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मज़हब ही

सिखाता है
आपि में बैर करना

यदि अपने दहतों की िरु क्षा चाहते हो


तो पहले दहन्ि ू धमम के दहतों की रक्षा करो

यशोधमाम
मानोज रखखत प्रकाशन
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कृ तिस्वाम्य –

मानोज रखित

ले खन, तिन्दी रूपाांिर, डीटीपी, प्रकाशन –

मानोज रखित (खितामह प्रदत्त नाम यशोधमा)

ईमेल maanojrakhit@gmail.com

अांिराष्ट्रीय पुस्िक मानक सां ख्या –

ISBN-10: 81-89746-15-4

ISBN- 13: 978-81-89746-15-5

प्रकाशन –

Paperback editions –

2006 जनवरी, फरवरी, जून, खितंबर, अक्टू बर, जुलाई, मई

2012अक्टू बर

Digital Version –

2018 April

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स्िुति

वक्रतुण्ड महाकाय िूययकोखट िमप्रभ।

खनर्ववघ्नं कुरु में देव शुभकाये षु िवयदा।।

या कुन्देन्दुतष
ु ारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,

या वीणावरदण्डमण्ण्डतकरा या श्वेतिद्मािना।

या ब्रह्माच्युतशं करप्रभृखतखभर् देवैस्त्िदावण्न्दता,

िा माम् िातु िरस्त्वती भगवती खनश्शे षजाड्यािहा।।

या देवी िवयभूतेषु शखिरूिे ण िंण्स्त्िता।

नमस्त्तस्त्यै नमस्त्तस्त्यै नमस्त्तस्त्यै नमो नमः।।

समपप ण

काये न वाचा मनिेण्न्िऐवा बुध्यात्मना वा प्रकृ ते स्त्वभावात।

करोखम यद् यद् िकलं िरस्त्मै नारायणाये खत िमिय याखम।।

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पुस्िक समीक्षा

सां स्करण 2006

श्री शुखतवन्त दुबे 'खवजन', राष्ट्रिखत िदक प्राप्त, राष्ट्रीय िम्मानों िे िम्माखनत,

खवद्यावाचस्त्िखत (मा0), खजला अध्यक्ष इण्ण्डयन प्रेि कौंखिल, खजला िीधी, मध्य

प्रदे श, खदनांक 6 माचय 2006

"मानोज रखित की कृ खत "मज़हब ही खििाता है आिि में बैर करना" मेरे हाि

में है । अभी तक मैंने िढ़ा िा मज़हब नहीं खििाता आिि में बैर करना और अिने इि

दृखिहीन ज्ञान को िगवय प्रचाखरत भी करता आया हू ।ूँ खकन्तु आज िमझा खक मैने

तोतारटन्त इि िुस्त्तैनी अज्ञान को खवराित में िाया और श्रृंिला का िूर बनता रहा।

"मैं" हू ूँ व्यखि, चर िमखि का प्रतीक हू ,ूँ एक खिम्बल हू ।ूँ इिखलए यह अज्ञान भी व्यखि

तक िीखमत न होकर िमूह का िच है ।

कृ खत धमय िर चढ़ी आदशय की कलई को िोलती धमय के काले चे हरे को

उजागर करती है । ले िक की कलम धमय का िोस्त्टमाटय म करती है तिा अंग-प्रत्यंग

चचतन के द्वार िर िोचने के खलए छोड़ देती है । ऐ वे िच्चाईया ूँ हैं जो िाठक की िोच को

बदल िकती हैं । अन्य मज़हबों की िंकीणयता, कट्टरता, दुराग्रहता तिा चहिात्मकता का

बयान करता ले िक िनातन धमय की वैज्ञाखनकता और िवयग्राह्यता का भौखतक िुलािा

करता है ।

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िुस्त्तक धमय का फ़ोटोग्राफ़ है , ले िक एक फ़ोटोग्राफ़र। जो मज़हब के चे हरे को

हू -बहू दशयक के िामने रि खदया है । फ़ोटोग्राफ़र फ़ोटो में अिना कुछ नहीं देता। ले िक

ने भी नहीं खदया, िर िोचने के खलए जगह खदया है । इिीखलए वह कहता है - मुझमें अब

कोई इच्छा नहीं रही, खक मैं उन व्यखियों को िमझाने में, अिना िमय एवं अिनी उजा

नि करूूँ, जो मेरी बात को िमझने की ण्स्त्िखत तक, अभी नहीं िहु च


ूँ े । ऐिे व्यखि इन

ले िों खक महत्ता को तभी िमझेंगे जब िानी िर तक आ िहु च


ूँ े गा, एवं डू बने की िंभावना

उन्हें बहु त ही खनकट िे खदिने लगेगी।

और ले िक का इच्छाराखहत्य ही िंगठन का प्राबल्य है । यही िाठक का

आमंरण है जहा ूँ वह खचन्तन के खलए जगह िाता है । इि छोटी िी िुस्त्तक में बाइखबल

ओल्ड व न्यू टे स्त्टामेन्ट, ईिाई गॉस्त्िे ल, कुरआन और उनकी आयतें तिा िनातन धमय

का खनष्ट्िक्ष व खनष्ट्काम भाव िे यिारूि, यिा आदेश एवं उिदेश प्रस्त्तुत खकया गया है ।

मज़हब के िेमे में घुटती मानवीयता की िीड़ा ही ले िक का ले िन, ित्यकिन, अध्ययन

एवं अध्यात्म है , ले िक की नज़रों ने मज़हब के िंजरों िे अिहायों, खनरीहों, बेगन


ु ाहों के

कटते खिर देिा है , बण्स्त्तयों की जलती होली देिी है , िून की नखदयों में उफ़ान देिा है ।

यही कारण है खक भावों का िाधक खचन्तन के कमय-मठ में िाधनारत होकर ित्यधमय के

द्वार िर िहु च
ूँ ता है । इि िहु च
ूँ में न िीझ है , न उदािी है , न कचोट है , न हिौड़ा प्रहार का

