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Notes (SWAR)

Main Notes (MUKHYA/ SHUDDH SWAR): 7 स रे ग म प ध नि

Distorted Notes:

Flat Notes (KOMAL SWAR): 4 (Only of रे ग ध नि) रे े॒ गे॒ धे॒ निे॒ (Pronounced similar as Re, Ga, Dha, Ni)

Sharp Notes (TEEVR SWAR): 1 (Only of म) मे (Pronounced similar as Ma)

 Total Notes = 12.  स and प do not have any distorted note

Scale (SAPTAK)

Combination of these 12 notes is known as a Scale (SAPTAK). Combination of multiple scales forms a musical instrument.
These scales are known as Middle Scale, Higher Scale, Lower Scale, Second Higher Scale, Second Lower Scale and so on.

To represent a lower scale put a “One Dot Below the Note”. For second lower scale, put “2 Dots Below the Note”.

To represent a higher scale put a “One Dot Above the Note”. Similarly for second higher scale, put “2 Dots Above the Note”.
Repeat the similar pattern for other scales too. The notes are written as follows:

Middle Scale (MADHYA SAPTAK) : Main Notes- स रे ग म प ध नि Flat Notes- रे े॒ गे॒ धे॒ निे॒ Sharp Notes- मे

Higher Scale (TAAR SAPTAK) : Main Notes- सं रें गं मं पं धं निं Flat Notes- रें े॒ गंे॒ धंे॒ निंे॒ Sharp Notes- में

Lower Scale (MAND SAPTAK) : Main Notes- स़ रे ग़ म़ प़ ध़ ऩि Flat Notes- रे े॒ ग़े॒ ध़े॒ ऩिे॒ Sharp Notes- म़े

 All the notes (main and distorted), for all scales are pronounced as Sa, Re, Ga, Ma, Pa, Dha, Ni.

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Figure 1: Seven Main Notes

 To play a flat note, press the key just behind the main note.  To play a sharp note, press the key just next the main note.

.
Figure 2: All 12 notes

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Figure 3: A keyboard/ Piano/ Synthesizer/ Harmonium.
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Universal or western Scale:

Any key note can be preferred as स (C). The universal scale is shown as in figure 4. This is also known as universal C scale. All
the string and air instruments are tuned based on this scale.

Eg. Guitar, Sitar, Flute, Harmonika, Violin etc.

Indian notes: स रे ग म प ध नि

Western notes: C D E F G A B

Figure 4: Universal or western Scale

In western notation, a sharp note is represented with a ‘#’ followed by the pure note. To represent the flat note, ‘b’ is used
followed by the pure note.

Eg. C#, D#, E#, Db, Eb etc.

C# and Db represent the same note. Add figure


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Scale formation:

In classical Indian practice, स (C) is fixed according to the singer. After fixing the स (C), the full scale can be formed using a gap
difference technique ‘1 1 0 1 1 1 0’. Means:

Gap of one key note between: स रे , रे ग, म प, प ध, ध नि। No gap between: ग म and नि स।

This gap is for the flat and sharp keys. In figure 2 and 3, actually C# scale is represented. C# scale is mostly used by Indian
weteran singers. G# scale is considered the best by Indian classical singers.

Shifting of a scale:

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Figure 5: A Violin with two different tunings
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A guitar:

Guitar Tuning

Figure 6: A guitar fretboard

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Figure 7: Guitar notes

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Figure 8: Notes in a Guitar

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Figure 9: Scales in a Guitar: Row 1- High, Row 2- Medium, Row 3- Low

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Figure 6: A Flute: C Scale

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अलंकार
Pattern 1:

1. स रे ग म प ध नि सं। 2. सस रे रे गग मम पप धध निनि संसं।


सं नि ध प म ग रे स॥ संसं निनि धध पप मम गग रे रे सस॥

3. ससस रे रेरे - - - - - - - - - - - - संसंसं। 4. सससस रे रेरेरे - - - - - - - - - - - - संसंसंस।ं


संसंसं निनिनि - - - - - - - - - - - - - ससस॥ संसंसंसं निनिनिनि - - - - - - - - - - - - सससस॥

Pattern 2:

1. सरे रे ग गम मप पध धनि निसं। 2. सरे ग रे गम गमप मपध पधनि धनिसं।


संनि निध धप पम मग गरे रे स॥ संनिध निधप धपम पमग मगरे गरे स॥

3. सरे गम रे गमप गमपध मपधनि पधनिसं। 4. सरे गमप रे गमपध गमपधनि मपधनिसं।
संनिधप निधपम धपमग पमगरे मगरे स॥ संनिधपम निधपमग धपमगरे पमगरे स॥

