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“Corruption in India”

Corruption is the highly infectious social disease which has spread its roots to the mind
of the bad people. No one take birth to do such type of bad activities in the society however
some bad conditions of their life forced them to do so. Gradually they become habitual for all of
these bad activities. However, people suffering from any problem, disease, etc., should keep
patience and trust on themselves and never do anything bad in life. As, one negative step of
anyone may harm the lives of many people. We are not a single entity on this earth, there are
many like us, so we should think a little about others and live life happily and peacefully with
positive thoughts.

Now-a-days, lots of benefits are given by the government of India to the poor people on
the basis of various rules and regulations to bring social awareness among common people as
well as equality in the society. However, poor people are not getting benefited of those
advantages given by the government as many officers doing corruption secretly in between the
channel before reaching to the poor people. They are doing corruption against law for just
fulfilling their own pockets with money.

There are many causes of corruption in the society. Now-a-days political leaders are
making interest oriented programs and policies instead of nation oriented programs and
policies. They are just wishing to be famous politician for completing their own interests instead
of citizen’s interests and requirement. There is increasing level of change in the value system in
the human mind as well as decreasing ethical qualities of human being. The level of trust, faith
and honesty is decreasing which gives rise to the corruption.

The number of common people with increased tolerance power towards corruption is
increasing. There is a lack of strong public forum in the society in order to oppose the
corruption, widespread illiteracy in rural areas; poor economic infrastructure, etc., are the
reasons of endemic corruption in the public life. Low salaries norms of the government
employees force them towards channel of corruption. Complex laws and procedures of the
government distract common people to get any type of help form government. During election
time, corruption become at its highest peak. Politicians always take support of poor and
illiterate people by dreaming them big in future during their governance however nothing
happens after win.

Kandarpa Nath
No. 100640581 CT (GD)
26th Bn SSB, Ranchi
Mob- 8011904429

भष्टाचार
अनैतिक िरीको का इस्तेमाल कर दू सरोों से कुछ फायदा प्राप्त करना भ्रष्टाचार कहलािा है ।
दे श और व्यक्ति के तिकास में ये अिरोध का एक बडा कारण बनिा जा रहा है । आप इस
िरह केिल छोटी सी इच्छा और अनुतचि लाभ के तलए सामान्य जन के सोंसाधनोों की बरबादी
की जािी है । इसका सम्बन्ध तकसी के द्वारा अपनी िाकि और पद का गैर जरूरी और गलि
इस्तेमाल करना है , तफर चाहे िो सरकारी-गैरसरकारी सोंस्था हो इसका प्रभाि व्यक्ति के
तिकास के साथ राष्टर पर भी पड रहा है और यही समाज और समुदायी के बीच असमानिा
को बडा कारण है । साथ ही ये राजतनतिक, आतथिक और सामातजक रूप से राष्टर के प्रगति
और तिकास में बाधा भी है ।
भ्रष्टाचार कई प्रकार का होिा है तजससे अब कोई बी क्षेत्र छूटा नहीों है चाहे ति तशक्षा, खेल
या राजनीति कुछ भी हो। इसकी िजह से लोग अपनी तजम्मेदाररयोों को नहीों समझिे . चोरी,
बेइमानी साििजतनक सोंपतियोों की बरबादी, शोषण, घोटाला और अनैतिक आचरण आतद सभी
भ्रष्टाचार की ही सफाई है ।
समाज में समानिा के तलए अपने तलए अपने भ्रष्टाचार को पूरी िरह से तमटाने की जरूरि
है । हमें अपनी अपनी तजम्मेदारी के प्रति तनष्ठािान होना चातहए और तकसी भी प्रकार के
लालच में नही पडना चातहए।