कोई आग्रह। वह शान्त खनर्वलप्त भाव िे अिने अध्ययन के खनष्ट्कषय धमयिार को िाठक के

मन मण्स्त्तष्ट्क में खनचोड़ देता है , जो धीरे -धीरे खरिता हु आ िाठक की िोई हु ई चे तना को

खबना आवाज के ही जागृत करता है । यह जागृखत ही ले िक को अभीि है ।

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ले िक कोई उिदेशक नहीं, िर मानव धमय का रक्षक है । इिीखलए उिका

िहला और अण्न्तम िंदेश - यखद अिने खहतों की िुरक्षा चाहते हो तो िहले िनातन धमय

के खहतों की रक्षा करो - है । यह कोई उिदेश नहीं, बण्ल्क आत्मक्लेश व धमयक्लेश है ।

अिने अध्ययन व खचन्तन िे ले िक ने खनष्ट्कषय खनकाला है खक - मज़हब ही

खििाता है आिि में बैर करना - िटीक एवम् तकयिंगत है । िर िनातन धमय ही मानव

धमय है खजिमें --िवे भवन्तु िुखिनः िवे िन्तु खनरामया--के भाव-िुष्ट्ि खचन्तन-उद्यान में

खवहूँिते रहते हैं ।

कुल खमलाकर, कृ खत िंप्रेषणीय, िठनीय एवम् िंग्रहणीय है । िाठक िुस्त्तक

िोजकर िढ़ें , मेरी अिील है । "

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बस केवल एक झलक दे ख लें

बचिन िे मैं िुनता आया िा —

 मज़हब नहीं खििाता है आिि में बै र करना

 तू न चहदू बनेगा, न मुिलमान बनेगा, इंिान की औलाद है , इंिान


बनेगा

 ईिाई धमय प्रे म, दया एवं मानवता की िेवा का धमय है

 मदऱ टे रीिा ने "गरीबों के गरीब" की िेवा कर खवश्व में एक आदशय


स्त्िाखित खकया।

जीवन के िचाि वषों तक मैंने इन बातों िर खवश्वाि भी खकया। खशक्षा,


मीखडया और प्रचार का प्रभाव मानव की िोच और भावनाओं को इि हद
तक प्रभाखवत कर िकता है । िर अब मैंने स्त्वयं उन धमयग्रंिों को िढ़ा। खफर,
उन िीिों के आधार िर, उन धमों के अनुयाखययों ने, मानवता के िाि क्या
वीभत्ि व्यवहार खकया, इिका इखतहाि भी िढ़ा।

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पतवत्र बाइतबल की तशक्षायें

अनुवादक के रूप में मेरा कतयव्य बनता है खक मैं, अिनी योग्यता के

अनुिार, अंग्रेज़ी मूल िे यिािम्भव उतिि समानार्पक तिन्दी शब्दों एवां

वाक्यों का चयन कर ही अनुवाद प्रस्त्तुत करूूँ िातक मूल भाव बरकरार रिे ।

तनम्नोक्त उद्धरणों के स्रोि—होली बाइबल, वैखटकन / िोि द्वारा

प्राखधकृ त िंस्त्करण चकग जेम्ि वज़यन, िाइलट बुक्ि, एिेन्ि, जॉर्वजया,

ब्रॉडमैन ऐंड हॉलमैन िबखलशिय, बे लखजयम, 1996, ISBN 0840036254

अांग्रेज़ी-तिन्दी अनुवाद िे िु प्रयुक्त शब्दकोश— अंगरे जी-खहन्दी

कोश, फ़ादर काखमल बुल्के, कािखलक प्रे ि, रा ूँची, 1968 तिा राजिाल

अंग्रेज़ी-खहन्दी शब्दकोश, डॉ हरदेव बाहरी, राजिाल एण्ड िन्ज़़, खदल्ली, 2005

ऑक्सफ़ोडप शब्दकोश बृहत िंस्त्करण ISBN 0195654323 के

अनुिार ईसाई बाइतबल (उच्चारण बाइबल) का प्रिम भाग ओल्ड टे स्टामेंट

यिू दी मूल का है । यहू दी धमय की खशक्षायें इिमें िखिखहत हैं जो ईिाई धमय को

भी मान्य हैं । ईिाई बाइखबल के ककग जेम्स वज़प न को ईसाई पोप की

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मान्यिाप्राप्त है । इिमें िखिखहत खशक्षाओं में िे हम कखतिय उद्धरण यहा ूँ

प्रस्त्तुत करें गे जो यिू दी तिा ईसाई धमय के बारे में आपकी मान्यिाओां को

एक नई खदशा देगी।

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यिू दी मूल का पतवत्र बाइतबल

ओल्ड टे स्टामेंट—तडउटे रॉनॉमी

12:1 ये हैं (बाइखबल के) गॉड (ईश्वर) के तवधान (कानून) खजनका

तुम िालन करोगे तब तक जब िक िुम इस पृथ्वी पर तजओगे। 12:2 तुम

पूरी िरि तवनाश कर दोगे उन िभी स्त्िानों का खजन िर तुमने अखधकार

खकया, यखद वहा ूँ के लोग तकसी भी अन्य भगवान की पूजा करते हों, चाहे

वे ऊूँचे िवयतों िर बिते हों, या िहाखड़यों िर, या खफर हरी-भरी वाखदयों में

12:3 और तुम उनके पूजा की वेतदयों को तवध्वांश कर दोगे, उनके िूजा

के स्त्तम्भों को तोड़ दोगे , उनके उिवनों को जला दोगे , उनके देवी-देवताओं

के अंखकत खचरों को चीर डालोगे , गढ़ी हु ई मूर्वतयों को काट डालोगे , उनका

नाम िक विााँ से तमटा डालोगे।

13:6 यखद िुम्िारा सगा भाई जो है तुम्हारी अिनी मा ूँ का बे टा, या

िुम्िारा पुत्र, या िुम्िारी पुत्री, या िुम्िारी पत्नी जो तुम्हारे हृदय में बिती हो,