5. सरे गमपध रे गमपधनि गमपधनिसं। 6. सरे गमपध रे गमपधनि गमपधनिसं।


संनिधपमग निधपमगरे धपमगरे स॥ संनिधपमग निधपमगरे धपमगरे स॥

सरे गमपधनि रे गमपधनिसं। 7. सरे गमपधनिसं।


संनिधपमगरे निधपमगरे स॥ संनिधपमगरे स॥

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Pattrern 3:

1. सग रे म गप मध पनि धसं। 2. ससगग रे रेमम गगपप ममधध पपनिनि धधसंसं।


संध निप धम पग मरे गस॥ संसंधध निनिपप धधमम पपगग ममरे रे गगसस॥

Pattern 4:

1. सम रे प गध मनि पसं| 2. ससमम रे रेपप गगधध ममनिनि पपसंसं |

संप निम धग परे मस || संसंपप निनिमम धधगग पपरे रे ममसस ||

Pattern 5:

1. सप रे ध गनि मसं | 2. ससपप रे रेधध गगनिनि ममसंसं |

संम निग धरे पस || संसंमम निनिगग धधरे रे पपसस ||

Pattern 6:

सरे सरे ग रे गरे गम गमगमप मपमपध पधपधनि धनिधनिसं सरे सरे गग रे गरे गमम गमगमपप मपमपधध पधपधनिनि धनिधनिसंसं

संनिसंनिध निधनिधप धपधपम पमपमग मगमगरे गरे गरे स संनिसंनिधध निधनिधपप धपधपमम पमपमगग मगमगरे रे गरे गरे सस

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Pattern 7:

स सं

स रे स सं नि सं

स रे ग रे स सं नि ध नि सं

स रे ग म ग रे स सं नि ध प ध नि सं

स रे ग म प म ग रे स सं नि ध प म प ध नि सं

स रे ग म प ध प म ग रे स सं नि ध प म ग म प ध नि सं

स रे ग म प ध नि ध प म ग रे स सं नि ध प म ग रे ग म प ध नि सं

स रे ग म प ध नि सं नि ध प म ग रे स सं नि ध प म ग रे स रे ग म प ध नि सं

Note: Practice अलंकार regularly to get perfection.

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Happy Birthday to You िागगि Dance

Happy Birthday to You

सस रे स म ग

Happy Birthday to You

स स रे स प म

Happy Birthday to You Dear Friend

सस ध प म ग रे - - - - - - -

Happy Birthday to You

प प म ग रे स

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ॐ जय जगदीश हरे

ॐ जय जगदीश हरे , स्वामी जय जगदीश हऽरे |


स- - - -ऩि सरे , रे ग म- पपधप मगरे

भक्त जिों के संकट, क्षण में दऽू र करे | ॐ जय जगदीश हरे ||


रे गरे गम म गरे स, स- रे - गरे स ऩिध़ रे - - -गरे स ऩिस

जोऽ ध्यावे फल पावे , दुःख बििसे मि का, स्वामी दुःख बििसे मि का |


रे स सनिरे स सनि रे सस, प- म- ग रे स रे , रे ग म- प- धप मग रे

सख सम्पनत घर आऽवे , कष्ट ममटे ति का | ॐ जय जगदीश हरे ||


रे ग रे गम म- गरे स, स-रे रे गरे सऩि ध़ रे - - -गरे स ऩिस
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होठों से छू लो तुम

ऩिसरे ग- मगरे , रे गम- गप मगग , नि- ध पम मग गम मप

हो ऽ ठों ऽ से छू लोऽ तम , मेरा गीत अमर कर दो


प म म ग॒ ग॒ ग॒ म ग॒ रे - , रे ग॒ ग॒ मम ग॒ प मग॒ ग॒

िि जाओ मीत मेरे, मेरी प्रीत अमर कर दो


प म म ग॒ ग॒ - मग॒ रे ; रे ग॒ ग॒ म म ग॒ प म ग॒ ग॒
CHECK KOMAL BELOW
 िाऽ उम्र की सी ऽ मा ऽ हो, िा ऽ जन्म का हो िं धि
प ध नि नि नि धसनि नि ध प, प ध नि- ध प ग म प

जि प्यार करे को ऽ ई, तोऽ दे खे केवल मि


प ध नि नि निधस नि ध प, प ध नि- धप ग- म प

िई रीत चलाकर तम , येऽ रीत अमर कर दो


प म म ग॒ ग॒ ग॒ - म ग॒ रे - , रे ग॒ म- ग॒ प म ग॒ ग॒
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एक प्यार का िगमा है