सोंख्या 080541601
आरक्षी (सामान्य)
जगदीश भाई मोतदयाि
65िी ों िातहनी।

भ्रष्टाचार
प्रस्तािानााः- भ्रष्टाचार अथाि न भ्रष्ट+आचार भ्रष्ट यानी बुरा तबगडा हुआ िथा आचार का मिलब है
आचरण। अथाि ि भ्रष्टाचार का शाक्तिक अथि है िह आचरण जो तकसी भी प्रकार से अनैतिक
और अनुतचि है ।
जब कोई व्यक्ति न्याय व्यिस्था के मान्य तनयमोों के तिरूद्ध जाकर अपने स्वाथि की पूतिि के
तलए गलि आचरण करने लगिा है , िह व्यक्ति भ्रष्टाचारी कहलािा है । आज भारि जैसे सोने
तक तचतडया कहलाने िाले दे श में भ्रष्टाचार अपनी जडे फैला रहा है ।
भ्रष्टाचार के कारणाः- भ्रष्टाचार के कई कारण है ।
1. असोंिोषाः- जब तकसी को अभाि के कारण कष्ट होिा है िो िह भ्रष्ट आचरण
करने ले तलए तििश हो जािा है ।
2. स्वाथि और असमानिााः- असमानिा आतथिक, सामातजक या सम्मान पद प्रतिष्ठा के
कारण भी व्यक्ति अपने आप को भ्रष्ट बना लेिा है । हीनिा और ईष्या तक भािना
से तशकार हुआ व्यक्ति भी अपने आपको भ्रष्टाचार में तलप्त करने के तलए तििश
हो जािा है । साथ ही ररश्विखोरी, बेईमानी भी भ्रष्टाचार को जन्म दे िी है ।

भारि में बढ़िा भ्रष्टाचाराः- भ्रष्टाचार यह क बीमारी की िरह है । आज भारि दे श में भ्रष्टाचार
िेजी से बढ़ रहा है । यतद समय रहिे इसे रोका नही गया िो पूरे दे श को अपनी चपेट में ले
लेगा। भ्रष्टाचार का प्रभाि अत्योंि व्यापक है । इस दे श का कोई भी क्षे त्र इसके प्रभाि से मुि
नहीों है . यतद हम इस िषि तक ही बाि करे िो ऐसे कई उदाहरण है , जो भ्रष्टाचार के बढ़िे
प्रभाि को दशाि िे हैं । क्तखलातियोों की स्पॉट तफक्तसोंग, नौकरी में अच्छी पोस्ट पाने तक लालासा
में लोग घूस दे ने से भी नही चूकिे आज भारि का हर िबका इससे प्रभातिि है ।
भ्रष्टाचार को रोकने के उपायाः- यह एक सों क्रामक रोग तक िहर है । समाज में तितभन्न स्तरोों
पर फैले हुए भ्रष्टाचार को रोकने के तलए कठोर दों ि व्यिस्था तक जानी चातहए. आज भ्रष्टाचार
तक क्तस्थिी यह है तक व्यक्ति ररश्वि के मामले में पकडा जािा है , और ररश्वि दे कर ही छूट
जािा है । जब िक इस अपराध के तलए किा दों ि नहीों तदया जािा है िब िक यह बीमारी
पूरे दे श को दीमक की िरह खा जायेगी। लोगो को स्वयों के अन्दर ईमानदारी तिकतसि करनी
होगी। आने िाली पीडी िक सु-आचरण के फायदे पहुों चाने होोंगे। भ्रष्टाचार से जुडे लोग अपने
स्वाथि में अोंधे होकर राष्टर का नाम बदनाम कर रहे हैं ।
अिाः यह बेहद ही आिश्यक है इस भ्रष्टाचार के जहरीले सााँ प को कुचल िालें। िातक हम
भ्रष्टाचार मुि भारि का सपना सच कर सकें।

सोंख्या 060410453, मुख्य आरक्षी (सामान्य) महाले तकशोर, 65िी ों िातहनी।

Corruption is like a communicable disease which spread from one person to another.
When a person comes in contact with this disease, coming out of it is as tough as finding a
needle in an ocean.
As you know that, we can’t clap with one hand similarly in corruption the person taking
bribe isn’t the only one responsible, but the one giving bribe is equally liable for this act.
In India corruption is at its highest rate, because there are only a few things which can
be done without giving bribe from politicians to shopkeepers now a days everyone is involved
in this chain of corruption.
Not only the government should take strict actions but also each and every power of
this country should raise their voice against corruption. At last I want to conclude that, “End the
corruption before it ends you”

KM. AGENDRA SINGH


S/O SH. NIRBHAY SINGH, Jt. AO, FHQ
CLASS-VIII
ST. XYIER HIGH SCHOOL
PANCHKULA HARYANA

दे श में भ्रष्टाचार

प्रस्तािनााः-
भ्रष्टाचार का अथि है खराब आचरण, अथिा भ्रष्टाचार का शाक्तिक अथि है िो आचरण जो
तकसी भी प्रकार से अनुतचि और अनैतिक हो। जब तकसी दे श का कोई नागररक िहााँ की
सरकार द्वारा बनाये गये तनयमोों के क्तखलाफ अपने जरूरिोों के तलए कोई अनैतिक और
अनुतचि कायि करने लगिा है िो िह व्यक्ति भ्रष्टाचारी कहलािा है । आज भारि दे श में
भ्रष्टाचार अपनी जडे फैला चुका है । इस समय भारि में अनतगनि ऐसे व्यक्ति हैं जो भ्रष्टाचारी
हैं । इस समय पूरी दु तनया में भ्रष्टाचार के मामले में भारि 81िें स्थान पर है । िििमान में
भ्रष्टाचार फैलने िाली गोंभीर तबमारी