या तुम्हारा वि तमत्र जो तुम्हारी अिनी आत्मा के िमान है — इनमें िे यखद

कोई तुम्हें चुिके िे फु िलाए खक चलो हम चल कर दूिरे धमय के भगवान की

िूजा करें जो न तुम्हारे भगवान हैं न तुम्हारे िूवयजों के 13:8 न तुम अिनी

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िहमखत दोगे , न तुम उिकी बात िुनोगे , न तुम्हारी नज़र में उिके प्रखत दया

होगी, न तुम उिे क्षमा करोगे , न तुम उिे छु िाओगे 13:9 तुम उिे अवश्य िी

मार डालोगे, तुम्हारा हाि वह पिला िार् िोगा जो उसे मृत्यु के द्वार तक

िहु च
ूँ ाएगा, उिके िश्चात दूिरे लोगों के हाि उि िर िड़ें गे 13:10 और तुम

उिे पत्र्रों से मारोगे ताखक वह मर जाए क्योंखक उिने तुम्हें तुम्हारे अिने

भगवान िे दूर ले जाने की चे िा की

20:16 उन शहरों को खजनका तुम्हें तुम्हारे भगवान ने उत्तराखधकारी

बनाया, उन शहरों के लोगों में िे तकसी को भी सााँस ले िा न छोड़ना

20:17 उन्हें पूणपिया नष्ट कर देना।

32:24 उन्हें भूख से िड़पाओ और जलती हु ई आग की लिटों को

खनगल जाने दो उनके शरीरों को, उनकी मौि अत्यां ि दुुःखद िो, मैं भी

भेजगा
ू ूँ जानवरों को खजनके दा ूँत उनके शरीरों िर गड़ें गे और िा ूँिों को खजनका

खवष उन्हें धूल चटाएगा 32:25 खबना तलवार के उनके खदलों में आतंक भर

दो, नि कर दो जवा ूँ मदों को, कुमाखरयों को, मााँ का दूध पीिे नन्िे बच्चों को,

और वृद्धों को तजनके बाल पक िुके हों।

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ओल्ड टे स्टामेंट—ईसाइयाि

13:16 उनकी आूँिों के िामने उनके बच्चों को िूरी शखि के िाि

उठा कर िटको ताखक उनके टु कड़े -टु कड़े हो जायें , उनकी पतत्नयों का

बलात्कार करो।

ओल्ड टे स्टामेंट—नम्बसप

31:17 बच्चों में प्रत्ये क नर का कत्ल कर डालो और प्रत्ये क उि स्त्री

का भी खजिने खकिी िुरुष के िाि िहवाि खकया हो 31:18 िर उन िभी

मादा बच्चों को खजन्होंने खकिी िुरुष के िाि िहवाि न खकया हो, उन्हें

अपने तलए जीतवि रखो।

ओल्ड टे स्टामेंट—एक्सोडस

23:24 तुम दूिरों के गॉड (ईश्वर) के िामने न िो झुकोगे और न

उनकी िेवा करोगे , बण्ल्क उन्हें पूरी िरि से तवध्वांश कर दोगे , उनकी

मूर्तियों िोड़-फ़ोड़ कर नष्ट कर दोगे ।

34:13 तुम उनकी पूजा की वेतदयों ध्वांश कर दोगे , उनकी मूर्वतयों

को तोड़ दोगे , उनके उिवनों को काट डालोगे 34:14 तुम खकिी भी दूिरे

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भगवान की िेवा न करोगे क्योंतक लॉडप , खजिका नाम ईष्ट्यालु िै वह एक

ईष्ट्यालु ग़ॉड हैं ।

ओल्ड टे स्टामेंट—नािुम

1:2 गॉड ईष्ट्यालु हैं , और लॉडप बदला ले िे हैं ; जब लॉडप बदला लेते

हैं तो वह क्रोधोन्मत्त िो जाते हैं ; लॉडप प्रतिशोध लेंगे अिने खवरोखधयों िे; वे

अिना क्रोध बरिाते हैं अपने शिुओां िर।

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ईसाई मूल का पतवत्र बाइतबल

तनउ टे स्टामेंट—मैथ्यू

सां ि मैथ्यू ईसा मसीि के बारह मुख्य तशष्ट्यों में िे एक िे और

उन्होंने ईसा से जो सुना और सीखा उिे गॉस्त्िे ल में खलखिबद्ध खकया।

गॉस्त्िे ल कहते हैं ईिा की जीवनी एवां उनकी तशक्षाओां के िंकलन को।

िुखनए ईसा की कर्नी मैथ्यू की जबानी —

10:34 न सोिो खक मैं आया हू ूँ तवश्व में शाांति लाने के खलए, मैं

आया हू ूँ शाांति के तलए निीं बल्ल्क िलवार तलए 10:35 क्योंखक मैं आया हू ूँ

आदमी को अपने तपिा के तवरुद्ध िड़ा करने, पुत्री को मािा के तवरुद्ध,

बिू को सास के तवरुद्ध 10:36 मनुष्ट्य का शिु होगा उसका अपना

पतरवार।

तनउ टे स्टामेंट—ल्यूक

सां ि ल्यूक बाइखबल में एक गॉस्त्िे ल (ईिा की खशक्षाओं) के लेिक हैं ।

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12:51 िुम समझिे िो खक मैं आया हू ूँ इि धरती को अमन िै न

दे ने? मैं तुम्हें बताता हू ूँ - निीं। मैं आया हू ूँ बूँटवारा करने 12:52 क्योंखक अब

