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इल्ऱुममनाति और शैऺणिक षड्यॊत्र

भाग - 11

मभत्रो बायत भें 1947 के फाद अॊग्रे जी विषम स्कूरों भें इस तकक के साथ
आयम्ब ककमा गमा कक मूयोऩ का सभस्त विऻान अॊग्रे जी भें है इसमरमे
स्कूरों भें अॊ ग्रेजी आिश्मक है !

क्मा मे आश्चमक की फात नह ॊ कक 1950 भें बायत की 35 कयोड़ आफाद


भें मदद 5 कयोड़ स्कूर विद्माथी थे तो

केिर 3 विषम !

बौततक विऻान Physics


यसामन विऻान Chemistry
जीि विऻान Biology

केिर 3 विषम की कुछ शामद 40 ककताफो को ऩढ़ाने के मरमे 5 कयोड़


विद्मार्थकमों को अॊ ग्रेजी क्मों मसखाने की आिश्मकता ऩड़ी ?

जफकक इन 40 ककताफो को दहॊद भें एिभ अन्म प्रचमरत बाषाओॊ भें


अनुिाद कय मरमा जाता तो उर्चत होता !

केिर 40 अनुिादक ह 1 भाह भे हनत कयते !


5 कयोड़ विद्माथीं औय आज 30 कयोड़ !

ऩये शाॊनी से फच जाते कक ऩहरे अॊग्रे जी सीखो कपय विऻान सीखो !

साथ ह अफ, जफकक अॊग्रे जी के स्कुर गािो तॊक भें खर


ु चुके है , तो
विऻान, काभकस , आर्टकस आदद की ककताफ एिभ सभस्त ककताफे अॊ ग्रेजी भें
होती है !

तो कपय अॊग्रे जी भॉध्मभ भें ऩढ़ने िारा विद्माथी जफ अॊ ग्रेजी जानने ,


सभझने रगा है औय अऩने विऻान, कॉभसक आद विषम की बाषािार
से ऩरयर्चत हो चूका है !

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तो क्मों अॊग्रे जी भॉध्मभ भें होने के कायण कऺा 9 से 12 की हय ककताफ
अॊग्रे जी भें ह है तो स्कुर भें कऺा 9 से 12 तक अॊ ग्रेजी सादहत्म की 3
मा 4 ककताफे ऩढ़ाई जाती है जजसभे शे क्सवऩमय के नाटक, व्मथक की
अॊग्रे जी किीतामे, टाल्सटाम की कहातनमाॊ आदद यहती है !

औय ऩाठ्मक्रभ का फोझ फढ़ता है , फस्ते का फोझ फढ़ता है !


औय इन व्मथक की ककताफो से कोई ऻान प्राप्त नह ॊ होता !

क्मा विदे शी रेख कों, विदे शी सादहत्म की तयप फार फुद्र्ध को आकवषक त
कयके,
बविष्म भें विदे शी प्रकाशकों की ककताफें बफकिाना उद्दे श्म है ?

जोकक ये रिे स्टे शनों के फुक स्टारों भें स्ऩष्ट ददखाई ऩड़ता है !

मदद अॊ ग्रेजी सादहत्म ह ऩढ़ाना है तो अॊग्रे जी भें अनुिाददत चाणक्म


नीतत, कौदटल्म अथकशास्त्र, ऩॊ चतॊत्र , भारगु डी डेज आदद क्मों नह ॊ ऩढ़ामे
जाते जोकक फच्चों को फे हतय सभझ आते !

जानफूझकय बायतीम सादहत्म की उऩेऺा औय विदे शी सादहत्म को


प्रमसद्ध कयते जाने का 1947 से रे कय अफ तक का दोषी कौन ?

सयकाय फदर गई ऩय नीतत 1 इॊच बी नह फदर !


क्मा अॊ ग्रेजी ऩयदे के ऩीछे कोई है ?

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इल्ऱुममनाति और शैऺणिक षड्यॊत्र

भाग-12

सामान्य ऻान पर्ाा !

जफ बी हभ ककसी सयकाय नौकय के मरमे कोई ऩय ऺा दे ते है तो एक


ऩचाक साभान्म ऻान का अिश्म होता है !

क्मों ?
क्मा मे अिश्मक है ?

ऩयभाणु सॊस् थान, ये रिे , विभान सेिा, विभान तनभाकण , खनन विबाग, स्ट र
उद्मोग आदद भें कामक कयने हे तु जफ इॊ जजतनमय, िै ऻातनक की ऩरयऺा
होती है !

तो विऻान से सम्फॊ र्धत ऩद के मरमे, B.Sc, BE, आदद डडग्री की


मोग्मता तनधाकर यत की जाती है !

जो विद्माथी, जजनका शैऺणणक र्चॊतन उच्च स्तय का है , नए अन्िेषण,


नए विचायों, नई अमबकल्ऩनाओ भें खोए यहते है !

जजन्होंने डडग्री भें सिोत्कृष्ट अॊक प्राप्त ककमे , िो ऐसी ऩरयऺा दे ने जाते
है !
औय पेर हो जाते है !

क्योंकक

उनको नही माऱुम था कक किकेट में शिक ककसने सबसे अधिक बनाये!
अकबर कब मरा !
पानीपि का िीसरा युद्ि कब हुआ !
र्ीन की दिवार ककस राजा ने बनाना आरम्भ की आदि !

सॊवविान की ककस िारा के अॊ िगाि आरऺि की बाि मऱखी है !


मेक्क्सको की मुख्य फसऱ क्या है !

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अब सोधर्ये ये प्रश्न एक इॊक् जतनयर के काया ऺेत्र वै ऻातनक के काया के
मऱए आवश्यक है क्या ?

मदद उऩमक्
ु क त तथ्मों की जानकाय एक ऩयभाणु िै ऻातनक मा इसयो के
िै ऻातनक प्रत्माशी को नह ॊ है तो उसका मा दे श का कोई नु कसान हुआ ?

अफ प्रततबाशार इॊ जजतनमय, िै ऻातनक 3 फाय ऩरयऺा दे ते है पेर होते है


क्मोंकक साभान्म ऻान फहुत कभजोय, औय कपय मे िै ऻातनक तनजी
कम्ऩतनमो, विदे शी कम्ऩतनमो भें चरे जाते है औय उनके मरए अविष्काय
कयने रग जाते है !

ममत्रो एक सामान्य ऻान के पर्े ने िे श से ना जाने ककिने ऐसे


वै ऻातनक, इॊजीतनयरों को भारि से तनवाामसि करवा दिया !