भ्रष्टाचार एिों ररश्विखोरी के प्रति सिकििा

सारी दु तनया जानिी है तक भ्रष्टाचार अपने दे श के तिकास में सबसे बडी बाधा है ।
लेतकन सबको यह भी मालूम है तक भ्रष्टाचार को खत्म करना बहुि आसान नहीों है । सरकार
ने बहुि सारे ऐसे तिभाग बना रखे हैं तजनका काम भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना है लेतकन दे खा
यह गया है तक भ्रष्टाचार को रोकने की कोतशश करने िाले तिभागोों के अतधकारी उसी
भ्रष्टाचार के आशीिाि द से बहुि ही सोंपन्न हो जािे हैं ।
सबसे अदभूद बाि यह है तक लगभग सभी भ्रष्टाचारी अपनी अपनी छिोों पर खडे
होकर बाों ग दे िे रहिे हैं तक भ्रष्टाचार को खत्म करना जरूरी है तलतकन उनकी पूरी कोतशश
यही रहिी है तक चोरी-बेईमानी का धोंधा चलिा रहे , एक बाि और भी बहुि सच है तक
सभी अफसर भ्रष्ट नहीों होिे कुछ बहुि ही ईमानदार होिे हैं । भारि के तभन्न-तभन्न राज्ोों में
भी भ्रष्ट अफसरशाही िाले राज् में भी कुछ ऐसे ईमानदार अफसर हैं तक िे दामन तनचोि दें
िो अमृि हो जाए। लेतकन िे सोंख्या में बहुि कम हैं ।

भारि के इन्ीों ईमानदार अफसरोों में से कुछ िो मुख्य सतचि की गद्दी िक पहुों च
गए, कुछ सरकारी अफसर ऐसे भी इस दे श में हैं जो तक भ्रष्टाचार कम करने की कोतशश
कर रहे । कुछ लेखकोों ने अपने एक िाजा लेख में तलखा है तक आई ए एस अफसर की
सोंपति के हर पैसे का तहसाब होना चातहए, लेतकन ऐसा कुछ हो नहीों पा रहा है ।

बहरहाल एक खुशी की खबर है तक कुछ अिकाश प्रप्त तसतिल, पुतलस और


न्यायपातलका के अतधकाररयोों ने एक नयी पहल शुरू की है तजसके िहि साििजतनक जीिन में
भ्रष्टाचार को खत्म करने में मदद तमलेगी। इन अतधकाररयोों ने एक साििजतनक अपनी भी जारी
की है और आम जनिा से कहा है तक अगर सब चौकन्ने रहें िो अपने दे श की सोंपति को
बेईमान अफसरोों और नेिाओों से बचाया जा सकिा है ।

भारि के पूिि मुख्य न्यायातधश, जक्तस्टस आर.सी. लाहोटी, पूिि मुख्य चुनाि आयुि
जे.एम. तलन्दोह, पूिि सीएजी, िी.के. शुोंगलू पूिि पुतलस महातनदे शकोों प्रकाश तसोंह और
जेएफ ररबेरोों आतद ईमानदार लोगोों की िरफ से जारी एक बयान में लोगो से अपील गयी है
तक बडे आदतमयोों के बीच के भ्रष्टाचार को रोकने और भारि की चोरी की गयी सम्पदा को
िापस लेने के तलए एक अतभयान की जरूरि है । बेईमानी के सौदोों पर कभी नजर िाली है ।
सही बाि यह है तक जब िक केिल बािोों में भ्रष्टाचार के क्तखलाफ लडाई लडी जायेगी िब
िक कुछ नहीों होगा।

इस आन्दोलन को अगर िेज करना है िो घूस के पैसे का तिरस्कार की नजर से


दे खना पडे गा। क्ोोंतक सारी मुसीबि की जड यही है तक चोर बेईमान और घूसखोर अफसर
और नेिा ररश्वि के बल पर समाज में सम्मान पािे रहिे है । कुछ िषों पहले दस हजार
रूपये घूस लेने के अपराध में जिाहर लाल ने हरू ने अपने एक मोंत्री को बखाि स्त कर तदया
था। लेतकन इस िरह के उदाहरण दे श में बहुि कम दे खने को तमलिे हैं ।