से घर में िा ूँच बटे होंगे - तीन दो के खवरुद्ध - दो तीन के खवरुद्ध 12:53 तपिा

होगा पुत्र के खवरुद्ध - पुत्र होगा तपिा के खवरुद्ध - मााँ होगी पुत्री के खवरुद्ध -

पुत्री होगी मािा के खवरुद्ध - सास होगी बिू के खिलाफ़ - बिू होगी सास के

खिलाफ़।

14:26 यखद एक व्यखि मेरे िाि आता है और वह अिने तपिा से

घृणा निीं करता - एवं मािा से , पत्नी से , सां िानों से , भाई-बिनों से , एवं

अिने-आि िे भी - तो वह मेरा तशष्ट्य निीं बन सकिा।

गॉस्पेल ऑफ र्ॉमस

सां ि िॉमि ईसा मसीि के बारह मुख्य तशष्ट्यों में िे एक िे और उन्होंने ईसा

से जो सुना और सीखा उिे गॉस्त्िे ल में खलखिबद्ध खकया। सुतनए ईसा की

कर्नी र्ॉमस की जबानी —

16 ईिा ने कहा सां भविुः लोग सोििे िैं खक मैं आया हू ूँ तवश्व में

शाांति स्र्ापना िे िु - वे निीं जानिे खक मैं आया हू ूँ इि धरिी पर फू ट

डालने के तलए - आग, तलवार और युद्ध फैलाने के तलए - जिााँ पााँि

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िोंगे एक पतरवार में - वहा ूँ तीन होंगे दो के तवरुद्ध और दो होंगे तीन के

तवरुद्ध - खिता होगा िुर के तवरुद्ध और िुर खिता के - और वे डटे रहें गे

क्योंखक वे दोनों अपने आप में अकेले िोंगे।

56 जो अिने तपिा से घृणा निीं करे गा और अिनी मािा से भी,

वह मेरा तशष्ट्य निीं बन िकता। वह जो अिने भाइओां एवां बिनों से घृणा

निीं करे गा, और अिना क्रॉि नहीं ढोये गा जैिा खक मैंने खकया है , वह मेरे

योग्य न बन िाये गा।

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पतवत्र कुर’आन की तशक्षायें

तनम्नोक्त उद्धरणों के स्रोि— (1) कुरआन मजीद, चहदी अनुवाद

मुहम्मद फ़ारुक िा ूँ, अूँग्रेज़ी अनुवाद मु0 मा0 खिक्िाल, मिबा अल-हिनात,

दखरया गं ज, नई खदल्ली, 2003, ISBN 818663200X (2) कोलकाता

उच्चन्यायालय में प्रस्त्तुत की गई तरट यातिका 227 ऑफ 1985, द

कैलकटा कुरान पे टटशन, वॉयि ऑफ इंखडया, नई खदल्ली, 1999, ISBN

8185990581 (3) कुरआन मजीद, चहदी अनुवाद हज़रत मौलाना अब्दुल

करीम िारे ि िाहब, एजुकेशनल िबखलचशग हाउि, लाल कु आूँ खदल्ली,

इंखडया खरखलजि बुक िेंटर, नागिुर (4) एखमनेंट खहस्त्टोखरयन्ि, अरुण शोउरी,

ए एि ए, नोयडा, 1998, ISBN 8190019988 (5) अ चहदू खवउ ऑफ द

वल्डय , एन एि राजाराम, वॉयि ऑफ इंखडया, नई खदल्ली, 1998, ISBN

8185990522

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अल'बकरा सूरा 2

आयत 193 तब तक उनिे लड़ते रहो जब िक मूर्ति पूजा तबल्कुल

खत्म न िो जाये और अल्लाह का मज़हब िबिर राज करे 216 लड़ना

तुम्हारी मजबूरी है , चाहे तुम खकतना भी नाििंद करो इिे (ISBN

8185990581)

टटप्पणी— सूरा (अध्याय) अल'बकरा (शीर्षक) आयि (श्लोक)

अन'तनसा सूरा 4

आयत 91 वे जो िीठ मोड़ लें, उन्हें िकड़ो जहा ूँ भी उन्हें िाओ, और

उन्हें किसा पूवपक कत्ल कर डालो (ISBN 8190019988)

आयत 56 वे जो अल्लाह के आदेश को नहीं मानते हैं , हम उन्हें आग

में झोंक देंगे और जब उनकी िमड़ी तपघल जाए िो हम उनकी जगह नई

चमखड़या ूँ डाल देंगे ताखक उन्हें स्वाद तमले यां त्रणा का। अल्लाह िबिे अखधक

शखिमान हैं एवं तववेक पूणप हैं (ISBN 818663200X)

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अल'अन्फ़ाल सूरा 8

आयत 12 जो मेरे अनुयायी नहीं हैं , मैं उनके हृदयों में आिांक भर

दूगा।
ूँ उनके सर धड़ से अलग कर दो, उनके हाि और िा ूँव को इि कदर

जिमी कर दो खक वे तकसी भी काम के लायक न रि जायें 15 िे 18 तक

वो िुम निीं, बल्ल्क अल्लाि िा, खजिने चहिािूणय ढं ग िे उन्हें मार डाला। वि

िुम निीं िे खजिने उन िर दृढ़ता िूवयक प्रहार खकया। अल्लाह ने उन िर दृढ़ता

िूवयक प्रहार खकया ताखक वह तुम जैिे अनुयायी को भरपूर पुरस्कार दे िके

39 िब िक उन िर हमला करते रहो जब िक मूर्ति पूजा का नामों तनशााँ

न तमट जाये और िब अल्लाि के मज़िब के अधीन न हो जायें 67 िै गंबर,

युद्ध बांदी िब िक न बनाये गा, जब तक वह, उि जमीन िर कत्ले आम न

कर ले (ISBN 8185990581)