आश्चमक है कक साधायण विषम ऻान औय अच्छे साभान्म ऻान के


विद्माथी ऐसी ऩय ऺाओॊ भें चुन मरए जाते है !

औय अनेक याभानु जाचामक, यभन, जगद श चॊद फोस जैसे ह ये विदे श


जाकय स्ितन्त्रताऩूिकक काभ कयते हुए ऩूय दतु नमा भें नाभ कभाते है !

औय इसीमरमे जानफूझकय प्रततबाशार रोगो को बायत से बगाने के


मरमे ऐसी प्रततमोगी ऩय ऺाओॊ का ऩाठ्मक्रभ फनामा गमा !

िभी िो हरगोववॊि खुराना को अमेररका जाकर नोबऱ पुरस्कार ममऱा !

भाराि के एक डॉक्टर ने कनाडा में सर के प्रत्यारोपि का ऑपरे शन


ककया !

जीरो पादटा कऱ की खोज में 30 भारिीय वै ऻातनक है , नासा में 50%


भारिीय वै ऻातनक है !

औय मे सफ रोग बायत से ऐसे ह ऩीयऺाओ, अनुसॊधान हे तु उर्चत


िाताियण, सॊस्थान ना मभर ऩाने के कायण विदे श चरे गए !

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आणखय बायत के सिकश्रेष्ठ ब्रह्भऩुत्रो को बगाने हे तु ककसने फनामे व्मथक
के असॊग त तनमभ फनामे औय आज तक जाय है ?

सयकाय कोई बी हो नीततमाॊ नह फदर ऩा यह ककसके दिाफ भें ?

सॊऻानात्भक !

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इल्ऱुममनाति और शैऺणिक षियॊत्र

भाग - 13

वविे शी फसऱ !

स्कूरों भें एिभ मदा कदा अखफायों भें मे प्राम् मरखा यहता है कक आरू
ऩोरैंड से आमा टभाटय जाऩान से गन्ना ब्राजीर से बायत आमा आदद !

फस मे एक राइन मरख कय कपय आगे आरू , टभाटय आदद के गु ण ,


सब्जी फनाने की विर्ध, व्मॊजन, औषधीम उऩमोग आदद का िणकन होता
है ।

ऱेककन ये कभी नहीॊ मऱखा रहिा कक भारि से कौन ऱेने गया था या


वहाॊ से कौन भारि ऱे कर आया और कब ?

एक 99% सत्म रेख की आड़ भें केिर एक झू ठ मरख ददमा जाता है


जजसको हभाया अिचेतन भजस्तष्क ग्रहण कय रे ता है औय मे एक तथ्म
हभको जीिन बय माद यह जाता है औय ऐसे ह 1% प्रततददन के झूठ
ऩढ़ते हुए 10 सार का फारक 40 िषक की उम्र तॊ क भानमसक गुराभ फन
जाता है !

जबकक सत्य ये है कक पुरािो में सम्राट पथ


ृ ु द्वारा कृवष काया के
ववस्िार का प्रसॊग आिा है अक्ननपुराि में हजारो औषिीयो एवम
अनाज, शक्कर आदि का विान है !

तनघॊटु ग्रॊथो में आऱू , प्याज, गन्ने, िाऱ, पाऱक, घी, िि


ू , र्ावऱ, मभन्डी
आदि का औषिीय विान है वो भी सॊस् िि में !

महाभारि काऱ में वविरु जी की पाऱग साग और द्रौपिी की हाॊ डी के


र्ावऱ का विान है !

साथ ही भगवान ् को छप्पन भोग अवपा ि करने विान पू जा पध्िति में है !

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औय प्राचीनकार से रे कय कामरमु ग भें बायत के सम्राट का याज्म तो
ऩथ्
ृ िी के अर्धकाॊश दहस्से था जोकक कारान्तय भें एमशमा के कुछ दहस्से
तक 1100 िषक ऩहरे तक सम्राट ऩथ्
ृ िीयाज चौहान के सभम तक यहा है !
िो कफर जापान, बमाा, थायऱैं ड ये वविे श ऺेत्र कैसे हो गए ?

भारि के प्रार्ीन इतिहास के दहसाब से आज ववशेष एकपोधथया ऱहसुन


केवऱ आसाम िरफ पाया जािा है !

यदि ये कुछ 500 ककऱोमीटर ि रू पाया जािा िो िरु ॊ ि इल्ऱमू मनािी के


एजेंट मऱख िे िे कक ये ऱहसन
ु भारि में र्ीन से आया !

(जबकक वस्िुि र्ीन का बहुि सारा सीमाविी दहस्सा कुछ िशक पहऱे
िक भारि का ही था ! )

बायत के रोगो को जॊग र अऻानी, बायत बू मभ को साधनविह न घोवषत


कयने के मरमे भैक्सभूरय की आमो के फाहय से आगभन की थ्मोय
एिभ डडस्किय आप इॊड डमा ककताफ को सह साबफत कयने के मरमे
इल्रुमभनातत प्रततददन एक झूठ तनमभकत कयते जाता है औय अॊ ग्रे जी
अखफाय, ऩबत्रकाएॊ , भीडडमा उसको प्रसारयत कयते है !

जो कक कपय दहॊद ि अन्म ऺेत्रीम बाषाओॊ भें अनुिाददत होकय ऩुये दे श


भें फ़ैर जाता है औय भानमसक गु राभो की सॊख्मा भें िद्
ृ र्ध हो जाती है !

एक श्रॊख
ृ रा के रूऩ भें मयू ोऩ भें जन्भा झू ठ बायत की ककताफो, अखफायों
भें ऩयोसने िारे कौन औय उद्दे श्म क्मा ?

सॊऻानात्भक !

क्रभश् !

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इल्ऱुममनाति और शैऺणिक षियॊत्र

भाग - 14

कम्प्यट
ू र

ऻान की िद्
ृ र्ध विमबन्न ककताफो के अध्ममन औय र्चॊतन से होती है
ककॊ तु ककताफो से अध््मन की प्रिजृ त्ि अफ विद्मार्थकमों भें सभाप्त प्राम्
ह है !
क्योंकक कम्प्यूटर पर गू गऱ के मॉध्यम से सब कुछ उपऱब्ि है !

अफ कम्प्मूट य को कऺा 6 से सीफीएसई स्कूर ऩाठ्मक्रभ ् भें सजम्भमरत


ककमा गमा है !

क्मा स्कूर विद्मार्थकमो के मरए मे आिश्मक है ?