भ्रष्ट सरकारी अफसर असर बच जािे हैं क्ोोंतक उन्ें सजा दे ने की तजनकी तजम्मेदारी
होिी है , िही भ्रष्ट होिे हैं । इन लोगोों को सख्त़ से सख्त़ सजा दी जानी चातहऐ।

कहा गया है तक मौजूदा तसस्टम तबल्कुल बेकार हो चुका है . क्ोोंतक भ्रष्टाचार से लिने
की अपनी तिश्वसनीयिा गोंिा चुका है । तजन लोगोों को तजम्मेदार पदो पर बैठाया गया है , उनमें
बहुि सारे लोग भ्रष्ट राजनीतिक नेिाओों के सामने तगितगिाने लगिे हैं । यह तबल्कुल गिल
बाि है । इस पर भी रोक लगानी चातहए। भ्रष्टाचार और अपराध के बीच बहुि ही गहरा
सम्बन्ध है । और दोनोों ही एक दू सरे को बढ़ािा दे िे हैं । इन दोनो के घोल-मेल की िजह से
ही फॉतसज्म का जन्म होिा है तजसमें लोकिोंत्र को पूरी िरह से दफन कर दे ने की िाकि
होिी है । इन ईमानदार अपसरोों का कहना है तक अगर अपने मुल्क में लोकिोंत्र को तजोंदा
रखना है ि भ्रष्टाचार को जड िबाह करना होगा।

लेतकन यह इनिा आसान नहीों है । सभी जानिे हैं तक घूस और भ्रष्टाचार में शातमल
ज्ादािर लोग बहुि ही िाकििर लोग हैं । उन्ें उनकी जगहोों से बेदखल कर पाना आसान
नहीों होगा। भ्रष्टाचार में शातमल लोगोों को पकडने और उन्ें जेल भेजने के तलए एक आन्दोलन
की जरूरि है । लेतकन जरूरि इस बाि की भी है तक ज्ादा से ज्ादा लोग इस मुतहम में
शातमल होों।

कोशल कुमार
सहा0 उपतनरीक्षक (आशु 0)
क्षेत्र सोंगठक कायाि लय िीरपुर (तबहार)
(यूआईिी न0- 12030078

भ्रष्टाचार

भ्रष्टाचार अथाि ि भ्रष्ट+आचार। भ्रष्ट यानी बुरा या तबगडा हुआ िथा आचार का मिलब है
आचरण। अथाि न भ्रष्टाचार का शाक्तिक अथि है िह आचारण जो तकसी भी प्रकार से अनैतिक
और अनुतचि हो।
2005 में भारि में टर ाों सपेरेंसी इों टरनेशनल नामक एक सोंस्था द्वारा तकये गये एक
अध्ययन में पाया गया तक 62 प्रतिशि से अतधक भारििातसयोों को सरकारी कायाि लयोों में
अपना काम करिाने के तलए ररश्वि या ऊाँचे दजे के प्रभाि का प्रयोग करना पडा। िषि 2008
में पेश की गयी इसी सोंस्था की ररपोटि ने बिाया है तक भारि में लगभग 20 करोड की
ररश्वि अलग-अलग लोकसेिकोों को (तजसमें न्यातयक सेिा के लोग भी शातमल हैं ) दी जािी
हैं । उन्ीों का यह तनष्कषि है तक भारि में पुतलस कर एकत्र करने िाले तिभागोों में सबसे
ज्ादा भ्रष्टाचार है । आज यह कटु सत्य है तक तकसी भी शहर के नगर तनगम में ररश्वि तदये
बगैर कोई मकान बनाने की अनुमति नहीों तमलिी। इसी प्रकार सामान्य व्यक्ति भी यह मानकर
चलिा है तक तकसी भी सरकारी महकमें में पैसा तदये बगैर गाडी नहीों चलिी।
तकसी तनणिय को जब कोई शासकीय अतधकारी धन पर अथिा अन्य तकसी लालच के
कारण करिा है िो िह भ्रष्टाचार कहलािा है । भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में हाल ही के िषों में
जागरूकिा बहुि बढ़ी है । तजसके कारण भ्रष्टाचार तिरोधी अतधतनयम-1988, तसटीजन चाटि र,
सूचना का अतधकार अतधतनयम-2005, कमीशन ऑफ इन्क्वायरी एक्ट आतद बनाने के तलए
भारि सरकार बाध्य हुई है ।

