभान सेिा, विभान तनभाकण , खनन विबाग, स्ट र
उद्मोग आदद भें कामक कयने हे तु जफ इॊ जजतनमय, िै ऻातनक की ऩरयऺा
होती है !
जजन्होंने डडग्री भें सिोत्कृष्ट अॊक प्राप्त ककमे , िो ऐसी ऩरयऺा दे ने जाते
है !
औय पेर हो जाते है !
क्योंकक
उनको नही माऱुम था कक किकेट में शिक ककसने सबसे अधिक बनाये!
अकबर कब मरा !
पानीपि का िीसरा युद्ि कब हुआ !
र्ीन की दिवार ककस राजा ने बनाना आरम्भ की आदि !
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अब सोधर्ये ये प्रश्न एक इॊक् जतनयर के काया ऺेत्र वै ऻातनक के काया के
मऱए आवश्यक है क्या ?
मदद उऩमक्
ु क त तथ्मों की जानकाय एक ऩयभाणु िै ऻातनक मा इसयो के
िै ऻातनक प्रत्माशी को नह ॊ है तो उसका मा दे श का कोई नु कसान हुआ ?
6
आणखय बायत के सिकश्रेष्ठ ब्रह्भऩुत्रो को बगाने हे तु ककसने फनामे व्मथक
के असॊग त तनमभ फनामे औय आज तक जाय है ?
सॊऻानात्भक !
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इल्ऱुममनाति और शैऺणिक षियॊत्र
भाग - 13
वविे शी फसऱ !
स्कूरों भें एिभ मदा कदा अखफायों भें मे प्राम् मरखा यहता है कक आरू
ऩोरैंड से आमा टभाटय जाऩान से गन्ना ब्राजीर से बायत आमा आदद !
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औय प्राचीनकार से रे कय कामरमु ग भें बायत के सम्राट का याज्म तो
ऩथ्
ृ िी के अर्धकाॊश दहस्से था जोकक कारान्तय भें एमशमा के कुछ दहस्से
तक 1100 िषक ऩहरे तक सम्राट ऩथ्
ृ िीयाज चौहान के सभम तक यहा है !
िो कफर जापान, बमाा, थायऱैं ड ये वविे श ऺेत्र कैसे हो गए ?
(जबकक वस्िुि र्ीन का बहुि सारा सीमाविी दहस्सा कुछ िशक पहऱे
िक भारि का ही था ! )
एक श्रॊख
ृ रा के रूऩ भें मयू ोऩ भें जन्भा झू ठ बायत की ककताफो, अखफायों
भें ऩयोसने िारे कौन औय उद्दे श्म क्मा ?
सॊऻानात्भक !
क्रभश् !
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इल्ऱुममनाति और शैऺणिक षियॊत्र
भाग - 14
कम्प्यट
ू र
ऻान की िद्
ृ र्ध विमबन्न ककताफो के अध्ममन औय र्चॊतन से होती है
ककॊ तु ककताफो से अध््मन की प्रिजृ त्ि अफ विद्मार्थकमों भें सभाप्त प्राम्
ह है !
क्योंकक कम्प्यूटर पर गू गऱ के मॉध्यम से सब कुछ उपऱब्ि है !
आऩके घय भें कूरय, किज, एसी, फाइक, काय, ऩानी की भोटय, र्टमूफराइट
होते है !
मे सफ विऻान नह ॊ है फजल्क मे विऻान के अॊ ततभ सुविधाजनक
उऩबोक्ता उत्ऩाद है !
िो क्या उपयक्
ु ा ि प्रतिदिन उपयोग में आने वाऱे वस्िुओॊ के ववषय में
स्कूऱ में 6वी से ऱे कर 10वी िक पढ़ाया जािा है ?
उत्तर - नही पढ़ाया जािा !
कफर कम्प्यट
ू र की पढ़ाई, इसके साफ्टवेयर, हाडावेयर के ववषय में कऺा 6
से क्यों आरम्भ ?
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क्योंकक
भारि कफर गरीब हुआ क्योंकक भारिीय अरबो रूपये की मुद्रा प्रतिवषा
वविे श जािी है इस कम्प्यूटर आध्याय के कारि !
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बरे ह आऩ दतु नमा के धभक, मा ईसा भसीह, मा श्री याभ गूगर ऩय
मरखेगे तफ बी मह ऩरयणाभ तनकरे गा !
मानी एक हजाय गे हू के दानों के साथ केिर 1 घुन, जोकक ऩुये गे हू को
फफाकद कय दे गी !