आऩके घय भें कूरय, किज, एसी, फाइक, काय, ऩानी की भोटय, र्टमूफराइट
होते है !
मे सफ विऻान नह ॊ है फजल्क मे विऻान के अॊ ततभ सुविधाजनक
उऩबोक्ता उत्ऩाद है !

जजसको ितकभान भें Consumer Product कहते है औय Consumer


इसका End User अॊततभ उऩमोगकताक होता है !

िो क्या उपयक्
ु ा ि प्रतिदिन उपयोग में आने वाऱे वस्िुओॊ के ववषय में
स्कूऱ में 6वी से ऱे कर 10वी िक पढ़ाया जािा है ?
उत्तर - नही पढ़ाया जािा !

कफर कम्प्यट
ू र की पढ़ाई, इसके साफ्टवेयर, हाडावेयर के ववषय में कऺा 6
से क्यों आरम्भ ?

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क्योंकक

1. जफ मे चीजे ऩाठ्मक्रभ भें होगी तो विद्मारम भें हय कऺा भें


कम्प्मूटय यखना होगा जोकक अबी ऩयम्ऩया रागू हो चुकी है जजसके मरए
बुगतान विद्मार्थकमों के भाता वऩता कयते है !

इस तयह बफना विऻाऩन, भाकेदटॊ ग , सेल्सभैन के इन सफ के खचो को


फचाते हुए !
मयू ोऩ के एजें टो ने मत्नऩूिकक स्कूर ऩाठ्मक्रभ भें कम्प्मट
ू य अध्माम
डारिा ददमा !
कपय स्कूरों ने कम्प्मट
ू य खय दे !
भातावऩता ने कम्प्मूटय खय दे , वप्रॊटय आदद सहामक िस्तए
ु ॊ खय दते जा
यहे प्रततिषक औय इस तयह अयफो रुऩए का व्माऩाय अभे रयका ने कय
मरमा !

बफना एक कदभ धुऩ भें भे हनत ककमे !

भारि कफर गरीब हुआ क्योंकक भारिीय अरबो रूपये की मुद्रा प्रतिवषा
वविे श जािी है इस कम्प्यूटर आध्याय के कारि !

2. अफ ऩाठ्मक्रभ भें कोई बी विषम िस्तु का िणकन होता है जैसे


प्रमसद्ध िै ऻातनक तो मशऺक कहते है उनकी पोटो राओ औय 2 राइन
उनके विषम भें मरखकय राओ !
तो भाता वऩता सामफय कैपे जाते है मा घय भें इॊट यनेट से प्रश्नों के
उिय खोजते है , वप्रॊट कयते है !

इस तयह वप्रॊटय उसकी स्माह की बी अयफो रूऩमे की बफक्री हय घय भें ,


बफना सेल्सभैन , विऻाऩन के हो जाती है !

और भारि कफर गरीब हुआ प्रत्ये क ऐसे वप्रॊट पेज के साथ !

3. अफ जफ घय भें इॊट यनेट होगा तो हभ ककसी बी विषम को सचक कये


तो अने कानेक पोटो के फीच भें मा सादहत्म के नीचे अिश्म ह एक
अश्र र पोटो, िीडडमो आ जाता है ऐड के रूऩ भें !

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बरे ह आऩ दतु नमा के धभक, मा ईसा भसीह, मा श्री याभ गूगर ऩय
मरखेगे तफ बी मह ऩरयणाभ तनकरे गा !
मानी एक हजाय गे हू के दानों के साथ केिर 1 घुन, जोकक ऩुये गे हू को
फफाकद कय दे गी !

और इस अश्ऱीऱ धर्त्र या वीिडयो के साथ, इल्ऱु ममनाति का उद्िे श्य


पूि ा होिा है भारि के ववद्याधथायों को गऱि दिशा में खीॊर् ऱेने का !

ममत्रो यही कारि है स्कूऱी पाठ्यिम में कम्प्यट


ू र सक्म्ममऱि करवाने
का !

कम्प्यूटर इॊजीतनयररॊग का एक आववष्कार है मूऱ भूि ववऻान नही !

कम्प्मूटय का भूर बूत विऻान इरे क्टातनक्स एिॊ प्रोग्रामभॊग है जोकक


इॊजीतनमरयॊग स्तय की होती है !

विद्मारमों भें भूरबू त विऻान ऩढ़ामा जाता यहा है िषक 2000 तक कपय
अचानक ऩाठ्मक्रभ भें इतना व्मथक का फदराि कैसे ?

ककसके इशाये ऩय ?

जजससे कक बायत की आर्थकक हातन बी हो औय चारयबत्रक हातन बी ?

कौन है ऩयदे के ऩीछे ?

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इल्ऱुममनाति और शैऺणिक षड्यॊत्र

भाग - 15

गुरु पूणिामा Vs मशऺक दिवस

बायत भें दहन्द ुओ के विमबन्न ऩिक, त्मोहायों के विरुद्ध इल्रुमभनातत


तछऩे रूऩ भें फहुत ऩरयश्रभ कय यहा है ताकक मे त्मोहाय हभाये भन से
विरोवऩत होते जाए मा कपय ऐसा प्रचाय ककमा गमा भीडडमा के भॉध्मभ
से कक दहन्द ू स्िमॊ अऩने त्मोहायों का वियोध कये !
जैसे होर ऩय यॊ ग , ददिार ऩय ऩटाखे, सॊक्राॊत त ऩय ऩतॊ ग का आदद !

गुरु पूणिामा को दहन्ि ू (सनािन, जैन , मसख, बौद्ि) अपने गुरु जनों के
र्रिों में सर नवािे है !

औय इस सय निाने भें प्राचीन ऋवष ऩयम्ऩया, गुरुकुर ऩयम्ऩया जीवित हो


जाती है !
शास्त्र जीवित हो जाते है धभक प्रततजष्ठत हो जाता है जजसका असय शेष
364 ददन तक यहता है !

िो गुरु पूण िामा का महत्व कम करने के मऱये -

1. 1991 भें केफर ट िी चैनर आयम्ब हुए औय िषक 2000 तक जफ मे


गाॉि तॊक ऩहुच गमे , तफ 2001 से दहन्द ू सॊतो का ट िी ऩय तनयादय
आयम्ब हुआ ध्मान द जजए केिर उन सॊतो का तनयादय हुआ जो कक
दहन्द ू धभक को प्रततजष्ठत कयने भें रगे यहे !