एक प्यार का िग मा है ऽऽ, मौजो की रवा िी है


सरे ग - गम पम मग ग रे स-, सरे ग गम पम मग ग

जजन्दगी और कछ भी िहीं , तेरी मेरी कहािी है ऽऽ ऽऽऽऽ


गम प नि ध प मध- , पमग रे प पमध प मग- मगरे स

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 कछ पाकर खोिा है , कछ खोकर पा ऽऽ िा है
प संसं संरेंसं नि, प संसं सं गं रें सं नि

जीवि काऽ मत लि तो, आ ऽ िा और जाऽ िाऽ है ऽऽ


पधनि॒ नि॒ ध संनि॒ धप ध, ध नि सं संनि पध धप ग- रे स

दोऽ पल केऽ जी ऽवि से ऽऽ, एक उम्र चरा ऽ िी है


सरे ग गम पम मग ग रे स-, सरे ग गम पम मग ग

 तू धार हैं िददया की, मैं तेरा ककिारा हूूँ


तू मेरा सहारा है , मैं तेरा सहारा हूूँ
आूँखों में समंदर है , आशाओं का पािी हैं

 तफ
ू ाि तो आिा है , आकर चले जािा है
िादल हैं ये कछ पल का, छाकर ढल जािा है
परछईयाूँ रह जाती, रह जाती निशािी है

 Note: स- or ग- : means press it for long time.


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रात कली एक ख्वाब में आई

रात कली एक ख्वाि में आई ऽ ऽ ऽ ऽ,


सरे गम गरे ग- रे स सरे मगरे सऩि॒ ,

और गले का हाऽर हई
ऩि॒ रे रे रे रे ग मगस रे स

सिह को जि हम , िींद से जागेऽ,


गमप - - - -ग मप - - मगरे -

आूँख तम ही सेऽ चाऽरऽ हई


प- रे रे रे रे ग रे गम मग रे स

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 चाहे कहो इसे मेरी मोहब्ित, चाहे हूँसी में उडादो
गम पम गग गम पम गग, गमप मपध प धनि॒ ध-

ये क्या हआ मझे मझको खिर िहीं, हो सके तमही िता दो


नि॒ धनि॒ ध पप- धध पध पमम, गमपरे रे गम ध पमग

तमिे कदम तोऽ रखा जमीि पर, सीिे में क्यों झंकार हई ऽऽऽ
पसंसं सं नि॒ धप- पध पधप म, परे रे रे रे गम म गरे स

 आूँखों में काजल और लटों में काली घटाका िसेरा


सावली सूरत मोहिी मूरत, सावि रुतका सवेरा
जिसे ये मखडा ददल में खखला है , दनियाूँ मेरी गलजार हई

 यूूँ तो हसीिों के, माहजिीिों के हो तेहैं रोज िजारे


पर उन्हें दे ख के, दे खा है जि तम्हें , तम लगे और भी प्यारे
िाहों में ले लू ऐसी तमन्िा, एक िहीं कई िार हई

 Note: प - - - - : means press it a number of times upto the point.


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हम हैं इस पल यहााँ

हम हैं इस पल यहाूँ, जािे होऽ कल कहाूँ


ध॒ प म ग॒ म ध॒ स , सरे ॒ ग॒ म ग॒ ध़॒ ध़॒

हम ममले िा ममले, हम रहे ऽ िा रहे


ध॒ प मग॒ म ध॒ स , सरे ॒ ग॒ म प- मध॒

रहे गी सदा यहाूँ, ऽऽ प्यार की ये दास्तां


ध॒ पध॒ सं - - - - नि॒ ध॒ ध॒ प ध॒ रें ॒ - - -

सिें गे सदाऽ जजसे, ऽऽ ये जऽ मीं आसमां


रें ॒रें॒॒न॒ ि॒ नि॒ ध॒ नि॒ ध॒ प मग॒ ग॒ म मप म- ग॒ स
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 रं ग ढल जाते है , ददि िदल जाते है
ध॒ पध॒ पम ग॒ , प मप मस म

रातें सोऽ जाती है , राहें खो जाती है


ध॒ प ध॒ सं नि॒ ध॒ प, प मप मस म

प्यार खोता िहीं, ऽऽ प्यार सोऽता िहीं


ध॒ पध॒ सं - - - - - नि॒ ध॒ ध॒ प ध॒ रें ॒ - - - -

प्यार ढलता िहीं, ऽऽ हाूँ िदलऽ ता िहीं


रें ॒रें॒॒॒नि॒ नि॒ ध॒ नि॒ ध॒ प मग॒ ग॒ मम प म- ग॒ स

 हम जहाूँ आए हैं, मेहरिाि साए हैं


हम यहाूँ ख्वािों के, कारवाूँ लाए हैं
धडकिे हैं जवाि, गा रहा है समा
पपघली पपघली सी हैं, महकी तिहा ई याूँ