अि'िौबा सूरा 9

आयत 2-3 अल्लाह एवं उनके िै गंबर मुि हैं , खकिी भी दाखयत्व िे,

मूर्ति पूजकों के प्रति... उन्हें ऐिी िजा दो खक वे शोक ग्रस्त्त हो जायें (ISBN

8185990581)

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आयत 5 जब हराम महीने बीत जायें तो मूर्तिपूजकों को कत्ल कर

डालो जहा ूँ भी िाओ उन्हें । तछप कर घाि लगाये बैठे रहो उन िर आक्रमण

करने के खलए। उन्हें घे र लो और बन्दी बना लो। यखद उन्हें मूर्वतिूजक होने का

िछतावा हो और वे इस्लाम कबूल कर लें, नमाज़ िढ़ें , ज़काि (कर) दें तब

उनका मागय छोड़ दो। अल्लाह ने उन्हें क्षमा खकया और उन िर दया की (ISBN

8185990522)

आयत 7 अल्लाह और उनके िै गंबर मूर्ति पूजकों को तवश्वास की

दृतष्ट से निीं देिते 39 ऐ मुिलमानों, अगर िुम युद्ध न करो तो अल्लाह

तुम्हें कड़ी िजा देगा और तुम्हारी जगह िर दूिरे आदमी को लाये गा 41 चाहे

तुम्हारे िाि ितर्यार िों या न िो, चल िड़ो और लड़ो अल्लाह की िाखतर,

अिने धन और अिने शरीर के िाि 73 ओ िै गंबर! जो मुझमें खवश्वाि नहीं

करते, उनिे युद्ध छे ड़ो। उन िर कठोर बनो। उनका अांतिम तठकाना नरक

है , एक दुभाग्य िूणय यारा का अंखतम चरण (ISBN 8185990581)

आयत 111 अल्लाह ने िरीद खलया है , अल्लाह िर खवश्वाि करने

वालों िे (अिात मुिलमानों िे), उनकी खजन्दगी और उनकी धन-िम्िखत्त

क्योंखक (जित) स्वगप उनका िोगा - वे लड़ें गे अल्लाह के खलए, किसा पूवपक

कत्ल करें गे अल्लाि के तलए, और कट मरें गे अल्लाह के खलए। यह विन िै

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अल्लाि का तोराह में (यहू खदयों का धमयग्रंि), गॉस्त्िे ल में (ईिा की जीवनी एवं

खशक्षायें ), एवं कुरआन में, खजििे वि (अल्लाि) बधें िैं । अल्लाह िे बे हतर

कौन िूरा करता है अिनी प्रखतज्ञा? आनन्द मनाओ खक यि जो सौदा िुमने

तकया िै (अल्लाि से ) यही तुम्हारी िबिे बड़ी उिलण्ब्ध है (ISBN

818663200X)

आयत 123 मुिलमानों, िुम्िारे आस-पास जो भी गैर-मुसलमान

बसिे िैं , िमला बोल दो उन पर, उन्हें जताओ खक तुम खकतने कठोर हो

(ISBN 8185990581)

अल'िज़्ज़ सूरा 22

आयत 19-22 आग के िखरधान (वस्त्र) बनाये गए हैं उनके खलए जो

इस्त्लाम को नहीं अिनाते। उबलिा िु आ पानी उनके सर पर डाला जाये गा

ताखक उनकी िमड़ी भी तपघल जाए और वह िब भी खिघल जाए जो उनके

िे ट में है (अाँितड़यााँ भी)। उन िर कोड़े बरिाये जाएूँ, आग में िपिे िु ए

लाल लोिे के बने कोड़ों से (ISBN 8185990581)

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अल'अिज़ाब सूरा 33

आयत 36 जब अल्लाह एवं उिके पै गांबर ने तनणपय कर खलया है ,

खकिी भी बात िर, तो तकसी मुसलमान मदय या औरत को यह िक निीं खक

वह उि बारे में, कुछ भी कह िके (ISBN 818663200X)

मुिम्मद सूरा 47

आयत 4 िे 15 जब तुम्हारा िामना हो गैर-मुसलमानों िे, युद्धभूखम

िर, उनके सर काट डालो। जब तुम उन्हें कुिल डालो तो कि कर बा ूँधो।

उनिे धन वसूल करो। उनके हखियार डलवा दो। तुम ऐिा ही करोगे । यखद

अल्लाह ने चाहा होता तो वि स्वयां उन्हें नि कर देता, तुम्हारी िहायता के

खबना। िर उिने यह आदेश खदया है , ताखक वह तुम्हारी िरीक्षा ले िके। और

वे जो अल्लाि के तलए लड़ते हु ए कट मरें गे, अल्लाह उनके काम को व्यिय न

जाने देगा। वह उन्हें जन्नि में बुला लेगा। अल्लाि का विन है यह।

मुिलमानों, यखद तुम अल्लाि की सिायिा करते हो, तो अल्लाह तुम्हारी

िहायता करे गा, और तुम्हें मज़बूत बनाये गा। िर जो अल्लाह का न होगा वह

अनन्ि काल िक नरक में िड़े गा। अल्लाह केवल मुिलमानों की ही रक्षा

करे गा। गै र-मुिलमानों का कोई भी रिवाला नहीं। जो सच्चे धमप (इस्लाम)

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को अिनायें गे उन्हें अल्लाि जन्नि में दातखल करे गा। जो मुिलमान निीं

बनेंग,े वे वही िायें गे जो जानवर खािे हैं , नकय उनका घर होगा... वे वहा ूँ

अनन्त काल तक रहें गे, और खौलिा िु आ पानी खिएूँगे जो उनकी अाँितड़यों

को िीर देगा (ISBN 8185990581)

अल'फ़िि सूरा 48

आयत 29 मुहम्मद अल्लाह के िै गंबर हैं । जो उनका अनुिरण करते

हैं वे गैर-मुसलमानों के प्रति बेरिम होते हैं िर एक दूिरे (मुसलमानों) के

प्रति कृ पालु होते हैं (ISBN 8185990581)