काॊग्रेस के दहत भें काभ कयने िारे मा दहन्द ओ


ु को भ्रमभत कयने िारे
चॊद्रास्िाभी जै से ढोंगी का वियोध कबी नह हुआ याधे भाॉ , भहाभॊडरे श्िय
अधोऺणन्द आदद की खोजफीन, प्रभोद कृष्णन, अजग्निेश ऩाखण्डी का
तनयादय ट िी ऩय कबी नह ककमा !

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ककॊ िु दहन्ि ू िमा के प्रति दहन्िओ
ु के भऱे के मऱये काम करने वाऱे बाबा
रामिे व जी, श्ॊग
ृ ेरी शॊकरार्ाया जयेन्द्र सरस्विी जी

ऩजश्चभ मू योऩ की इसाई धभक- फाइफर-िामड की जड़ उखाड़ने िारे


रजनीश, जॊ गरो भें िनिासी फच्चों के मरमे स्कुर खोरने िारे -दहन्द ू
गय फो के मरमे कुट य उद्मोग आसाराम बापू , कुछ प्रमत्न भहायाज
ववद्यासागर के तनयादय के मरमे 2004 भें हुआ ऩय 2 ददन की खफयों के
फाद ह दफ गमा था !

ममत्रो गरु
ु पू णिामा क्जस दिन पुरे भारि में ववद्याधथायो को मशऺक के
र्रि छूना र्ादहए था !
उस दिन को त्यौहार के रूप में बनाने की बजाय डा रािाकृष्िन के
नाम पर मशऺक दिवस मनाना आरम्भ ककया !

जफकक मशऺा ऺेत्र भें इनका कोई मोगदान नह ॊ था औय इनके ऊऩय


आयोऩ बी रगा था की अऩने ह छात्र की ऩीएचडी को कॉऩी कयके ऩहरे
स्िमॊ डॉक्टये ट की डडग्री हामसर कय र थी !

यदि ित्काऱीन ककसी गुरु , मशऺक के नाम पर मशऺक दिवस मनाना


था िो काशी दहन्ि ू ववश्वववद्याऱय के सॊस्थापक पॊ िडि मिन मोहन
माऱवीय जी के नाम पर क्यों नहीॊ ?

गरु
ु कुऱ काॊ गड़ी के सॊस् थापक स्वामी श्िानन्ि जी के नाम पर क्यों नहीॊ
?

आिुतनक भारिीय वै ऻातनकों के प्रेर क जगिीश र्ॊद्र बासु , डा रमन, या डा


होमी जहाॊगीर भाभा के नाम पर क्यों नहीॊ ?

प्रथम आिुतनक ववमान के अॊिराष्रीय वै दिक वै ऻातनक मशव जी िऱपड़े


के नाम पर क्यो नही?

पूना के 2 आयव
ु ेदिक प्ऱाक्स्टक सजानों के नाम पर क्यों नहीॊ ?

िो इसमरमे नह क्मोंकक इन भहत्िऩूण क रोगो भें से ककसी एक के बी


नाभ से मशऺक ददिस मा गुरु ददिस होता तो हय विद्माथी इनके विषम

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भें जानने का प्रमत्न कयता औय बायत के प्राचीन धभक ग्रॊथों, िेदो, ऩुयाण
आदद की तयप आकवषक त होता !

और हाॊ ऊपर क्जिने भी नाम मऱखे है उनमें से प्रत्ये क के सामने डा


राजेंद्र प्रसाि एक सािारि व्यक्क्ि ही थे िो कफर उनके नाम से स्कूऱों
में गुरु दिवस मशऺक दिवस क्यों नही मनाया जािा ?

ककसके इशाये ऩय दहन्द ू श्रेष्ठ िै ऻातनकों की अनदे खी औय एक साधायण


चोय काॊग्रेसी को जफयदस्ती ऩुये बायत के स्कूरों का गु रु फना ददमा गमा
?

ममत्रो इस िरह गुरु पूणिामा को शासकीय रूप से उपेक्षऺि कर दिया गया


क्जसको एक राष्रीय त्यौहार होना था !

उसको मात्र दहन्ि ू त्यौहार ही रहने दिया और हर बार नई पीढ़ी के बच्र्े


इससे ि ूर होिे जा रहे !

बफना इसका भहत्ि सभझे औय इस तयह प्राचीन ऋवषमो का नाभ,


प्राचीन ग्रॊथ , प्राचीन चयण स्ऩशक ऩयम्ऩया को एक झटके भें नेहरू ने
विरोवऩत कयिा ददमा !

ककसके इसारे पर ?

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इल्ऱुममनाति और शैऺणिक षड्यॊत्र

भाग - 16

बीएड, एमएड (BEd, MEd) !

मभत्रो िषक 2000 से ऩहरे तक स्कूरों भें कामकयत ऩढाने िारे मशऺक को
ह फीएड, एभएड कयने का प्रािधान था !
ताकक फच्चों को ऩाठ मसखाने का सह तय का, सयर तय का, उनके
भनोविऻान को सभझने , उनको प्रोत्सादहत कयने के तय के मसखामे ,
सभझाए जा सके !

िषक 2000 के फाद अचानक ऩूये दे श भें फयसाती कुकुयभुिे मा ऩान की


तयह फीएड कारेज खु र गए औय
तनजी मा सयकाय स्कूर भें अध्माऩन कामक हे तु मे अतनिामक मोग्मता
तनधाकरयत कय द गई !

क्मों ?

अब एक बाि स्पष्ट समझ ऱेना र्ादहए कक

1. जजस विद्माथी ने कॉरे ज भे 90 प्रततशत से B.Sc मा M.Sc ककमा है


िो अर्धक फुद्र्धभान होगा मा जजसने 60% से मह डडग्री + फीएड ककमा
है िो ?

ितकभान भाऩदॊ ड के अनस


ु ाय 60% िारे प्रत्माशी को नौकय हे तु मोग्म
भाना जाएगा क्मोंकक उनके ऩास B. Ed की डडग्री नह है !

क्या ये आश्र्या की बाि नहीॊ ?

आणखय इन फीएड औय एभएड ऩाठ्मक्रभ का उद्दे श्म क्मा है ?

तो मभत्रो उद्दे श्म मे है कक विद्मार्थकमों का ऩै सा व्मथक कयिाना !

2 सार का कीभती सभम नष्ट कयिाना!