तितटश भारि में भ्रष्टाचार


अोंग्रेजोों ने भारि के राजा महाराजाओों को भ्रष्ट करके भारि को गुलाम बनाया। उसके
बाद उन्ोोंने योजनाबद्ध िरीके से भारि में भ्रष्टाचार को बढ़ािा तदया और भ्रष्टाचार को गुलाम
बनाये रखने के प्रभािी हतथयार की िरह इस्तेमाल तकया। दे श में भ्रष्टाचार भले ही िििमान में
सबसे बडा मुद्दा बना हुउ है , लेतकन भ्रष्टाचार तितटश शासनकाल में ही नहे ने लगा था तजसे
िे हमारे राजनेिाओों को तिरासि में दे कर गये थे ।

आतथिक तिकास में बाधक


भारि के महाशक्ति बनने की सोंभािना का आकलन अमरीका एिों चीन की िुलना से
तकया जा सकिा है । महाशक्ति बनने की पहली कसौटी िकनीकी नेिृत्व है । भारि से
अनुसोंधान का काम भारी मात्रा में आउटसोसि हो रहा है तजसके कारण िकनीकी क्षेत्र में
भारि का पलडा भारी हुआ है ।
िह दे श आगे बढ़िा है तजसके नागररक खुले िािािरण में उद्यम से जुडे नये उपाय
तक्रयाक्तिि करने के तलए आजाद होिे हैं । बेतडयोों में जकडे हुये अथिा पुतलस की िीखी नजर
के साये में शोध, व्यापार अथिा अध्ययन कम ही पनपिे हैं । सरकार भ्रष्ट हो िो जनिा की
ऊजाि भटक जािी है । दे श की पूोंजी का ररसाि हो जािा है । भ्रष्ट अतधकारी और नेिा धन को
क्तस्वट् जरलैण्ड भेज दे िे हैं । इस कसौटी पर अमरीका आगे हैं । टर ाों सपे रेन्सी इों टरनेशनल द्वारा
बनाई गयी रैं तकग में अमरीका को 19िें स्थान पर रखा गया है जबतक चीन को 79िें िथा
भारि का 84िाों स्थान तदया गया है ।
गरीब और अमीर के अन्तर के बढ़ने से समाज में िैमनस्य पैदा होिा है । गरीब की
ऊजाि अमीर के साथ तमलकर दे श के तनमाि ण में लगने के स्थान पर अमीर के तिरोध में
लगिी है । इस कसौटी पर अमरीका आगे और भारि ि चीन पीछे हैं । चीन में असमानिा
उिनी ही व्याप्त है तजिनी भारि में, परन्तु िह दृतष्टगोचर नहीों होिी है क्ोोंतक पुतलस का
अोंकुश है ।

भारि के प्रमुख आतथिक घोटाले


 बोफोसि घोटाला- 64 करोड रूपये
 यूररया घोटाला- 133 करोड रूपये
 चारा घोटाला- 950 करोड रूपये
 शेयर बाजार घोटाला- 4000 करोड रूपये
 सत्यम घोटाला- 7000 करोड रूपये
 स्टैं प पेपर घोटाला- 43 हजार करोड रूपये
 कॉमनिेल्थ गेम्स घोटाला- 70 हजार करोड रूपये
 2जी स्पेक्टरम घोटाला- 1लाख 67 हजार करोड रूपये
 अनाज घोटाला- 2लाख करोड रूपये (अनुमातनि)
 कोयला खदान आिोंटन घोटाला- 12 लाख करोड रूपये