अल'मुम्ििना सूरा 60

आयत 4 शिुिा एवां घृणा िी रिे गी िमारे बीि िब िक जब

िक िुम केवल अल्लाि के बांदे न बन जाओ (ISBN 8185990581)

अि'ििरीम सूरा 66

आयत 9 ओ िै गंबर! जो मुझमें (अल्लाह में) खवश्वाि नहीं करते, उन

िर हमला करो और उनके िाि कठोरता िे िे श आओ। नकय उनका खनवाि

होगा, दुभाग्य िूणय उनका भाग्य होगा (ISBN 8185990581)

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अल'िक्का सूरा 69

आयत 30-33 उिे िकड़ो और उिे बा ूँधो। जलाओ उसको नकप की

आग में और उिके बाद बा ूँधो उिे एक जंजीर िे, जो हो ित्तर क्युखबट लंबा,

क्योंखक उिने अल्लाह को नहीं स्त्वीकारा, जो हैं िबिे ऊिर (ISBN

8185990581)

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तिन्दू धमप की तशक्षायें

तनम्नोक्त उद्धरणों के स्रोि— (1) श्रीमद्भगवद्गीता, गीता प्रे ि,

गोरििुर (2) अ चहदू खवउ ऑफ द वल्डय , एन एि राजाराम, वॉयि ऑफ

इंखडया, नई खदल्ली, 1998, ISBN 8185990522 (3) चान््ि ऑफ इंखडया,

िं खडत रखव शं कर, ऐंजेल रे कॉर्डिय, 2002 (4) िेलेक्शं ि फ़्रॉम चहदू स्त्कृ प्चिय -

मनुस्त्मृखत, प्रोफ़ेिर जी िी अिनानी, िुणे, 2000, ISBN 8190040049

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श्रीमद्भगवद्गीिा
अध्याय 9 श्लोक 29

मैं िब भूतों में समभाव िे व्यािक हू ,ूँ न कोई मेरा अतप्रय है और न

तप्रय है ; जो भि मुझको प्रेमसे भजिे हैं , वे मुझमें हैं और मैं भी उनमें प्रत्यक्ष

प्रकट हू ूँ

ऋग्वे द

1-164-46

ब्रह्माण्डीय ित्य एक है िरन्तु प्रज्ञावान उिे खभि-खभि ढं ग िे अनुभव

करते हैं ; जैिे इंि, खमर, वरुण, अखि, शखिशाली गरुत्मत, यम एवं मतखरस्त्वन

(ISBN 8185990522)

तशवमतिम्ना

स्िोत्र 3

खजि प्रकार िे अनखगनत नखदया ूँ खभि-खभि मागों िे, िीधे या टे ढ़े-मेढ़े

रास्त्तों िे, बहती हु ई अंत में जाकर उिी िागर िे खमलती हैं , उिी प्रकार िभी

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इच्छु क तुम (ईश्वर) तक जा िहु च
ूँ ते हैं , अिनी-अिनी चे िाओं के द्वारा,

अिनी-अिनी रुखच और योग्यता के अनुिार (ISBN 8185990522)

िै त्रीय उपतनशद

ब्रह्मवतल्ल एवां भृगुवतल्ल, शाांति मांत्र

ईश्वर िम सभी की रक्षा करें । ईश्वर िम सभी का िोषण करें । हम

िभी सार् काम करें , एक िोकर मानविा की भलाई के खलए। हमारा ज्ञान

ज्योखतमयय हो एवं अर्पपूणप हो। हममें एक-दूिरे के प्रखत घृणा न हो। िारों

िरफ शाांति हो, शांखत एवं िम्िूणय शांखत हो (चान््ि ऑफ इंखडया)

िै त्रीय अरण्यक

ििुर्प प्रश्न, प्रवग्यप मांत्र, 42वा अनुवाक

पृथ्वी पर शांखत हो, आकाश में शांखत हो, स्वगप में शांखत हो, सभी

तदशाओां में शांखत हो, अति में शांखत हो, वायु में शांखत हो, सूयप में शांखत हो,

िां द्रमा में शांखत हो, ग्रिों में शांखत हो, जल में शांखत हो, पौधों में शांखत हो,

जड़ी-बूतटयों में शांखत हो, पे ड़ों में शांखत हो, गाय-बैलों में शांखत हो, बकतरयों

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में शांखत हो, घोड़ों में शांखत हो, मानवों में शांखत हो, ब्रह्म में शांखत हो, उन

व्यखियों में शांखत हो खजन्होंने ब्रह्म को पाया हो, शांखत हो, केवल शांखत हो।

वह शांखत मुझमें हो, केवल शांखत! उि शांखत के द्वारा अिने-आिमें शांखत

स्र्ायी कर सकूाँ , और िभी खद्विादों में एवं चतुिादों में। ईश्वर करें मुझमें

शांखत हो, केवल शाांति (चान््ि ऑफ इंखडया)

सवे शाम
सब का भला हो। सब के तलए शांखत हो। सभी िूणयता के योग्य हों

एवं सभी उिकी अनुभूखत करें जो शुभ हो। सभी आनण्न्दत हों। सभी स्त्वस्त्ि

हों। सभी के जीवन में वह हो जो भला है एवं कोई भी कष्ट में न हो (चान््ि

ऑफ इंखडया)

िै त्रीय उपतनषद

तशक्षावतल्ल, 10वा अनुवाक

दे वी-दे विाओां एवं पूवपजों के प्रखत अिने दाखयत्वों की अविे लना न

करो। तुम्हारी मािा तुम्हारे खलए एक देवी स्त्वरूि हों। तुम्हारे तपिा तुम्हारे

खलए एक देवता स्त्वरूि हों। तुम्हारे गुरु तुम्हारे खलए एक देवता स्त्वरूि हों।

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तुम्हारे अतितर् तुम्हारे खलए एक देवता स्त्वरूि हों। जहा ूँ भी तुम दोष रतिि