16
और सबसे महत्वपूि ा ये कक

मोग्म प्रत्माशी मदद आर्थकक रूऩ से सऺभ नह है तो उसको अध्माऩन


कामक भें नह ॊ आने दे ना फजल्क ऩै से के फर ऩय जो डडग्री हामसर कय रे
उसको ह मशऺक फनने का अिसय मभरे औय फच्चों का बविष्म खयाफ
हो !

जोकक इल्ऱु ममनाति का उद्दे श्म है !

साथ ह इन ऩाठ्मक्रभो भें दे णखमे ऩूय तयह मूयोऩ के भनोविऻान के


अध्माम मरखे हुए हैं !

बायत से सम्फॊ र् धत तथ्मों का उल्रेख ना के फयाफय है !

जफकक होना मे चादहए इस फीएड ऩाठ्मक्रभ भें स्कूर भें ऩढ़ने िारा
विद्माथी मदद ककसान मा भोची मा रयक्शेिारे की सन्तान है तो कैसे
उसको प्रोत्सादहत ककमा जाए !

सॊस्कारयत कैसे ककमा जाए !

बायतीम ककशोय, मुिततमों को ककस तयह से सभझामा जाए !

ककॊ तु फी एड, एभ एड की ककताफो भें ऩूय तयह मू योऩीम विद्िानों का


सादहत्म बया हुआ है जोकक बायत के ककसी बी सन्दबक भें उऩमुक्त नह !

औय 2 िषक के रॊफे ऩाठ्मक्रभ की क्मा आिश्मकता मदद केिर


Teaching Techniques ह मसखानी है !

औय इन फीएड कोसेस की विपरता स्ऩष्ट ददखाई दे ती है जफ हभ रोग


सार भें कई भह ने फच्चों को क्राफ्ट िकक हाथ भें मरमे हुए ऑटो मा
फस मा रयक्शे भें सिाय दे ख ते है !

औय कॉऩी चेक करयमे तो र्चत्र फनाने के नाभ ऩय व्मथक के र्चत्र फने


हुए यहते है !

17
क्मा फस मा प्रेन मा भॉर मा फाॉ ध का र्चत्र मा क्राफ्ट फनाना जरूय है
जफकक आजकर हय चीज का िीडडमो, पोटो गूग र ऩय उऩरब्ध है ?

अनेक अनुबिी मशऺकों का कहना है कक फच्चों को ऩढ़ाने औय


सम्बारने का तय का कोई ककताफ नह सीखा सकती मे मशऺक अऩने
अनुबि से सीखता है ।

साथ ह 2 सार के कोसक भें ऩढ़ा हुआ कुछ माद नह यह जाता ितकभान
कऺा के अनरू
ु ऩ ऩढाना ऩड़ता है !

विशेषकय फीएड, एभएड के ऩाठ्मक्रभ भें बायतीम सभ्मता, गुरु मशऺक


सम्फन्ध, व्मिहाय के विऩय त रैंर्गक तथ्म ददए होते है जोकक ऩूणत
क :
मूयोऩ से आमाततत काऩी ऩेस्ट है (सॊविधान की तयह), औय कुछ
आऩाविजनक, कुछ अव्मािहारयक !

बायत के स्नातक विद्मार्थकमों का सभम नष्ट कयाने , ऩै सा खीॊचने


(अस्ऩतार की तयह), तनधकन मोग्म प्रत्मामशमों को नौकय से द ूय यखने ,
मूयोऩीम सादहत्म भनोविऻान को जफदक स् ती प्रसारयत कयने औय अॊ तत्
स्कुर फच्चों को भामाजार भें पॊसाकय यखने का भाध्मभ है मे
ऩाठ्मक्रभ !

क्मोंकक अध्माऩक ककसी कऺा भें िह ऩढ़ाता है जोकक ऩाठ्मक्रभ भें है !


जोकक अभ्मास क्रभ भें है !
जोकक क्राफ्ट िकक मा र्चत्र फनाने हे तु तनदे श है !

औय इन सफ कामो भें फच्चों के भाता वऩता तक शामभर, व्मस्त हो


जाते है तो कपय मशऺक की फीएड डडग्री की उऩमोर्गता कहाॉ है ?

18
इल्ऱुममनाति और शैऺणिक षड्यॊत्र

भाग -17

स्कूर सभम !
(विद्मारम जाने का सभम)

बायत दे श का विस्ताय दे शाॊस (Longitude) 68 डडग्री ऩूिक से 98 डडग्री


ऩूिक तक है अथाक त 30 डडग्री का पकक !

1 डडग्री स्थर को सूम क के साभने से ऩाय होने भें 4 मभनट रगते है !


अथाक त 30 डडग्री ऩाय होने भें 120 मभनट रगें गे मानी 2 घण्टे !

अथाक त अरुणाचर भें मदद सूमोदम सुफह 5.30 ऩय ददखाई ऩड़ा तो


गुजयात के अॊ ततभ छोय ऩय सुफ ह 8 फजे रोगो को सूम क के दशकन होंगे !

इसमरमे इस झॊझट को द यू कयने के मरमे मभजाकऩुय प्रामागयाज से


गज
ु यने िारे दे शाॊश 82 डडग्री को ह आधाय भाना गमा औय सभम का
बायतीम सभम IST का तनधाकयण इसी से होता है !

औय ऩूये दे श की घडड़माॊ इसी से एक साथ चरती है !

पर भारि में जहॉ कक कश्मीर का मौसम अऱग, मध्यप्रिे श का अऱग,


दहमार्ऱ का अऱग, राजस्थान ,र्ेन्नई का अऱग होिा है िो क्या केंद्रीय
ववद्याऱय CBSE पै टना के स्कूऱों का पुरे िे श में एक समय पर खुऱना
बन्ि होना न्यायपूि ा है ?

क्या इस पध्िति को स्थातनक समय स्थातनक मौसम के अनुरूप नहीॊ


होना र्ादहए ?

19
ये पररविान आणखर क्यों नही हुआ ?

ककसी व्मिस्था को ऩरयिततत


क कयते सभम तककऩूण क तथ्म ददए जाते है
ककॊ तु िषक 2000 तक 9 फजे से रगने िारा स्कुर 2001 भें 7.30 फजे से
रगने रगा बफना ककसी स्ऩष्ट कयण के !

क्यों ?

जफ 9 फजे से स्कुर रगता तो दहन्द ू ऩयम्ऩया भें सुफह उठकय नहाकय


फच्चे भाता वऩता के साथ ऩू जा आदद कयके ह कपय ऩढ़ने फै ठते कपय
सभम होने ऩय ऑटो मा फस मा अन्म साधन से स्कुर जाते !

