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February 5, 2019
2010 म अमेिरकन जनल ऑफ ि लिनकल यू ीशन के शोध ने प य कैफीन के पवेश ारा गभवती
मिहलाओं के ब चों पर कोई शरारत नही ं की, िफर भी यह रेखांिकत िकया िक इसके उ च पवेश (540
िमलीगाम से अिधक लगातार) से भू ण के वजन और लंबाई म कमी आई है।
मेिथल सैि थन और पजनन ारा एक अ ययन शु ाणु िनमाण को अ म करने के कारण के प म कैफीन
को रोकता है। वा तव म, नेशनल कसर इं टी यूट के जनल की एक अ वेषण िरपोट िनयिमत खराबी के
कम दरों के साथ कैफीन की खपत से संबिं धत है, उदाहरण के िलए, पो टे ट वृि ।
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गभवती मिहला को कैफीन को वापस लेने या शपथ गहण करने की आव यकता होती है, उदाहरण के िलए,
सेरेबल दद, पश, उ सुकता और शीलता।
शोध के कैसर परमानट िडवीजन म देख िक कु छ ए पेसो / उ ेिजत जलपान से अिधक पीने से अपाकृितक
ज म च का खतरा बढ़ सकता है। कैफीन नाल को पार करता है और भू ण के सुधार को बढ़ाता है। जैसा
िक यह था, एक िदन म 200 िमलीगाम से अिधक कैफीन का सेवन करने वाली मिहलाओं म गैर- लाइंट के
साथ िवपरीत ज म होने पर दुगनी अपाकृितक ज म च दर होती है।
गभाव था के दौरान कैफीन का उपयोग या अलग करने म आसानी होती है। कैफीन को गभाव था के बीच
सीिमत रखना चािहए योंिक यह अितिर त प से गभवती होने की मता को पभािवत करता है िजस पर
िवचार करने के िलए समय आबंटन का िव तार करता है।
जैसा िक मेडलाइन लस ारा इंिगत िकया गया है, तीन आठ कु छ ए पेसो (लगभग 200 िमलीगाम कैफीन)
को उन यि तयों के िलए कैफीन के प य उपाय के प म देखा जाता है जो तनपान, गभवती या क पना
करने का पयास कर रहे ह।
अपने कैफीन के बारे म प ट करने के िलए, एक िवशेष / सामािजक बीमा आपूितकता से परामश कर।
अिधकांश गभवती मिहलाओं के िलए कॉफी एक भयानक पेय है। जैसा िक हो सकता है, वा तव म, यह
उतना अंधेरा नही ं है िजतना िदखाई देता है। ए पेसो के कु छ वाद कभी-कभी ठीक होते ह।
prajanan pranaalee par kophee peene ka prabhaav
kaipheen ek sanvedee pranaalee uttejak hai jo prajanan pranaalee sahit
shareer ke vibhinn ang dhaanchon ko prabhaavit kar sakatee hai. british
medikal jarnal 2003 ke ank mein vitarit kee gaee riport mein maataon
dvaara kaipheen ke atirek upayog ko abhee bhee mithakon se joda gaya
hai. isake alaava, kaipheen ka upayog hrday gati aur naadee mein aarohan
ke prabhaaree ke roop mein hota hai, kyonki yah peshaab kee vyavastha ke
saath paachan kee dar ko badhaata hai. is beech, is baare mein sochata hai
ki prastaavit kiya gaya hai ki kaipheen ke pratyaksh upayog ka prajanan
svaasthy par nakaaraatmak prabhaav nahin padata hai.
jaisa ki medalainaplas dvaara ingit kiya gaya hai, teen aath kuchh espreso
(lagabhag 200 mileegraam kaipheen) ko un vyaktiyon ke lie kaipheen ke
pratyaksh upaay ke roop mein dekha jaata hai jo stanapaan, garbhavatee
ya kalpana karane ka prayaas kar rahe hain.
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