न्यायपातलका में भ्रष्टाचार


आश्चयि नहीों तक भारिीय समाज के भ्रष्टाचार के सबसे व्यस्त और अपराधी अड्डे
अदालिोों के पररसर हैं । गाों धी जी ने कहा था तक अदालि न हो िो तहोंदुस्तान में न्याय गरीबोों
को तमलने लगे। न्यायपातलका में भ्रष्टाचार है , यह एक आम मान्यिा है । जब तकसी व्यक्ति के
क्तखलाफ अदालिी तनणिय आिा है िो उसे लगिा है तक जरूर न्यायाधीश ने तिपक्षी लोगोों से
पैसे तलए होोंगे या तकसी और िजह से उसने आदालि का तनणिय अपने पक्ष में करिा तलया
होगा। कहिे सब हैं , पर िरिे भी हैं तक ऐसा करने पर िे अदालि की अिमानना के मामले
में फोंस न जाएों । उनके क्तखलाफ कायििाई हो सकिी है ।
2007 की टर ाों सपेरेंसी इों टरनेशनल की प्रतििेदन अनुसार नीचे के स्तर की अदालिोों में
लगभग 2630 करोड रूपया बिौर ररश्वि तदया गया। अब िो पतश्चम बोंगाल के न्यायमूतिि सेन
और कनाि टक के तदनकरन जैसे मामले प्रकाश में आने से न्यायपातलका की धिल छति पर
कातलख के छीोंटे पडे हैं । मुकदमोों के तनपटारे के तिलोंब का एक कारण भ्रष्टाचार भी है ।
सेना में भ्रष्टाचार
तिश्व की कुछ चुतनोंदा सबसे िेज, सबसे चुस्त, बहादु र और दे श के प्रति तिश्वसनीय
सेनाओों में अग्रणी स्थान पाने िालोों में से एक है । दे श का सामररक इतिहास इस बाि का
गिाह है तक भारिीय सेना ने युद्धोों में िो लिाई तसफि अपने जज्बे और िीरिा के कारण
जीि ली जो दु श्मन बडे आधुतनक अस्त्र शस्त्र से भी नहीों जीि पाए।
लेतकन तपछले कुछ िषों में तजस िरह से , सेना में हतथयार आपूतिि , सैन्य सामग्री
आपूिी, खाद्य राशन पदाथों की आपूतिि और ईोंधन आपूतिि आतद सब में बहुि सारे घपले
घोटाले तकए जा रहे हैं और इसमें उनका भरपूर साथ दे रहे हैं । सैन्य एिों रक्षा तिभागोों से
जुडे हुए सारे भ्रष्ट लोग। इन सबके छु पे ढके रहने का एक बडा कारण है दे श की आों िररक
सुरक्षा से जुडा होने के कारण इन सूचनाओों का अति सोंबेदनशील होना और इसतलए ये
सूचनाएों पारदशी नहीों हो पािी हैं । लेतकन ऐसा नहीों है तक नहीों जा सकिी। यतद िमाम ठे कोों
और शस्त्र िातणज् िीलोों को जनसाधारण के तलए रख तदया जाए िो बहुि कुछ छु पाने की
गुोंजाईश खत्म हो जाएगी।
सेना से जुिें कुछ प्रमुख भ्रष्टाचार के मामले
 बोफोसि घोटाला
 सुकना जमीन घोटाला
 अगस्ता िेस्टलैंि है तलकॉप्टर घोटाला
 टै टरा टर क घोटाला
 आदशि सोसायटी घोटाला
 कारतगल िाबूि घोटाला
 जीप घोटाला

सोंचार माध्यमोों (मीतिया) का भ्रष्टाचार


राजनैतिक भ्रष्टाचार पर तकये गये शोध बिािे हैं तक यतद सोंचार माध्यम स्विन्त्र और
तनष्पक्ष हो िो इससे सुशासन को बढ़ािा तमलिा है तजससे आतथिक तिकास को गति तमलिी
है ।
आज मीतिया में भ्रष्टाचार इस सामा िक बढ़ गया है तक मीतिया के मातलक काफी
िादाद में सोंसद में बैठिे तदखाई दे िे हैं । अथाि ि् भ्रष्ट मीतिया और भ्रष्ट राजनेिा तमलकर काम
कर रहे हैं । भ्रष्ट घोटालोों में मीतिया घरानोों के नाम आिे हैं । उनमें काम करने िाले पत्रकारोों
के नाम भी आिे हैं । कई पत्रकार भी करोडपति और अरबपति हो गए हैं ।
लोकिोंत्र पर नजर रखने िाला मीतिया भ्रष्टाचार के जबडे में है । मीतिया के अोंदर
भ्रष्टाचार के घुसपैठ पर भले ही आज हो हल्ला हो जाये , यह कोई नयी बाि नहीों है । पहले
तनचले स्तर पर नजर िालना होगा। तजलोों/कस्ोों में तदन-राि कायि करने िाले पत्रकार इसकी
चपेट में आिे हैं , लेतकन सभी नहीों। अभी भी ऐसे पत्रकार हैं , जो सोंिाददािा सम्मेलनोों में
खाना क्ा, तगफ्ट िक नहीों लेिे हैं । सोंिाददािा सम्मेलन किर तकया और चल तदये। िहीों
कई पत्रकार खाना और तगफ्ट के तलए हों गामा मचािे नजर आिे हैं ।
नौकरशाही का भ्रष्टाचार