फच्चे 6 फजे बी उठते तो भु ह धोना ऩेट हल्का कयना, नहाना कपय ऩेट
हल्का होने के फाद हल्की बूख रगती तो कुछ हल्का नाश्ता कयके जाते!

स्कुर भें दटकपन खाते 12 फजे कपय 2.30 फजे िाऩस औय यात का
बोजन सफके साथ मे व्मिजस्थत ददनचकमा थी !

ककॊ तु 2001 से नई टाइमभॊग के अनुसाय अफ फच्चे सुफ ह 5.30 फजे उठते


है औय केिर भु ह धोकय ह हड़फड़ी भें तैमाय होकय चरे जाते है !

सुफह ऩेट साप नह हुआ तो स्कुर भें ऩेट भें गैस होगी ! यात का
बोजन सड़ने से औय इससे ऩेट पुरा रगे गा !
सुफह नह नहा ऩामे तो शय य फेचैन सा रगे गा स्कुर भें , जजससे ऩढ़ाई
से बी ध्मान हटे गा कपय 10.30 फजे रॊच की छुर्टट होती है !

तो जजस फारक ने सफु ह ऩेट साप नह ककमा आॊतो भें सड़ते हुए बोजेन
के ऊऩय कपय से नए बोजन की ऩयत आ जाती है !

नतीजा फारक का ऩेट पूर जाता है (स्िमॊ दे णखमे CBSC के फच्चों को


ऩेट पुरा तोंद ददखे गी) भोटाऩा फढ़े गा !

आॊतो भें सड़े हुए बोजेन का विष होने से ऩेट की फीभारयमाॊ , ऩेशाफ, कब्ज
सम्फन्धी फीभारयमाॊ , मसयददक , मादाश्त कभजोय, फार सपेद, आॉखों भें चश्भा
रगने रग जाता है !

20
अफ मह फारक दोऩहय भें 3 मा 4 फजे तक घय ऩहुचता है , तो शय य
थका होता है क्मोंकक बोजन व्मिस्था ऩूय बफगड़ी होती है तो फारक
सोता है मा फेभन से र्टमूशन आदद जाता है !

औय ऐसे केंद्र म स्कुर की सभम सायणी भें अर्धकाॉश इसाई मभशनय


स्कुर होते थे ऩहरे (कपय िषक 1990 से तनजी स्कूर कुकुयभि
ु े की तयह
खर
ु चुके) जजनभे ईसा भसीह की चचाक चचक आदद के रोग सफ
ु ह से
फच्चे को ददखाई ऩड़ते है जजससे िो फाल्मािस्था भें ह इनका भानमसक
गर
ु ाभ हो जाता है औय कपय जीिन भें कबी चचक का वियोध नह कय
ऩाता !

तो मभत्रो इस तयह CBSC स्कुर की टाइमभॊग दहन्द ू घय भें विद्माथी की


प्रात:कामरक दहन्द ू धभक प्रकक्रमा को ख़त्भ कयने गरत अप्राकृततक सभम
ऩय बोजन कयिाके उनको योगी फनाने की मोजनाफद्ध नीतत है !

डाक्टयो के मरमे नए तयह के छोटे भय जो की श्रॊख


ृ रा आयम्ब हो जाती
है औय विदे श से आने िार दिाईमो, फार र्गयने , फढ़ाने िारे तेरों, ऩेट
ददक गैस की दै िाईमो की बफक्री फढ़ जाती है !

ये पूरी की पूरी नीति एक श्ॊख


ृ ऱाबद्ि गीरोह की रिनीति ही जातनये !

अरुिार्ऱ से गुजराि िक 2900 ककऱोमीटर के ववशाऱ िे श में भे ड़ र्ाऱ


क्यों और ककसके िवाब में ?

परिे के पीछे कौन ?

ऐसी केंद्रीयकृि टाइममॊग की आवाश्यकिा है क्या स्कूऱों को ?

केंद्रीय बोडा को केवऱ पाठ्यिम और प्रकिया तनिााररि करनी र्ादहए !

21
इल्ऱमु मनाति और शैऺणिक षड्यॊत्र

भाग -18

आधथाक सहायिा

मभत्रो CBSC ऩाठ्मक्रभ केंद्र म सयकाय के कभकचारयमो की सुविधा के


मरमे आयम्ब ककमा गमा ताकक दस
ू ये स्थान दस
ू ये याज्म भें ट्ाॊस पय होने
ऩय फच्चे को ककसी स्कुर के ऩाठ्मक्रभ भें ददक्कत ना हो!

कपय धीऱे से इस ऩाठ्मक्रभ को मभशनय स्कूरों ने अऩना मरमा केंद्र म


विद्मारम के अरािा इन मभशनय स्कूरों भें बी केंद्र के अर्धकाय ,
कभकचाय अऩने फच्चों को बे जने रगे विमबन्न कॉमकक्रभ होने रगे औय
मे स्कुर रोकवप्रम हुए चभक दभक के कायण जजससे व्माऩाय िगक बी
अऩने फच्चों को बे जने रगा !

िो अब जब भी केंद्र सरकार का नया वेिनमान आिा है िो इन


ममशनरी स्कूऱों की फीस तिगुनी हो जािी है !

भहॊ गी पीस के कायण केंद्र के कभकचाय इन मभशनय स्कूरों से विभुख


ना हो जाए इसके मरए िषक 2008 से केंद्र सयकाय ने कभकचाय मो को
मशऺा बिा दे ना आयम्ब ककमा (काॊग्रेस सयकाय ने) जोकक ितकभान भें 18
हजाय रूऩमे प्रतत स्कुर विद्माथी प्रततिषक है मानी 2 फच्चे का 36 हजाय
रूऩमे एक कभकचाय के द्िाया सयकाय ने मभशनय स्कूर को मबजिा
ददए!

कभकचाय सोच यहे है कक सयकाय उनके फच्चे को ऩढ़ाने हे तु आर्थकक


सहामता दे यह है जफकक िास्ति भें जनता से टे क्स द्िाया िसर
ू े गए
रुऩमों को एक केंद्र सयकाय के कभकचाय के भॉध्मभ से मभशनय स्कूरों
तक ऩहुचामा जा यहा है !

22
जोकक कपय एकबत्रत होकय अभेर यका, इॊग्रैंड आदद चरा जाता है औय
कपय विदे शी सहामता/कजे के रूऩ भें िाऩस बायत आता है जजसके
कायण आज प्रत्मे क बायतीम ऩय 30 हजाय रूऩमे का कजक है !