कमों को खकए जाते हु ए देिो, केवल उन्िीं का अनुसरण करो, अन्य कमों

का निीं। िम जो िुम्िारे गुरु िैं , जब तुमने देिा है हमें अच्छे कमय करते हु ए

तो केवल उन्िीं कमों का अनुसरण करो (चान््ि ऑफ इंखडया)

बृिद अरण्यक उपतनषद

प्रर्म अध्याय, िृिीय ब्रह्मणा, 28वा मांत्र

हे ईश्वर! कृ िया मुझे ले चलो नश्वर से अनश्वर की ओर। ले चलो

अज्ञान से ज्ञान की ओर। ले चलो मुझे आवागमन की प्रखक्रया िे मुि कर

मोक्ष की ओर। शांखत हो, शांखत एवं िम्िूणय शांखत (चान््ि ऑफ इंखडया)

मनु स्मृति

7-90 जब राजा अिने शतु िे युद्ध भूखम िर लड़े तो वह खकिी ऐिे

अस्त्र का प्रयोग न करे जो छु पा िु आ हो, काँ टीले िारों से बुना हु आ हो,

तवष बुझा हो, अिवा खजिके फलक से आग लपलपा रही हो 7-91 राजा

उस पर वार न करे जो युद्ध भूखम छोड़ कर भाग रिा हो अिवा डर के मारे

िे ड़ िर चढ़ गया हो। राजा उस पर वार न करे जो नपुांसक हो, या खजिने

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तवनय पूवपक दोनों हाि जोड़ खलए हों, अिवा जो युद्ध भूतम से पलायन कर

रहा हो, या खजिने घुटने टे क तदए हों और कहता हो खक मैं िुम्िारी शरण में

हू ूँ 7-92 न उि िर जो सो रिा हो, या खजिके कवि खो गए हों, अिवा जो

निावस्र्ा में हो, या खफर खजिने ितर्यार डाल तदए हों, न उि िर जो युद्ध

में भाग न लेता हु आ केवल एक दशपक मात्र हो, न उि िर जो एक दूसरे

शिु से युद्ध कर रिा हो 7-93 न उि िर खजिके अस्त्र टू ट िुके हों, न उि

िर जो शोक में डू बा िु आ हो, न उि िर जो भीषण रूप से घायल हो, न

उि िर जो आिांतकि िो, न उि िर जो युद्ध क्षेत्र से भाग रिा हो। राजा के

ध्यान में रहे एक गौरवपूणप योद्धा की आिरण-सां तििा (ISBN

8190040049)

Interpretations

6_en__ed_2005 Judaism, Christianity, Islam, Communism,


Hinduism: Clash of ‘ism’s

6s_en_ Save_Humanity

And, other works

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लेखक के बारे में

मैं न तो खकिी िंगठन का िदस्त्य हू ,ूँ न खकिी राज नै खतक दल का, न खकिी धार्वमक

िंि का। मैं खकिी िंस्त्िा के बंधनों में अिने को जकड़ा हु आ िाना नहीं चाहता हू ।ूँ न

ही मुझमें कोई अखभलाषा है राजनीखत के दलदल में फूँ िने की। मेरे लेिन में यखद

कोई तुखट िाएूँ तो िमझें खक वह जान बूझकर नहीं हु आ और उिे ठीक करने के खलए

आि मुझे िदा तैयार िाएूँगे। चहदी मेर ी मातृभाषा नहीं है अतएव आशा है खक आि

मेर ी भाषा िंबंधी भूलों को क्षमा करें गे।

मैं चहदू िैदा हु आ, मैं चहदू हू ूँ और चहदू ही रहू ग


ूँ ा। मेरे इिदे व श्री खिखद्ध खवनायक

गणिखत को मैंने प्रत्येक स्त्िान िर िाया चाहे वह मंखदर हो, या मण्स्त्जद, या खगरजा।

अिने िाखकस्त्तानी ड्राइवर मखलक के िाि मैं शारजाह के मण्स्त्जद में गया और उिके

बगल में बैठ कर अिने इिदे व को याद खकया, जबखक उिने अिनी नमाज़ िढ़ी।

तंज़ाखनयन-ओमानी हमूद हमदून खबन मुहम्मद के घर िर, उनके िखरवार के िाि,

एक ही बहु त बड़ी िाली में िे, हम िभी ने एक िाि भोजन खकया, उनके एक करीबी

खरश्तेदार की मौत के बाद, मण्स्त्जद िे लौट कर। मुम्बई में एक कैिोखलक चचय के

मास के दौरान मैं खगरजे में मौजूद िा। कैने डा के एक प्रोटे स्त्टें ट चचय में सरमन के

िमय मैं उिण्स्त्ित रहा। मुम्बई में यहू खदयों के खिनगॉग एवं िारखियों के टे म्िल में मैं

गया। कैने डा के एक बौद्धों के मंखदर में मैंने मेखडटे शन खकया।

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एक चहदू, यह नहीं िोचता, खक मेर ा ईश्वर ही अकेला िच्चा ईश्वर है , और बाक़ी िभी

के ईश्वर, झूठे ईश्वर हैं , जै िा खक यहू दी िोचते हैं , ईिाई िोचते हैं , मुिलमान िोचते

हैं खजिका मुझे तब ज्ञान न िा। मोहनदाि करमचन्द (महात्मा ?) गां धी तिा

उनकी दे िा दे िी अने क खहन्दू धमयगुरुओं ने जो कहा उिे मैं ित्य िमझता रहा। चाहे

कहीं भी मैं रहा, चहदू भारतवषय या मुण्स्त्लम खमर्डल-ईस्त्ट या मुण्स्त्लम फ़ार-ईस्त्ट या

ईिाई वेस्त्ट, मैंने िभी धमों को एक जै िा जाना, और माना। मैंने जाने खकतने लोगों

को नौकरी के खलए चुना िर कभी यह न िोचा खक वह चहदू िा, या मुिलमान, या

ईिाई। उन खदनों मेर ी िोच, धमों की सिन्नता की ओर न जाती, क्योंखक मैं इि

िंदभय में अनजान िा। मैं जानता नहीं िा खक खवखभि धमय वास्तव में क्या सिखाते

हैं । मैं एक ऐिी काल्िखनक दुखनया में जीया, खजिमें ििी धमम िमान हु आ करते

िे !