यह सिितितदि है तक भारि में नौकरशाही का मौजूदा स्वरूप तिटश औपतनिेतशक


शासन की दे न है । इसके कारण यह िगि आज भी अपने को आम भारिीयोों से अलग, उनके
ऊपर, उनका शासक और स्वामी समझिा है । अपने अतधकारोों और सुतिधाओों के तलए यह
िगि तजिाना सचेष्ट रहिा है , आम जनिा के तहिोों, जरूरिोों और अपेक्षाओों के प्रति उिना ही
उदासीन रहिा है ।
भारि जब गुलाम था, िब महात्मा गाों धी ने तिश्वास जिाया था तक आजादी के बाद
अपना राज यानी स्वराज् होगा, लेतकन आज जो हालि है , उसे दे ख कर रहना पडिा है
तक अपना राज है कहाों ? आज चिुतदि क अफसरशाही का जाल है । लोकिोंत्र की छािी पर
सिार यह अफसरशाही हमारे सपनोों को चूर-चूर कर रही है ।
भारि में अब िक हुए प्रशासतनक सुधार के प्रयासोों का कोई कारगर निीजा नहीों
तनकल पाया है । िास्ति में नौकरशाहोों की मानतसकिा में बदलाब लाए जाने की जरूरि है ।
हालाों तक, नौकरशाही पर तकिाब तलख चुके पूिि कैतबनेट सतचि टी.एस.आर. सुिमण्यम के
मुिातबक राजनीतिक तनयों त्रण हािी होने के बाद ही नौकरशाही में भ्रष्टाचार आया, अब उनका
अपना मि मायने नहीों रखिा, सब मोंतत्रयोों और नेिाओों के इशारोों पर होिा है । हमारे
राजनीतिज्ञ करना चाहें , िो पाों च साल में व्यिस्था को दु रूस्त तकया जा सकिा है , लेतकन
मौजूदा क्तस्थति उनके तलए अनुकूल है , इसतलए िो बदलाि नहीों करिे।

कारपोरे ट भ्रष्टाचार
तपछले कुछ िषों से भारि एक नए िरह के भ्रष्टाचार का सामना कर रहा है । बडे
घपले-घोटालोों के रूप में सामने आया यह भ्रष्टाचार कारपोरे ट जगि से जुडा हुआ है । यह
तििों बना है तक कारपोरे ट जगि का भ्रष्टाचार लोकपाल के दायरे से बाहर है । दे श ने यह
अच्छी िरह दे खा तक 2जी स्पेक्टरम िथा कोयला खदानोों के आिोंटन में तनजी क्षेत्र तकस िरह
में बैठे कुछ लोगोों के साथ तमलकर करोोंिोों-अरबोों रूपये के िारे -न्यारे करने में सफल रहा।
यह सच है तक आज भी ऐसे बडे घराने हैं जो जब चाहें तकसी भी सीएम और पीएम
के यहाों जब चाहे दस्तक दें िो दरिाजे उनके तलए खुल जािे हैं । दे श में आदशि सोसायटी
घोटाला, 2जी स्पैक्टरम, कामनिैल्थ घोटाला और कोयला आिोंटन को लेकर हुआ घोटाला
आतद कारपोरे ट घोटाले के उदाहरण हैं ।
भारि का भ्रष्टाचार-बोध सूचकाों क
िैज्ञातनक समाधान
भारि में भ्रष्टाचार रोकने के तलए बहुि से कदम उठाने की सलाह दी जािी है । उनमें के
कुछ प्रमुख हैं -
 सभी कमिचाररयोों को िेिन आतद नकद न तदया जाय बक्तल्क यह पैसा उनके बैंक खािे
में िाल तदया जाए।
 कोई अपने बैंक खािे से एक बार में दस हजार िथा एक माह में पचास हजार से
अतधक न तनकाल पाए। अतधकातधक लेन-दे न इलेक्टरोतनक रूप में तकया जाए
 बडे नोटो (2000 एिों 500) का प्रचालन बोंद तकया जाए।
 जनिा के प्रमुख कायो को पूरा करने एिों तशकायिोों पर कायििाही करने के तलए समय
सीमा तनधाि ररि हो। ऐसा न होने पर लोकसेिकोों पर उतचि कायििाही का प्रािधान हो।
 तिशेषातधकार और तििेकातधकार कम तकये जाए या पूणि रूप से हटा तदए जाएों ।
 सभी लोकसेिक (मोंन्त्री, साों सद, तिधायक, ब्यूरोक्रेट, अतधकारी, कमिचारी) आपनी
सोंपति की हर िषि घोषणा करें ।
 भ्रष्टाचार करने िालोों के तलए कठोर दों ि का प्रािधान तकया जाए। भ्रष्टाचार की कमाई
को राजसाि (सरकार द्वारा जब्त) करने का प्रािधान हो।
 चुनाि सुधार तकये जाए और भ्रष्ट िथा अपराधी ित्वोों को चुनाि लडने पर पाबोंदी हो।
 तिदे शी बैंकोों में जमा भारिीयोों का काला धन भारि लाया जाय एिों उससे साििजतनक
तहि के कायि तकये जाए।