अगय सयकाय सभस्त स्कुर, कारे जो की पीस ऩय तनमॊत्रण यखती कभ


कयिाती तो हय फच्चे को राब मभरता !

रेककन उद्दे श्म तो मे नह है !

केंद्र सयकाय के कभकचाय के फच्चे मभशनय के अरािा अन्म तनजी


स्कूरों भें बी ऩढ़ते है !

इस तयह मशऺा को भहॊ गी कयने भें सयकाय का बी मोगदान है

औय अनेक स्कूरों को ऩहुच यह आर्थकक सहामता भें से कुछ फड़ा अॊश


मभशनय स्कूरों को बी ऩहुचता है !

ककतना घु भािदाय !
सपर आर्थकक यास्ता !

23
इल्ऱुममनाति और शैऺणिक षड्यॊत्र

भाग - 19

मभत्रो बायत के स्कूर औय कारे ज ऩाठ्मक्रभ भें बायत के दहन्द ू


इततहास को ऩूय तयह विरोवऩत कय ददमा गमा 1950 से !

भोद सयकाय भें 2014 भें स्भतृ त ईयानी मशऺा भॊत्री फनी !
अत्मॊ त तेज तयाकय , फुद्र्धभान, त्िरयत जिाफ दे ने की तीक्ष्ण फुद्र्ध, हय
ट िी इॊटयव्मू भें वियोधी ऩत्रकाय की अच्छे से धुराई कयने भें ऺभतािान!

तो बायत के प्राचीन इततहास को स्कूर ऩाठ्मक्रभ भें शामभर कयने ,


व्मथक ऩाठ्मक्रभ का फोझ हटाने औय अच्छी व्मािहारयक उऩमोगी मशऺा
दे ने हे तु ईयानी जी ने विद्िानों का एक ऩै नर फनामा जोकक स्कूर
ऩाठ्मक्रभ की शद्
ु र्ध के मरमे जन
ू 2014 से काभ कयने रगा !

ट िी ऩय ककसी ना ककसी चैनर ऩय हय 3 भाह भें उनका इॊ टयव्मू आता


(ऐसा रगता है कक इसके फहाने , उनके भुह से उनके भॊत्रारम के कामक
उगरिामे जाते थे)

उन्होंने हय इॊटयव्मू भें मे फात कह थी की स्कूर ऩाठ्मक्रभ सॊशोधन


का कामक चर यहा है !
ऩत्रकाय एिॊ काॊ ग्रेस ने आयोऩ रगाए कक RSS के रोग इततहास
ऩाठ्मक्रभ तनधाकरयत कयने बफठामे हुए है !

रेककन कामक ऩूया हुआ औय 23 जन


ू 2016 को ईयानी जी ने ट िी इॊटयव्मू
भें कहा कक 29 जन
ू 2016 को नई स्कुर मशऺा नीतत नई ककताफे रागू
हो जाएॊ गी !

रेककन अचानक 25 जून 2016 को 4 भॊबत्रमों का विबाग फदरा गमा औय


ईयानी को कऩड़ा भॊत्री फनामा गमा !

तो कपय 29 जून को ऩूिक तनधाकरयत मोजना के अनुसाय नई मशऺा नीतत


क्मों रागू नह ॊ हुई ?

24
जो कामक रेखन प्रकाशन ऩूण क हो चूका था केिर पीता खोरकय ककताफो
का विभोचन कयना ह फाकी था 29 जून को तो मे कामक क्मों नह ॊ हुआ
?

क्या मॊत्री बिऱ जाने से िैयार पुऱ , बाॉि, आरम्भ नही होिे ?

2 सार से जजस कामक की तैमाय , प्रकाशन ऩूण क हो चुका था, नए भॊत्री ने


उसको 29 जून मा कुछ 1 भाह फाद तक बी जाय कय सकता था रेक कन
आज 1 िषक फाद बी मे नह ॊ हुआ !

क्मा आऩको माद है 2014 भें ददल्र के एक इसाई स्कुर भें ककसी ने
ऩत्थय भाय ददमा तो ईयानी को स्कुर तनय ऺण ऩय जाना ऩड़ा औय भोद
जी को याष्ट् म ट िी ऩय सपाई दे नी ऩड़ी !

जफकक दे श के अनेक स्कूरों, भदयसों, कारेजो आदद भें रड़ककमों से


फारात्काय, हत्मा तक हो जाते है औय कोई साधायण याज्म सयकाय का
भॊत्री तक कबी स्ऩष्ट कयण दे ने ट िी अखफायों भें ऩय नह ॊ आता !

ककॊ िु एक इसाई स्कुऱ में 1 पत्थर ककसी ने िबबयि से उछाऱ दिया िो


भाजपा के दहन्ि ू िॊत्र में छे ि हो गया !

अफ हभ औय आऩ सफ सभझ जाए कक इस इल्रुमभनाती की ककतनी


अर्धक घुसऩै ठ है औय भोद बी कुछ फेफस प्रतीत हो यहे है !

सॊऻानात्भक !

क्रभश्

25
इल्ऱमु मनाति और शैऺणिक षड्यॊत्र

भाग - 20

MBA, MCA कोसा !

मभत्रो बायत दे श भें शामद 1990 भें MBA, MCA ऩाठ्मक्रभ आयम्ब
हुआ!

जो रोग फीएससी, फीई, फीए आदद स्नातक ऩाठ्मक्रभ कय यहे थे मा कय


चुके थे तो उनको मे नए ऩाठ्मक्रभ सभझ भें नह आमे !
रेककन कुछ विद्मार्थकमों ने MSc भें प्रिेश मरमा तो कुछ ने
MBA, MCA कोसक ऩसॊद ककमा !

उस सभम मशिखेड़ा नाभ के आदभी को ऩूये बायत भें भैने जभें ट गुरु
फनाकय प्रचारयत ककमा गमा !

दै तनक बास्कय ने वियाट आमोजन ककमे हय जजरा स्तय के शहय भें


ताकक इन नए डडग्री कोसेस का प्रचाय हो मि
ु ा आकवषकत हो!
(औय आज इस तथाकातीत भैनेजभें ट गुरु का कोई अता ऩता नह मे
केिर एक भख
ु ौटा था)

आगे इन नमे विषमों का बविष्म बफल्कुर स्ऩष्ट नह ॊ था कक नौकय


कहाॉ औय ककतने िेतन िार मभरे गी ?

फीएससी के फाद आयॊ म बक कम्प्मूटय कोसक कयने िारो को भेये फड़े बाई
ने पट चप्ऩर ऩहने दे खा था 1989 भें !