विद्मारमों भें भूरबू त विऻान ऩढ़ामा जाता यहा है िषक 2000 तक कपय
अचानक ऩाठ्मक्रभ भें इतना व्मथक का फदराि कैसे ?
ककसके इशाये ऩय ?
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इल्ऱुममनाति और शैऺणिक षड्यॊत्र
भाग - 15
गुरु पूणिामा को दहन्ि ू (सनािन, जैन , मसख, बौद्ि) अपने गुरु जनों के
र्रिों में सर नवािे है !
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ककॊ िु दहन्ि ू िमा के प्रति दहन्िओ
ु के भऱे के मऱये काम करने वाऱे बाबा
रामिे व जी, श्ॊग
ृ ेरी शॊकरार्ाया जयेन्द्र सरस्विी जी
ममत्रो गरु
ु पू णिामा क्जस दिन पुरे भारि में ववद्याधथायो को मशऺक के
र्रि छूना र्ादहए था !
उस दिन को त्यौहार के रूप में बनाने की बजाय डा रािाकृष्िन के
नाम पर मशऺक दिवस मनाना आरम्भ ककया !
गरु
ु कुऱ काॊ गड़ी के सॊस् थापक स्वामी श्िानन्ि जी के नाम पर क्यों नहीॊ
?
पूना के 2 आयव
ु ेदिक प्ऱाक्स्टक सजानों के नाम पर क्यों नहीॊ ?
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भें जानने का प्रमत्न कयता औय बायत के प्राचीन धभक ग्रॊथों, िेदो, ऩुयाण
आदद की तयप आकवषक त होता !
ककसके इसारे पर ?
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इल्ऱुममनाति और शैऺणिक षड्यॊत्र
भाग - 16
मभत्रो िषक 2000 से ऩहरे तक स्कूरों भें कामकयत ऩढाने िारे मशऺक को
ह फीएड, एभएड कयने का प्रािधान था !
ताकक फच्चों को ऩाठ मसखाने का सह तय का, सयर तय का, उनके
भनोविऻान को सभझने , उनको प्रोत्सादहत कयने के तय के मसखामे ,
सभझाए जा सके !
क्मों ?
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और सबसे महत्वपूि ा ये कक
जफकक होना मे चादहए इस फीएड ऩाठ्मक्रभ भें स्कूर भें ऩढ़ने िारा
विद्माथी मदद ककसान मा भोची मा रयक्शेिारे की सन्तान है तो कैसे
उसको प्रोत्सादहत ककमा जाए !
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क्मा फस मा प्रेन मा भॉर मा फाॉ ध का र्चत्र मा क्राफ्ट फनाना जरूय है
जफकक आजकर हय चीज का िीडडमो, पोटो गूग र ऩय उऩरब्ध है ?
साथ ह 2 सार के कोसक भें ऩढ़ा हुआ कुछ माद नह यह जाता ितकभान
कऺा के अनरू
ु ऩ ऩढाना ऩड़ता है !
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इल्ऱुममनाति और शैऺणिक षड्यॊत्र
भाग -17
स्कूर सभम !
(विद्मारम जाने का सभम)
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ये पररविान आणखर क्यों नही हुआ ?
क्यों ?
फच्चे 6 फजे बी उठते तो भु ह धोना ऩेट हल्का कयना, नहाना कपय ऩेट
हल्का होने के फाद हल्की बूख रगती तो कुछ हल्का नाश्ता कयके जाते!
स्कुर भें दटकपन खाते 12 फजे कपय 2.30 फजे िाऩस औय यात का
बोजन सफके साथ मे व्मिजस्थत ददनचकमा थी !
सुफह ऩेट साप नह हुआ तो स्कुर भें ऩेट भें गैस होगी ! यात का
बोजन सड़ने से औय इससे ऩेट पुरा रगे गा !
सुफह नह नहा ऩामे तो शय य फेचैन सा रगे गा स्कुर भें , जजससे ऩढ़ाई
से बी ध्मान हटे गा कपय 10.30 फजे रॊच की छुर्टट होती है !
तो जजस फारक ने सफु ह ऩेट साप नह ककमा आॊतो भें सड़ते हुए बोजेन
के ऊऩय कपय से नए बोजन की ऩयत आ जाती है !
आॊतो भें सड़े हुए बोजेन का विष होने से ऩेट की फीभारयमाॊ , ऩेशाफ, कब्ज
सम्फन्धी फीभारयमाॊ , मसयददक , मादाश्त कभजोय, फार सपेद, आॉखों भें चश्भा
रगने रग जाता है !