भ्रष्टाचार के तिरूद्ध सोंघषि और आन्दोलन

 जयप्रकाश नारायण द्वारा सन 1974 में सम्पूोंणि क्राों क्तन्त


 तिश्वनाथ प्रिाप तसोंह द्वारा सन 1989 में आन्दोलन (बोफोसि काों ण्ड के तिरूद्ध)
 स्वामी रामदे ि द्वारा तिदे शोों में जमा काला धन िापस लाने हे िु आन्दोलन (जून
2011)
 अन्ना हजारे द्वारा जनलोकपाल तिधेयक पाररि कराये जाने के समथिन हे िु आन्दोलन
(अगस्त 2011)
 500 एिों 1000 रूपये के पुराने नोटो पर प्रतिबोंन्ध (8 निम्बर 2016)

यूआईिी- 13241058
उप-तनरीक्षक (सामान्य) पशुपति कुमार तसोंह
07िी ों बटातलयन, स.सी.बल, बटोि (जम्मू एिों कश्मीर),

My Vision Corruption Free India

“Corruption is the hand-made of democracy” is a well known saying. Today’s youth believes
corruption as a part of life. Everyone is ready to offer “extra money” to get their work done
faster. Today even the government officials are not ashamed but boldly ask for the bribe as if it is
their right.

Reason for corruption:-

There is not a particulars reason for corruption but still the basic reason is mentality.
People want and are ready to offer extra money which gives rise to the feelings of corruption.
Today every government services whether it is getting a gas connection, meter connection
getting the Ration Card every service requires some extra money or bribe other than the actual
fees. Everyone wants to get their work done earlier than the others, the richer section of society
offer a bigger amount to the officials as ‘Chai-Pani’ and get their work --- which lags the weaker
section of society behind.

The legal system is assumed to be “the most corrupt system” according to the public
perception. Today people have lost their trust from police. They hesitate in filing a complaint
because they are not sure if the actual criminal will be caught or not. Even if the criminal is
caught he can run away by bribing the policemen.

If is not only the different sectors of the economy but even the government parties spent
huge amount of money on election. They put big-big advertisement and flow money like water.
There is no proper receipt of their money flow. Leaders buy votes from weaker section, at heavy
rates. Even the people are ready to change their vote for a little extra money.

Consequences of Corruption:-

Corruption leads to big hole in democracy. It is like a termite attack on our society. It not
only digs up to money flow but also affects people’s lives. Many-a-times the most wanted
criminals lost their grip by bribing the officials. The officials also ditch their uniform and their
duty only for a little money. And those criminals roam around freely and cause a nuisance in the
society. People are forced to live in a fear due to them.

Money of the governmental policies are left unfulfilled due to the problem of corruption.
The government policy of ration card is still left untouched from hands of many poor people due
to corruption. The comparatively richer people offer bribe and get ration card and get the ration
at cheaper rate and the poor people are still very much away from this facility.

Measures to control corruption:-

Corruption is a big hole in the system and it can’t be rooted out that, easily. But still there
is hope because if there are 100 people who are ready to offer bribe or take it there is still, person
who refuses even to take or give bribe to someone. Corruption is mixed in the system just the
way salt is mixed in water. It is difficult to separate, corruption from system but not impossible.
There is a separate act in the Indian Penal Code against the corruption. But it really takes
courage to fill a complaint against the corrupt officers. Because everyone stands with the corrupt
but only a few are ready to support the correct.

Only a few simple charges can lead to a big change. On should know when to say ‘Yes’
and when to say ‘No’. We should clearly oppose the corrupt practices. And these changes can
start at home. A small lesson to children at home to avoid corruption can held them lifelong.
Children should be taught to say ‘No’ whenever someone asks for bribe. Because these children
are ready future of our society.

We need to change our own attitude towards corruption. A few below steps can help in
preventing corruption.

1. Asking for bill whenever we u goods.


2. Believing in legal system as not everyone is corrupt
3. Filing a complaint against the corrupt officers.

Few helpline numbers are also displayed at every government office for the complaint
against the corrupt officers.

Social media is also a big boon these days. Social media can easily viral any news
regarding corruption. Today’s youth are well known by their rights and duties and are very warm-
blooded Today’s youth need to raise a step against corruption. We all need to pledge to raise
hands against corruption. And we should also support someone if he stands against corruption.

Km. Mimansha
XIIth ‘A’
Sarvadaya Kanya Vidyalaya
Ghitorni New Delhi.

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