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ओ मेरे ददल के चैि

ओ मेरे ददल के चैऽि,


प मप प म पमरे

चैि आये मेरे ददल को दऽवा की जजये


रे म पम पध ध- ध पमध ध मप

 अपिा ही साया दे ख के तम,


नि॒ -ध नि॒ धप- धप ध पम
जाि – ए - जहांऽ शरमा गये
प- म पमग॒ रे ग॒प पप

अभी तो ये पहली मंजजऽल है ऽ,


नि॒ नि॒ ध नि॒ ध-प धप ध पम,
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तम तो अभी से घिरा गये
प- म पम ग॒ रे ग॒प- प- -

मेरा क्याऽ होगा, सोऽचो तो जरा ऽऽऽ


पध नि॒ रें पधनि॒ , धनि॒ सं नि॒ धधप मग॒ रे

हाय ऐसे िा आहें भराऽ की जजये


रे म पम पध ध-ध पमध ध मप

 आपका अरमां, आपका िाम मेरा तरािा और िही


इि झकती पलकों के मसवा, ददल का दठकािा और िही
जंचता ही िहीं, आूँखों में कोई
ददल तमको ही चाहे , तो क्या ककजजये

 यंू तो अकेला भी अक्सर, गगर के संभाल सकताहूूँ मैं


तम जो पकडलो हाथ मेरा, दनियाूँ िदल सकता हूूँ मैं
माूँगा हैं तम्हे , दनियाूँ के मलये
अि खद ही सिम फैसला ककजजये
26
छूकर मेरे मि को

छूकर मेरे मि को, ककया तूिे क्या इशारा


गग रे स ऩि- रे प़ध़ ऩिऩि स रे गरे स

िदला येऽ मौसम, लगे प्यारा जग सारा ऽऽऽऽऽ


प- मग मध- , नि- - - - - - धनि संसं निधपमग

 तू जो कहे जी वि भर
ग म मग स- प़ध़ ग-

तेरे मलए मैंऽ गाऽ ऊूँ, तेरे मलए मैंऽ गाऽ ऊूँ
गप पध धप पध सं- , पध नि॒ ध पम गरे गप
27
गीत तेरे िोऽलों पे
गम मग स प़ध़ ग
मलखता चलाऽ जा ऊं, मलखता चलाऽ जाऽ ऊं
गप प धध प पध सं, पध नि॒ ध पम गरे गप

मेरे गीतों में , तझे ढूंढे जग सारा, ऽऽऽऽऽऽ


पप मग म ध, नि- - - - - धनि संसं निधपमग

 आजा तेरा आूँचल यह प्यार से मैं भर दूँ ू


खमशयाूँ जहाूँ भर की तझको िजर कर दूँ ू
तू ही मेरा जीवि तू ही जीिे का सहारा

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ये शाम मस्तािी

ये शाम मस्तािी, मदहोश ककये जाए


स- - म पमरे स, स- -म मप- पध

मझे डोर कोई खींचे, तेरी और मलए जाएऽ


ध - - सं संरेंसं नि॒ संनि॒ , नि॒ ध धप संसं धपम
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 दरू रहती है तू , मेरे पास आती िहीं
रें - नि॒ सं रें सं - , मम रें - नि॒ सं रें सं

होठों पेऽ तेरे ऽऽऽऽऽऽ , कभी प्यास आती िहीं


म रें नि॒ सं रें सं नि॒ धपम , मम रें --- नि॒ सं रें सं

ऐसा लगेऽ जैसे के तूऽ, हूँस के जहर कोई पपए जाए


गंरें संसंनि॒ रें सं नि॒ नि॒ ध, प- - निसं नि॒ नि॒ धप म स

 िात जि मैं करू, मझे रोक दे ती है क्यों


तेरी मीठी िजर, मझे टोक दे ती है क्यों
तेरी हया, तेरी शमम, तेरी कसम मेरे होंठ मसये जाए

