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नव-ननाथ-स्मरण
“आदद-ननाथ ओ स्वरुप, उदय-ननाथ उमना-मदह-रुप। जल-रुपप ब्रह्मना सत-ननाथ, रवव-रुप ववष्णण सन्ततोष-ननाथ। हस्तप-
रुप गननेश भतपजज, तनाकण कन्थड-ननाथ कहह जज। मनायना-रुपप मछछिन्दर-ननाथ, चन्द-रुप चचौरङ्गप-ननाथ। शनेष-रुप
अचम्भने-ननाथ, वनायण-रुपप गणरु गतोरख-ननाथ। घट-घट-व्यनापक घट कना रनाव, अमप महना-रस स्त्रवतप खनाव। ॐ नमतो नव-
ननाथ-गण, चचौरनासप गतोमनेश। आदद-ननाथ आदद-पणरुष, शशव गतोरख आदने श। ॐ शप नव-ननाथनाय नममः।।”
2. नवननाथ-शनाबर-मन्त
“ॐ नमतो आदने श गणरु ककी। ॐकनारने आदद-ननाथ, उदय-ननाथ पनावर्वतप। सत्य-ननाथ ब्रह्मना। सन्ततोष-ननाथ ववष्णणमः, अचल
अचम्भने-ननाथ। गज-बनेलह गज-कन्थडड-ननाथ, जनान-पनारखप चचौरङ्गप-ननाथ। मनायना-रुपप मच्छिने न्द-ननाथ, जछत-गणरु हज
गतोरख-ननाथ। घट-घट वपण्डने व्यनापप, ननाथ सदना रहह सहनाई। नवननाथ चचौरनासप शसदद ककी दह
ण नाई। ॐ नमतो आदने श गणरु
ककी।।”
नवननथ-सतत तत
“आतद-ननथ ककलनश-तनवनसस, उदय-ननथ कनटक जम-फनफसस। सतय-ननथ सनरनस सनत भनखक , सनततष-ननथ सदन सनतन
कस रनखक । कनथडस-ननथ सदन सत ख-दनई, अञचतत अचमभभ -ननथ सहनई। जनन-पनरखस तसद चचरङङ गस, मतसयभ नदङर-ननथ
दनदन बहतरङङ गस। गतरख-ननथ सकल घट-वयनपस, कनटक कतल-मल, तनरक भव-पसरन। नव-ननथथ कभ ननम सत तमतरए, ततनक
भसमस लभ मसतक धतरए। रतग-शतक-दनतरद नशनवक , तनमरल दभ ह परम सत ख पनवक । भभत-पङरभत-भय-भञजनन, नव-ननथथ कन
ननम। सभ वक सत मरभ चनदङर-ननथ, पभरर हथय सब कनम।।”