कपय 1995 भें बायत भें अचानक एक आर्थकक अॊ तयाष्ट् म विस्पोट होता
है औय प्रधानभॊत्री नयमसम्हायाि डॊ कर प्रस्ताि स्िीकाय कय रे ते है औय
GATT सभझौते ऩय हस्ताऺय ककमे जाते है !

26
WTO का भुख्मारम बायत भें खुर जाता है औय विदे शी कम्ऩतनमो को
फैंक, फीभा, उद्मोग, तनभाकण, विदे शी उत्ऩाद की बायत के खुरे फाजाय भें
भाकेदटॊ ग , अभेर यकी कम्प्मूटय कम्ऩतनमो के कार सेंट य बायत भें खोरने
की अनु भतत मभर जाती है !

और अब रह्सस्य खुऱ िा है 1990 में आरम्भ की गई MBA, MCA


िडधग्रयों का !

GATT समझौिा यु ही अर्ानक 1995 में हस्िाऺररि नही हुआ था !

फजल्क मे ऩूिक तनधाकरयत िषक था औय बायत के रोगो को ददखाने के मरमे


कक हभको अॊ तय याष्ट् म फाजाय भें प्रततस्ऩधाक कयनी है तो 1 सार तक
GATT ऩय बायत सयकाय औय WTO की नूया कुश्ती, चचाक , वियोध, आदद
चरती यह !

कपय 1995 भें नयमसम्हायाि ने हस्ताऺय ककमा जोकक ऩूिक तनधाकरयत


सट क िषक सभम था !

अफ बायत भें औय अॊ तययाष्ट् म फाजाय हे तु विदे शी व्माऩारयमों कम्ऩतनमो


को नमे तयह के उत्ऩाद की नौकय हे तु नए तयह की व्मािसातमक मशऺा
प्राप्त प्रत्मामशमों की जरुयत ऩड़नी थी !

इस सभझौते के फाद अचानक फहुत साये भेनेजय, कम्प्मूटय सॊचारक,


प्रोग्राभयों की आिश्मकता ऩड़नी थी !

तो इसकी ऩूत त क के मरमे 1990 से ह बायत भें तैमाय आयम्ब हो चुकी


थी औय 1995 तक जफ 5 सार भें ऩमाकप्त डडग्री िारे रोग तैमाय हो
गए तो 1995 भें डॊ कर प्रस्ताि रागू हो गमा !

बायत भें धड़ाधड़ विदे शी सॊस्थान खु रने रगे 1998 तक मे कम्ऩतनमा


बायत भें ऩूण क रूऩ से हय फड़े शहय के स्थावऩत होने रगी !

27
फैंकों के मरमे भैने जय की मोग्मता MBA ( जोकक ऩहरे MCom िारे होते
थे) तनधाकरयत की गई, फहुयाष््य म, अभेर यकन कम्ऩतनमो के कार सेंट य,
विदे शी फीभा कम्ऩनी एिभ कम्प्मूटय प्रोग्रामभॊग विकमसत कयने हे तु
कम्प्मूटय प्रोपेसनल्स की आिश्मता हुई !

तो MCA िारे डडग्री हाथ भें रेकय तैमाय खड़े थे , हजायो रोगो को
योजगाय मभरा औय तत्कार न प्रचमरत िे तन से 4 गुना िेतन मभरना
आयम्ब हुआ !

औय इस तयह एक फना फनामा फौद्र्धक इॊिास्ट्क्चय विदे शी कम्ऩतनमों


को मभर गमा बायतीम खचे ऩय !

औय बायत के रोगो ने सभझा कक ककतना अच्छा हुआ ऩय ऩयदे के ऩीछे


का असर खेर कुछ औय ह था !

बायत के रोग मे नह सभझ ऩाए कक इल्रुनमभनाती के मोजनाफद्घ


चयण के अनुसाय फैं कयों को तैमाय ककमा गमा !

भारिीयों को बहुि उच्र् वेिन ममऱ रहा था िो नुक्सान क्या हुआ ?

नक्
ु सान मे हुआ कक ऩूये बायत का श्रेष्ठतभ ददभाग इन विदे शी
कम्ऩतनमो की सेिा भें रग गमा !

जो ददभाग फै क कॊ ग, भाकेदटॊग , कॉर सेंटय BPO, प्रोग्रामभॊग भें रग यहा


था उस आविष्कायक बायतीम ददभाग को नयमसम्हायाि सयकाय ने
उत्ऩादक भामरक की जगह सेिक फना ददमा !

अभेर यका की भोफाइर, कम्प्मूटय कम्ऩतनमो को चराने िारे कम्प्मूटय


भोफाइर तनमभकत कयने िारे , पेसफुक, हॉटभेर का आविष्काय कयने िारे
बायतीम रड़के ह थे !

तो जजन रड़को को भामरक फनकय उद्मोग कम्ऩतनमो, भोफाइर,


कम्प्मट
ू य, का तनभाकण बायत भें कयना था !

28
ऩूय दतु नमा भें बायत तनमभकत सस्ते भोफाइर, कम्प्मूटय को छा जाना था
औय इन चीजो को विदे श भें फेचकय बायत की आर्थकक जस्थतत ऩुये मूयोऩ
के फजट से 100 गुनी फेहतय हो जाती केिर 10 सार भें ह !

ऩय िह रड़के भजफूय भें 1995 से आज तक इन कम्ऩतनमो की सेिा


भें 24x7 घण्टे खून सुखाते हुए रगे हुए है !

क्मोंकक 1930 से ऱे कर अब िक की भारिीय दिमाग का अध्ययन करके


ने तनष्कषा तनकाऱा कक भारिीयों (दहन्ि ू, जैन, मसख, बौद्ि) से अच्छे ,
ववश्वासपात्र, आऻाकारी, बुद्धिमान ितु नया की कोई िस
ू री कौम नहीॊ है !

अफ षड्मॊत्र के तहत बायत भें स्िदे शी भोफाइर, स्िदे शी कम्मूट य के


तनभाकण की अनुभतत नह द गई बायत सयकाय द्िाया !

मामऱक को नौकर बनाकर रखने की योजना हे िु इल्ऱुममनािी किम िर


किम काया तनिााररि करिा है 1990 के नये पाठ्यिमो से स्पष्ट है !

भारि की मशऺा नीति कोसा सब अमे ररकन यूरोप की आवश्यकिा के


अनुरूप तनिाा ररि होिा है !

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