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अफ मह फारक दोऩहय भें 3 मा 4 फजे तक घय ऩहुचता है , तो शय य
थका होता है क्मोंकक बोजन व्मिस्था ऩूय बफगड़ी होती है तो फारक
सोता है मा फेभन से र्टमूशन आदद जाता है !
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इल्ऱमु मनाति और शैऺणिक षड्यॊत्र
भाग -18
आधथाक सहायिा
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जोकक कपय एकबत्रत होकय अभेर यका, इॊग्रैंड आदद चरा जाता है औय
कपय विदे शी सहामता/कजे के रूऩ भें िाऩस बायत आता है जजसके
कायण आज प्रत्मे क बायतीम ऩय 30 हजाय रूऩमे का कजक है !
ककतना घु भािदाय !
सपर आर्थकक यास्ता !
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इल्ऱुममनाति और शैऺणिक षड्यॊत्र
भाग - 19
भोद सयकाय भें 2014 भें स्भतृ त ईयानी मशऺा भॊत्री फनी !
अत्मॊ त तेज तयाकय , फुद्र्धभान, त्िरयत जिाफ दे ने की तीक्ष्ण फुद्र्ध, हय
ट िी इॊटयव्मू भें वियोधी ऩत्रकाय की अच्छे से धुराई कयने भें ऺभतािान!
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जो कामक रेखन प्रकाशन ऩूण क हो चूका था केिर पीता खोरकय ककताफो
का विभोचन कयना ह फाकी था 29 जून को तो मे कामक क्मों नह ॊ हुआ
?
क्या मॊत्री बिऱ जाने से िैयार पुऱ , बाॉि, आरम्भ नही होिे ?
क्मा आऩको माद है 2014 भें ददल्र के एक इसाई स्कुर भें ककसी ने
ऩत्थय भाय ददमा तो ईयानी को स्कुर तनय ऺण ऩय जाना ऩड़ा औय भोद
जी को याष्ट् म ट िी ऩय सपाई दे नी ऩड़ी !
सॊऻानात्भक !
क्रभश्
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इल्ऱमु मनाति और शैऺणिक षड्यॊत्र
भाग - 20
मभत्रो बायत दे श भें शामद 1990 भें MBA, MCA ऩाठ्मक्रभ आयम्ब
हुआ!
उस सभम मशिखेड़ा नाभ के आदभी को ऩूये बायत भें भैने जभें ट गुरु
फनाकय प्रचारयत ककमा गमा !
फीएससी के फाद आयॊ म बक कम्प्मूटय कोसक कयने िारो को भेये फड़े बाई
ने पट चप्ऩर ऩहने दे खा था 1989 भें !
कपय 1995 भें बायत भें अचानक एक आर्थकक अॊ तयाष्ट् म विस्पोट होता
है औय प्रधानभॊत्री नयमसम्हायाि डॊ कर प्रस्ताि स्िीकाय कय रे ते है औय
GATT सभझौते ऩय हस्ताऺय ककमे जाते है !
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WTO का भुख्मारम बायत भें खुर जाता है औय विदे शी कम्ऩतनमो को
फैंक, फीभा, उद्मोग, तनभाकण, विदे शी उत्ऩाद की बायत के खुरे फाजाय भें
भाकेदटॊ ग , अभेर यकी कम्प्मूटय कम्ऩतनमो के कार सेंट य बायत भें खोरने
की अनु भतत मभर जाती है !
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फैंकों के मरमे भैने जय की मोग्मता MBA ( जोकक ऩहरे MCom िारे होते
थे) तनधाकरयत की गई, फहुयाष््य म, अभेर यकन कम्ऩतनमो के कार सेंट य,
विदे शी फीभा कम्ऩनी एिभ कम्प्मूटय प्रोग्रामभॊग विकमसत कयने हे तु
कम्प्मूटय प्रोपेसनल्स की आिश्मता हुई !
तो MCA िारे डडग्री हाथ भें रेकय तैमाय खड़े थे , हजायो रोगो को
योजगाय मभरा औय तत्कार न प्रचमरत िे तन से 4 गुना िेतन मभरना
आयम्ब हुआ !
नक्
ु सान मे हुआ कक ऩूये बायत का श्रेष्ठतभ ददभाग इन विदे शी
कम्ऩतनमो की सेिा भें रग गमा !
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ऩूय दतु नमा भें बायत तनमभकत सस्ते भोफाइर, कम्प्मूटय को छा जाना था
औय इन चीजो को विदे श भें फेचकय बायत की आर्थकक जस्थतत ऩुये मूयोऩ
के फजट से 100 गुनी फेहतय हो जाती केिर 10 सार भें ह !
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