 एक रूठी हई, तकदीर जैसे कोई


खामोश ऐसे है त,ू तस्वीर जैसे कोई
तेरी िजर ििके जिां लेककि तेरे पैगाम ददए जाए

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सारे जहााँ से अच्छा

सारे जहाूँऽ से अच्छा, ऽ ऽ ऽ दहन्दोऽ स्तां हमारा


मम गरे ग रे ॒ रे रे - , रे रेऩिध़ ध़ऩिरे - गमे पमेमे

हमा ऽ राऽ , सारे ऽ जहाूँ से अच्छा


गप मे गरे , मम ग रे ग रे ॒ रे रे -

हम िल िले हैं इसकी येऽ गल मसता हमारा


मे प ध धध मे पनिध , मेप ध पम गरे रे

हमा ऽ राऽ , सारे ऽ जहाूँ से अच्छा


रे रे रे ॒ नि॒ ध॒ , ममग रे ग रे ॒ रे रे

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 परित वो सि सेऽ ऊं ऽ चा, हम साया आसमाूँ का
मे - - - - गप मे ग रे , ध़ऩि रे ग मे प मे मे

वो ऽ संतरी हमा ऽ रा , वोऽ पासिा हमारा॥ ऽ ऽ ऽ


मे प ध - - मेप नि ध , मेप ध- पम ग रे रे रे रे रेऩिध़

 गोदी मे खेलती है इसकी हजारो िददया


गलशि है जजिके दम से रश्क-ए-जिा हमारा॥

 मझहि िही मसखाता आपस मे िैर रखिा


दहन्दवी है हम वति है दहन्दोस्ताि हमारा॥

 कछ िात है की हस्ती ममटती िही हमारी


सददयो रहा है दश्मि दौर-ए-जमाि हमारा॥

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श्री हिम
ु ाि चालीसा

श्री गरु चरि सरोज रज, निज मि मकरु सधारर।


म - - -प पध पध-, सं- -नि॒ नि॒ प म-

िरिउूँ रघिर बिमल जस, जो दायक फल चारर॥


adjust सं नि॒ नि॒ प म- प नि॒ प म-, सं- - नि॒ प म –

िद्गध हीि ति जानिके, सममरौं पवि - कमार।


सं- पप नि॒ नि॒ संनि॒ सं, सं सं रें गं॒ रें सं

िल िगध बिद्या दे ह मोदह, हरह कलेस बिकार॥


मं - - - गगं॒ रें सं नि॒ रें संनि॒ धप, सं- - नि॒ प म म
33
जय हिमाि ज्ञाऽि गि सागर। जय कपीस नतहूँ लोक उजागर॥
म प प सं- संरेंसं नि॒ ध प प सं नि॒ धप मग रे प पध पध

राऽम दत
ू अतमलत िलधामा। अञ्जनि – पत्र पवि सत िामा॥
धनि॒ प सं- सं-रें रें गं॒रें सं- धनि॒ धप सं- सं-रें रें गं॒ रें सं-

महा िीर बि क्रम िजरङ्गी। कमनत निवार समनत के सङ्गी॥


संम-ं गं॒ रें सं नि॒ - रें सं नि॒ ध पप सं-नि॒ धपम ग- रे प- धपम

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पल पल ददल के पास

पल पल ददल केऽ पास, तम रहती ऽ हो


रे - ग- म- धप प-, रे - रे गग म म

जी वि मीठीऽ प्यास, ये कहऽतीऽ हो


ध- नि॒ सं- रें सं सं-, प पधधनि॒ ध

 हर शाम आूँखों पर , तेरा आूँऽचल लहराये ऽ


स रे - - , रे ध धपपम मगगरे स

हर रात यादोंऽ कीऽ, िाऽराऽत ले आये


स सं- संसंरें संनि॒ , नि॒ धधप प नि॒ नि॒ ध-

मैंऽ सांऽस लेऽता हूूँ, तेरी खशिू आती है


धप पध-प पमम स, धप पधप प- म म
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एक महका महका सा, पैऽगाऽम लाती है
ध- पधप पमम स, धप पध पप म

मेरे ददल की धडकि भीऽ, तेरे गीत गाती है


स सं सं संरें संनि॒ , नि॒ ध धपप नि॒ नि॒ ध-

 कल तझको दे खा था, मैंिे अपिे आूँगि में


जैसे कह रही थी तम, मझे िांध लो िंधि में
यह कैसा ररश्ता है , यह कैसे सपिे हैं
िेगािे होकर भी क्यों लगते अपिे हैं
मैं सोच में रहता हूूँ, डर-डर के कहता हूूँ

 तम सोचोगी क्यों इतिा मैं तमसे प्यार करू


तम समझोगी दीवािा, मैं भी इकरार करू
दीवािो की ये िातें , दीवािे जािते हैं
जलिे में क्या मजा है , परवािे जािते हैं
तम यूूँ ही जलाते रहिा, आ-आकर ख्वािों में
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