अभी भी मैंने उि कड़वी िच्चाई को न जाना िा, क्योंखक मैंने इि बात की

आवश्यकता कभी न महिूि की िी, खक मुझे स्त्वयं खवखभि धमों का अध्ययन करना

चाखहए। मैं बड़ा िुिी िा, उन ज्ञाननयों पर िूणयतया खवश्वाि कर, खजन्होने मुझे उि

महान अित्य का पाठ िढ़ाया, खक िभी धमय िमान हैं , एवं िभी धमय प्रेम और

शाांनत की सशक्षा दे ते हैं । उन्होंने ऐिा क्यों खकया? क्या वे स्त्वयं अज्ञानी िे , और उिी

अज्ञान को, अिने अनुयाखययों में बााँटते रहे िे ? या खफर ित्य की प्रतीखत िी उन्हें ,

िर ककिी ननदहत स्वार्म की िूर्वत हे तु, वे अित्य को ित्य का रूप दे ते रहे िे ?

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जीवन के िचाि वषय बीत चुके िे , और तब जाकर मैं बैठा, खवखभि धमों की खशक्षाओं

का अध्ययन करने । मैंने िाया खक, ये खशक्षाएूँ बहत


ु ही स्पष्ट रूप िे झलकती हैं

उन धमों के अनुयाखययों की िोच, एवं आचरण में। गहराई में गया, तो मैंने जाना

खकि प्रकार िे, प्रत्येक धमय ने , मानव इखतहाि, एवं वतयमान की घटनाओं को रूि

खदया। मैंने दे िा खक धमय, इखतहाि एवं वतयमान की घटनाओं के बीच एक गहरा, और

िीधा िंबंध है । िंदेश बहु त ही स्त्िि िा, हम इन जानकाखरयों को नज़र अंदाज तो कर

िकते हैं , िर अिनी ही क्षखत करके। अब मैं बाूँटना चाहता हू ,ूँ अिनी इन नई

जानकाखरयों को, केवल उनके िार्, खजन्हें िरवाह हो इनकी।

मैं एक ऐिे िखरवार में जन्मा िा, खजिमें अध्यात्म, एवं उच्च खशक्षा का प्रचलन, अने क

िीखढ़यों िे रहा िा। मेरे खिता स्त्वणयिदक प्राप्त इंजीखनयर िे । खितामह डॉक्टर िे ।

प्रखितामह खशक्षाखवद् एवं लेिक िे । प्रखितामह के खिता, व्यविाय त्याग कर, अिने

अंखतम जीवनकाल में, िंिार में रह कर भी, एक योगी बन गए िे । िभी के अंश मुझे

खमले। मातृिक्ष के खितामह एक जाने -माने शल्यखचखकत्िक िे । िरं िरा के अनुिार,

मेर ा जन्म, मातृिक्ष के खितामह के घर, बाूँकुड़ा (िखश्चम बंगाल) में 25 जनवरी 1952

को हु आ िा। इि प्रकार मैं एक दहांिू बांगाली पररवार में जन्मा, िला और बड़ा

हु आ। एक िमय िा जब मैं श्री राम कृष्ट्ण िरम हं ि दे व का अनन्य भि भी रहा िा।

खवश्वखवद्यालय की िदवी, एवं भारतवषय तिा खवदे श िे, तीन व्यविाखयक योग्यताओं

को प्राप्त कर, मुझे कई दे शों के खनगखमत क्षेर में, उच्च स्त्तर िर, व्यािक प्रशािखनक

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काययभार ि ूँभालने का, अविर भी खमला। इि बीच मुझे , बीि खवखभि दे शों के

नागखरकों के िाि, खनकट िंिकय में कायय करने का, एवं उन्हें जानने का भी, िमुखचत

अविर खमला। िचीि वषों तक, अिक िखरश्रम करने के िश्चात, अब मैंने कायय

खनवृत्त होकर, एकां त वाि का आश्रय खलया है ।

मेरे आराध्य, श्री नारायण की िया िे, मेरे जीवन की महत्वाकाांक्षाएाँ एवां

िाांिाररक आकाांक्षाएाँ पूणम हो चुकी हैं। अब मैं, अपने िमय, एवां पररश्रम, के बिले

में , कुछ िी नहीां चाहता। इि कारण, मैं कायम में पूणम मनोयोग के िार्, एकाांत

ही चाहता हूाँ। मेरा कायम, केवल उन्हीां लोगों के सलए है, जो इिकी महत्ता को

पहचानते हैं। मझ
ु में अब कोई इच्छा नहीां रही, कक मैं उन व्यक्क्तयों को

िमझाने में , अपना िमय, एवां अपनी ऊजाम नष्ट करूाँ, जो मेरी बात को िमझने

की क्स्र्नत तक, अिी नहीां पहाँच


ु े। ऐिे व्यक्क्त, इन लेख ों की महत्ता को तिी

िमझेंगे जब पानी िर तक आ पहाँच


ु ेगा, एवां डूबने की िांिावना उन्हें बहत
ु ही

ननकट िे दिखने लगेगी। किर िी मझ


ु े अपना िानयत्व, पण
ू म िमपमण की िावना

के िार्, ननिाते जाना है, एवां उि कमम के पररणाम को, श्री नारायण को

ु , आगे बढ़ते जाना है। आज यही मेरी पूजा है।


िमर्पमत करते हए

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